
नैनीताल में पर्यटकों को घुमाने लाया था कार चालक, ठंड लगने पर गाड़ी में जलाई कोयले की अंगीठी, सुबह मिला मृत
नोएडा से पर्यटकों को लेकर नैनीताल पहुंचे चालक को गाड़ी के अंदर कोयले की अंगीठी जलाना महंगा पड़ गया. कोयलों की गैस लगने से चालक की मौत हो गई.उत्तराखंड के नैनीताल में सोमवार को सुखताल पार्किंग में उस समय हड़कम्प मच गया, जब यहां नोएडा से पर्यटकों को लेकर आया ड्राईवर रविवार रात कार में ही अंगीठी जलाकर सो गया, और अन्दर दम घुटने से उसकी मौत हो गयी. ड्राईवर की पहचान की पहचान मथुरा के मनीष गांधार के रूप में हुई है. पुलिस ने कार का शीशा तोड़कर लॉक खोला उसके बाद शव को बाहर निकाला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के मथुरा के सिरोहा निवासी मनीष गंधार शनिवार यानी 27 दिसंबर को अपने टैक्सी वाहन संख्या UP 16 JT 8565 से नोएडा से पर्यटकों को लेकर नैनीताल पहुंचा था. रात करीब 9 बजे के आस पास सूखाताल पार्किंग में कार को पार्क किया, फिर कार के भीतर ही अंगीठी में कोयला जलाकर कंबल ओढ़कर सो गया.
आज की दोपहर तक जब वो नहीं उठा तो पार्किंग कर्मियों ने पुलिस को सूचना दी. सूचना पर कोतवाल हेमचंद्र पंत कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने वाहन को हिला डुला कर चालक को उठाने का प्रयास किया, लेकिन भीतर से कोई हरकत नहीं हुई तो शीशा तोड़कर बेसुध पड़े चालक को बाहर निकाला. जिसके बाद पुलिस उसे बीडी पांडे अस्पताल ले गई, लेकिन बीडी पांडे अस्पताल के डॉक्टरों ने कार चालक को मृत घोषित कर दिया.

बंद कमरे में पर्याप्त ऑक्सीजन न होने पर CO यानी कार्बन मोनोऑक्साइड बनती है, जो खून में हीमोग्लोबिन से जुड़कर ऑक्सीजन की सप्लाई रोक देती है. जो धीरे-धीरे बेहोशी और मौत का कारण बनती है. गहरी नींद की वजह से सोए व्यक्ति को पता नहीं चलता है, जिससे उसकी मौत हो जाती है.
अगर लक्षण की बात करें तो शुरुआत में सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, कमजोरी, मतली होती है. फिर बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ, त्वचा लाल की शिकायत होती है. इसके बाद व्यक्ति बेहोश हो जाता है. फिर उसकी जान चली जाती है.
बचाव के तरीके-
- बंद कमरे में अंगीठी कभी न जलाएं.
- खिड़की या दरवाजा खुला रखें. ताकि, हवा का संचार यानी वेंटिलेशन हो सके.
- सोने से पहले अंगीठी बुझा लें. यानी रात भर जलने न दें.
- कमरे में ज्यादा लोग न सोएं. इससे ऑक्सीजन जल्दी कम हो सकती है.
- घर में कार्बन मोनोऑक्साइड अलार्म लगा सकते हैं. यह गैस का स्तर बढ़ने पर अलर्ट करता है.
- गैस लगने या घुटन महसूस होने पर तत्काल ताजी हवा में जाएं. ऑक्सीजन लें और अस्पताल जाएं.





