BJP’s New President Likely to be a Woman : साउथ मैं पैर जमाने के लिए बीजेपी क्या महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएगी!

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BJP’s New President Likely to be a Woman : साउथ मैं पैर जमाने के लिए बीजेपी क्या महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाएगी!

सबसे आगे जिस महिला नेता का नाम उनकी 5 भाषाओं पर पकड़ से बीजेपी को फायदा मिलेगा!

New Delhi : जल्द ही बीजेपी अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा करने वाली है। पार्टी के संगठनात्मक चुनाव पूरे होने के बाद मार्च के मध्य तक यह निर्णय लिया जाना तय है। बताया जा रहा है कि इस बार बीजेपी के इतिहास में पहली बार एक महिला को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। खास बात यह कि इस महिला नेत्री का संबंध दक्षिण इलाके से हो सकता है। यदि बीजेपी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाती है, तो इस दौड़ में वनथी श्रीनिवासन का नाम सबसे आगे समझा जा रहा हैं।

आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष दग्गुबाती पुरंदेश्वरी 66 साल की है। वे तेलुगू देशम पार्टी के संस्थापक और दिग्गज नेता रहे एनटी रामाराव की बेटी हैं। पुरंदेश्वरी टीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। 1996 में जब एनटी रामाराव का तख्तापलट किया था, उस वक्त पुरंदेश्वरी ने चंद्रबाबू नायडू का समर्थन किया था। उस वक्त उनके इस रुख की काफी चर्चा भी हुई थी।

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उन्होंने 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की थी। क्योंकि, वे तेलंगाना बनाए जाने के खिलाफ थी। उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली संगठन में अहम भूमिका निभाई। दग्गुबाती पुरंदेश्वरी को उनकी बेहतरीन भाषण शैली और पांच भाषाओं में महारत के कारण दक्षिण भारत की सुषमा स्वराज भी कहा जाता है। उनका राजनीतिक अनुभव और कार्यकर्ता के रूप में पहचान दक्षिणी राज्यों में बीजेपी को पैर जमाने में फायदेमंद साबित हो सकती है।

अध्यक्ष की दौड़ में संभावित पुरुष उम्मीदवार

यदि बीजेपी महिला अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं करती, तो पार्टी के अन्य वरिष्ठ पुरुष नेताओं पर विचार होगा। इनमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े के नाम प्रमुख हैं।

बीजेपी के अध्यक्ष का चयन इस बार सिर्फ पार्टी के भीतर की रणनीतियों पर आधारित नहीं होगा। आगामी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और गुजरात जैसे प्रमुख राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, और पार्टी अध्यक्ष का चयन इन चुनावों को ध्यान में रखकर किया जा सकता है। दक्षिण भारत में पार्टी का विस्तार करने के लिए वहां के नेता को जिम्मेदारी सौंपने पर विचार संभावित है।