अजब-गजब
Cherry, Mulberry, Strawberry.. जितना चाहे तोड़ो व फ्री में खाओ
महेश बंसल
फलों के विशाल बागों के बाहर लम्बी चौड़ी पार्किंग में भी जगह नहीं है। सप्ताहांत में इन बागों पर आने वाले अनेक पर्यटकों को निराश होकर वापसी जाना पड़ता है। बच्चों के साथ फलों को स्वयं तोड़कर फ्री में खाने की अभिलाषा पूरी न होने का दुःख पाले 50 से 75 मील का पुनः सफर कर घर वापसी आना दुखदायी तो होगा ही।
जी हां ‘लूट सके तो लूट ले’ की यह स्कीम मई-जून में अमेरिका के केलीफोर्निया की सिलिकॉन वैली के सेन फ्रांसिस्को से लगभग 60 मील दूर ब्रेंटवुड में फलों के असंख्य बागों में रहती है, जिसे चेरी पिकिंग कहा जाता है। चेरी के अतिरिक्त आड़ू,बेर, खुबानी, स्ट्राबेरी, मलबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी के विशाल अनेक बगीचों में स्वयं पेड़ों में से फलों को तोड़ें, वहीं पर खाएं, कोई पैसा नहीं, लेकिन यदि अपने ही तोड़े हुए फल घर ले जाना चाहते है तो बाजार भाव से पैमेंट करना पड़ता है। ऊंचाई पर लगे फलों को तोड़ने हेतु सीढ़ी भी उपलब्ध रहती है।
हमने भी एक रविवार को चेरी, स्ट्राबेरी एवं मलबेरी के तीन अलग-अलग बागों में सपरिवार यह लुत्फ लिया था। यहां अधिसंख्य बगीचों में आर्गेनिक खेती की जाती है। इस जगह पर्यटकों को, विशेष रूप से बच्चों को तो बहुत आनंद आता है, शानदार पिकनिक भी हो जाती है। मई जून में बच्चों के स्कूल का ग्रीष्मकालीन अवकाश भी रहता है, अतः बहुत अधिक भीड़ हो जाती है। फलों के बाग के मालिकों के लिए भी यह स्कीम फायदेमंद है। अमेरिका में मानवश्रम बहुत मंहगा है। ऐसी स्थिति में फलों को तोड़ना एवं उन्हें बाजार तक ले जाने का खर्च बच जाता है। वहां जाने वाला प्रत्येक पर्यटक खुद के तोड़े फल बाजार भाव से पैमेंट कर घर ले जाता ही है। बढ़ती भीड़ के मद्देनजर कुछ एक बागों में प्रवेश शुल्क भी लगा दिया है।
महेश बंसल, इंदौर