कमलनाथ की रिपोर्ट के बाद संगठन से विधायकों की छुट्टी होना शुरू, MLA को अपने क्षेत्र में ही सक्रिय रहने के निर्देश

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भोपाल: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की एक रिपोर्ट के बाद अब विधायकों को संगठन के कार्याें से मुक्त करने का सिलसिला शुरू हो गया है। गुरुवार को जिला प्रभारियों के हुए ऐलान में तीन विधायकों को छोड़ कर कई विधायकों को जिले के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। तीनों विधायकों से पहले पूछ लिया गया था कि वे अपने क्षेत्र के साथ ही प्रभार वाले जिले में समय दे सकते हैं इसके बाद ही उन्हें जिले का प्रभार दिया गया है। अब इन सभी को अपने प्रभार वाले जिलों में महीने में कम से कम दस दिन देना होंगे।

सूत्रों की मानी जाए तो कमलनाथ की टीम ने कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें कई विधायकों की स्थिति बेहतर नहीं पाई गई थी। इसके बाद से ही नाथ ने यह तय कर लिया था कि नगरीय निकाय चुनाव के बाद विधायकों को संगठन के कार्यो से मुक्त किया जाएगा। संगठन को मजबूत करने के लिए कमलनाथ ने पहले कुछ विधायकों को भी इसकी जिम्मेदारी दी थी। जिसमें लखन घनघोरिया, पीसी शर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, बाला बच्चन, रवि जोशी, तरुण भनोट, कमलेश्वर पटेल सहित अन्य विधायकों को जिलों का प्रभार दिया गया था। गुरुवार को कमलनाथ ने जिलों के प्रभारियों को बदल दिया, इसमें से महज तीन विधायकों को छोड़कर सभी को इस दायित्व से मुक्त कर दिया गया है। वहीं इसमें अधिकांश ऐसे नेताओं को प्रभार दिया गया है, जो अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।

*प्रभार वाले जिलों में दस दिन जरुरी*

इधर प्रभारियों की नियुक्ति के साथ ही नाथ ने सभी को निर्देश दिए हैं कि सभी को अपने प्रभार वाले जिलों में कम से कम दस दिन देने ही होंगे। इस पूरी कवायद को मिशन 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए माना जा रहा है। नाथ हर जिले में अपने संगठन को मजबूत करना चाहते हैं। इसी क्रम में यह पहला बड़ा फेरबदल था।