
Case on False News : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाक की फायरिंग में भारतीय टीचर की मौत, TV चैनलों ने कहा ‘आतंकी मारा गया’, केस चलाने के आदेश!
Srinagar : ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी में शिक्षक मोहम्मद इकबाल (कारी इकबाल) की मौत हो गई थी। इसके बाद कुछ टीवी न्यूज चैनलों ने उन्हें लश्कर आतंकवादी बताया था। अब कोर्ट जम्मू-कश्मीर की एक अदालत ने उन चैनलों को फटकार लगाई है। अदालत ने न सिर्फ उन चैनलों को फटकारा, बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी आदेश दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 7 मई को पुंछ में शिक्षक मोहम्मद इकबाल की सीमा पार से की गई गोलाबारी में मौत हो गई थी। इसके बाद वकील शेख मोहम्मद सलीम ने स्थानीय कोर्ट से एफआईआर की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया था कि टीवी न्यूज चैनलों ने मोहम्मद इकबाल को एक लश्कर आतंकवादी के रूप में दिखाया और उनका नाम 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले से भी जोड़ दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, शेख मोहम्मद ने बताया कि कुछ चैनलों ने एक स्थानीय मदरसे की तस्वीर भी वायरल की थी, जिसमें शिक्षक को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीओके के कोटली में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के रूप में दिखाया गया। पुंछ के एसएचओ की रिपोर्ट में कहा गया दो टीवी न्यूज चैनलों ने शुरू में प्रसारित किया कि इकबाल एक पाकिस्तानी आतंकवादी था। बाद में उन्होंने इसे वापस ले लिया और स्पष्टीकरण के बाद माफी भी मांगी। कोर्ट ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि समाचार चैनलों द्वारा बाद में माफी मांग लेने से पहले का नुकसान ठीक नहीं हो जाता।
जज सजफीक अहमद ने पुंछ पुलिस स्टेशन के एसएचओ को बीएनएस की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मामले में, एक मृतक शिक्षक को बिना किसी वेरिफिकेशन के पाकिस्तानी आतंकवादी के रूप में बताना गलत है। इसे केवल पत्रकारिता की चूक के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता है। ये हरकत सार्वजनिक शरारत और मानहानि के बराबर है।
इससे लोगों में आक्रोश पैदा हो सकता है, सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है। साथ ही मृतक की प्रतिष्ठा कमजोर हो सकती है। जज ने कहा कि आज के डिजिटल युग में गलत सूचना तेजी से फैल सकती है, इससे भ्रम और अशांति पैदा हो सकती है। इससे पहले इकबाल के परिवार ने दोनों समाचार चैनलों को कानूनी नोटिस भेजकर 5-5 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की थी।




