Collector in Organic Haat : जब कलेक्टर ठेले पर बेचने लगे हाट में सब्जियां, लोग आश्चर्य से देखने लगे!
Shajapur : कोई कलेक्टर रविवार की छुट्टी के दिन सब्जी बेचने लगे तो आश्चर्य तो होगा ही। ऐसा ही कुछ बीते रविवार को हुआ जब कलेक्टर शहर के टंकी चौराहे पर लगने वाले साप्ताहिक ऑर्गेनिक हाट बाजार में ऑर्गेनिक सब्जियों को बढ़ावा देने के लिए किसानों के साथ सब्जी बेचने लगे। दरअसल, उनका मकसद ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना था। उन्होंने ऑर्गेनिक सब्जियों के फायदे भी किसानों और लोगों को बताए।
रविवार को शाजापुर के आर्गेनिक हाट बाजार में सैकड़ों खरीददार व अन्य सब्जी व्यवसायी अपने बीच कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल को अलग भूमिका में देखकर अचरज से भर गए। कलेक्टर अपनी मूल भूमिका से अलग सब्जी विक्रेताओं की तरह एक खास कारण से सब्जियां बेचने लगे।
शहर में हर रविवार को जैविक फसलों के बाजार को बढ़ावा देने के लिए जैविक हाट बाजार शुरू किया गया था। शुरू में इस बाजार में दो दर्जन दुकानें थीं। लेकिन, ग्राहक नहीं मिलने से इसका आंकड़ा रविवार को एक दुकान तक सीमित हो गया। अब तीन किसानों ने जैविक सब्जियों की दुकान लगा ली।
जैविक सब्जियों को बढ़ावा देने और किसानों को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कलेक्टर रविवार को ऑर्गेनिक हाट बाजार पहुंचे और वहां सब्जियां बेचने के फायदे बताए। कलेक्टर ने कहा कि ऑर्गेनिक सब्जियां व फल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। अगले सप्ताह इस विषय को लेकर एक कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी, जिसमें ऑर्गेनिक सब्जियों के फायदे समझाने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा। जिले में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश शाजापुर को ऑर्गेनिक शाजापुर बनाने की होना चाहिए।
कैसे हुई जैविक बाजार की शुरुआत
शाजापुर टंकी चौराहा स्थित पुरानी मंडी में तत्कालीन कलेक्टर दिनेश जैन ने 22 जनवरी को स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत व आत्मनिर्भर भारत के लिए जैविक फसलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जैविक बाजार का शुभारंभ किया था। बाजार शुरू होने पर लगभग 24 किसानों ने जैविक फलों, सब्जियों और दालों की दुकानें लगाई। लेकिन, बाजार में ग्राहक नहीं होने और फल-सब्जी कम होने से बाजार में दुकानों की संख्या लगातार घटती चली गई।
इसलिए घटी दुकानें
कुड़ाना गांव के किसानों ने बताया कि जैविक बाजार में आने वाले ग्राहक तरह-तरह की सब्जियों की मांग करते हैं। लेकिन, यहां उन्हें पर्याप्त सब्जियां नहीं मिलती। जिससे बाजार में काफी कम ग्राहक आ रहे हैं। ग्राहकी घटने से मुनाफा भी घट रहा है। यही कारण रहा कि ऑर्गेनिक हाट का स्वरूप घटता गया।
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