बगावत पर सख्त BJP: महापौर, पार्षद प्रत्याशियों के विरुद्ध चुनाव लड़ने वालों पर एक्शन की रिपोर्ट मांगी

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Pachmarhi
Election

भोपाल: भाजपा अब पार्टी के बगावती कार्यकर्ताओं और नेताओं पर एक्शन को लेकर सख्त हो गई है। प्रदेश संगठन ने इसके लिए सभी जिला अध्यक्षों को फिर कहा है कि अब सभी तरह की रियायत और समय सीमा खत्म हो चुकी है। इसलिए जिन कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध महापौर पद के साथ पार्षद पद के  चुनाव में भी नामांकन भरा है, उनकी पूरी रिपोर्ट भेजें। यह रिपोर्ट पांच इसी माह भेजने के लिए कहा गया है ताकि बगावती नेताओं को लेकर पार्टी का साफ संदेश कार्यकर्ताओं तक पहुंच सके।

 हालांकि कई जिला अध्यक्ष प्रत्याशियों के साथ प्रचार और चुनाव प्रबंधन समिति की बैठकों व रणनीति के चलते इस पर त्वरित एक्शन की रिपोर्ट भेजने को लेकर गंभीर नहीं हैं। कई जिलाध्यक्षों की जानकारी में तो यह भी नहीं है कि वास्तव में कितने कार्यकर्ताओं ने पार्टी कैंडिडेट के विरुद्ध नामांकन भरा है और चुनाव लड़ रहे हैं।

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कांग्रेस महिला मोर्चा ग्वालियर की पूर्व जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता

महापौर पद के लिए कांग्रेस महिला मोर्चा ग्वालियर की पूर्व जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता और सतना में कांग्रेस के सईद अहमद ने तो चुनाव लड़ने के लिए पार्टी ही बदल ली। अहमद BSP के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। रुचि आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं। हालांकि, छिंदवाड़ा में BJP से बागी हुए जितेंद्र शाह को BJP ने मना लिया है, लेकिन वे चुनाव मैदान में बने रहेंगे।

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देवास में महापौर के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। यहां भाजपा से गीता अग्रवाल और कांग्रेस से विनोदिनी व्यास उम्मीदवार हैं, लेकिन प्रदेश कांग्रेस महासचिव शिवा चौधरी की बहू मनीषा चौधरी के निर्दलीय मैदान में उतरने से खेल बिगड़ सकता है। शिवा ने संगठन से मनीषा के लिए टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।


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रतलाम नगर निगम महापौर पद के लिए BJP और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है। महापौर पद के लिए यहां कुल 7 उम्मीदवार मैदान में हैं जिसमें भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ रहे अरुण राव BJP के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं। निर्दलीय महापौर चुनाव लड़ रहे राव तीन बार पार्षद रह चुके हैं। वर्तमान में वह भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी थे। जिन्हें पार्टी द्वारा वार्ड क्रमांक 11 में पार्षद पद के लिए टिकट नहीं दिया गया। इससे नाराज अरुण राव ने बगावत कर चुनावी ताल ठोंक दी।

कटनी में महापौर पद के लिए 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। यहां भाजपा की टेंशन बागी प्रीति सूरी बढ़ा रही हैं। वे पार्षद रहने के साथ ही निर्दलीय फार्म भरने के पहले महिला मोर्चा जिला मंत्री के पद पर थीं।

छिंदवाड़ा से महापौर पद चुनाव लड़ने के लिए 13 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। कांग्रेस के राघवेंद्र शाह, संजय परतेती, गुरु प्रसाद धुर्वे ने महापौर का अपना नामांकन वापस ले लिया, जबकि पार्टी से बागी हुए बालाराम परतेती अब भी मैदान में डटे हैं। यहां से कांग्रेस ने विक्रम अहाके को उम्मीदवार बनाया है।


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इसी प्रकार भाजपा की टेंशन BJP के बागी प्रत्याशी जितेंद्र शाह भी बढ़ा रहे थे लेकिन 26 जून को BJP उन्हें मनाने में कामयाब हो गई। ऐसा बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब शाह से फोन पर बात की, तब जाकर वे माने। जितेंद्र शाह बीजेपी के कार्यालय मंत्री रहे चुके हैं। ठीक चुनाव से पहले जितेंद्र शाह भाजपा किसान मोर्चा के कार्यालय मंत्री भी थे। महापौर की उम्मीदवारी में सबसे पहले जितेंद्र शाह का नाम तय हुआ था।