FIR Not Filed : 45 लाख की गड़बड़ी करने वाले निगमकर्मियों पर FIR नहीं हुई!

कर्मचारियों का आरोप, बगैर जांच-पड़ताल किए कार्रवाई की गई

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FIR Not Filed : 45 लाख की गड़बड़ी करने वाले निगमकर्मियों पर FIR नहीं हुई!

Indore : लोक अदालत में टैक्स जमा करने के दौरान सरचार्ज की छूट में गड़बड़ी कर 45 लाख का गबन करने वाले 23 भ्रष्ट कर्मचारियों पर निगम अभी तक FIR भी दर्ज नहीं करा सका है। आरोप हैं कि बगैर जांच-पड़ताल किए सिर्फ शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है। एफआईआर को लेकर निगम अपने विधि सलाहकारों से मंत्रणा कर रहा है। कर्मचारी भी खुद को निर्दोष बताने कोर्ट की शरण लेने की कोशिश में जुट गए।

पिछले माह बकाया और एडवांस टैक्स जमा कर सरचार्ज में छूट देने लोक अदालत का आयोजन किया गया था। इसमें निगम के खजाने में 40 करोड़ रुपए जमा हुए थे। राशि जमा कराने के लिए निगम ने अदालत का प्रचार करने के साथ ही सम्पत्ति धारकों को मोबाइल पर मैसेज भी दिए थे। यही कारण रहा कि सुबह से रात 12 बजे तक टैक्स जमा होता रहा।

लोक अदालत के दूसरे ही दिन यह मैसेज चलने लगे थे कि निगम ने राशि जमा होने के बाद भी बकाया निकाल दिया है। मामले में निगमायुक्त, महापौर ने अपना स्पष्टीकरण दिया था कि जिन सम्पत्ति धारकों की राशि जमा है, उन्हें बकाया के मैसेज गलती से फारवर्ड हो गए हैं। उधर, जिन कर्मचारियों पर निलंबन और बर्खास्तगी की गाज गिरी है, उनकी कुछ संपत्ति धारकों ने शिकायत की थी। शिकायत के बाद ताबड़तोड़ वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को शांत करने कर्मचारियों को दोषी मानकर कार्रवाई कर दी।

साफ्टवेयर में परेशानी

निगम के कोषालय में पदस्थ कर्मचारी लोक अदालत के पहले शिकायत दर्ज कर चुके हैं कि उनके कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर में परेशानी आ रही है। शिकायत के बाद सॉफ्टवेयर में सुधार नहीं किया गया, जिससे संपत्ति धारकों को गलत मैसेज मिलने लगे।

वसूली के लिए प्रयास

सूत्रों ने बताया कि निगम को इन 23 कर्मचारियों से गबन की राशि वसूलना है। पुलिस में रिपोर्ट किए बगैर राशि वसूल पाना संभव नहीं है। हालांकि, स्थाई कर्मचारियों के पीएफ व अन्य मदों की राशि समायोजित की जाएगी। लेकिन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से दिक्कत आएगी।

ये कहना है जिम्मेदारों का 

राजस्व विभाग के प्रभारी निरंजन सिंह चौहान के मुताबिक पूरे मामले में निगम अधिकारियों ने गलत जांच की है। सॉफ्टवेयर में दिक्कत की शिकायत दोषी कर्मचारी कर चुके हैं। जब तक सूक्ष्मता से जांच नहीं होती, एफआरआई मुश्किल है।

जबकि, निगम आयुक्त प्रतिभा पाल मुताबिक दोषी कर्मचारियों पर एक-दो दिन में एफआईआर कराई जाएगी। जांच में प्रथम दृष्टया वे दोषी है। सॉफ्टवेयर में दिक्कत को लेकर मेरे स्तर पर कोई शिकायत नहीं आई।