Collector’s Invitation Banquet : कलेक्टर, एसपी ने पहले स्टूडेंट्स को खाना परोसा, फिर साथ बैठकर खाया!

जानिए, कहां और क्यों दिया कलेक्टर ने बच्चों को ये भोज!

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Collector’s Invitation Banquet : कलेक्टर, एसपी ने पहले स्टूडेंट्स को खाना परोसा, फिर साथ बैठकर खाया!

Raipur : रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने अपने जन्मदिन के मौके रायपुर के एक स्कूल में ‘न्योता भोज’ दिया। वे सपरिवार मौजूद रहे। धरमपुरा के नवीन प्राथमिक शाला स्कूल पहुंचकर कलेक्टर और एसपी संतोष सिंह ने पहले बच्चों को खाना परोसा, फिर उनके साथ नीचे बैठकर खाना खाया। डीएफओ समेत कई अधिकारी इस न्योता भोज में शामिल हुए। मेन्यू में बच्चों को पुड़ी, सब्जी, दाल, चावल और खीर परोसी गई। कलेक्टर ने बच्चों के पास जाकर उनकी पसंद के व्यंजन पूछे। आखिरी में केक भी खिलाया। भोजन करते समय बच्चों के चेहरे पर खुशियां झलक रही थी। बच्चों ने कलेक्टर को गिफ्ट के रूप में फूल दिया।

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के साथ अब बच्चों को ‘न्योता भोज’ भी दिया जा सकता है। शुक्रवार को इसके लिए सरकार की ओर से निर्देश भी जारी किए। इसी के तहत शनिवार को पहला न्योता भोज रायपुर कलेक्टर ने बच्चों को कराया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत प्रदेश के स्कूलों में खास मौकों पर दानदाता पौष्टिक आहार का दान कर सकते हैं, ताकि बच्चों को और ज्यादा आहार-पोषण मिल सके।

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‘न्योता भोजन’ पूरी तरह से सामाजिक भागीदारी पर होगा। लोग चाहें तो अलग-अलग त्योहारों, एनिवर्सरी, जन्मदिन, राष्ट्रीय त्योहारों के मौकों पर स्कूल में भोजन दान कर सकते हैं। ये दान पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। समुदाय का कोई भी वर्ग इसमें अपना योगदान दे सकेगा। पौष्टिक और मौसमी फलों का भी दान किया जा सकेगा। स्कूलों में बच्चों से पूछकर भी खाने की ऐसी सूची तैयार की जानी चाहिए जो बच्चे ‘न्योता भोजन’ में खाना चाहते हों। इस सूची को दान-दाताओं को उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे वे बच्चों की पसंद की चीजें इस भोज के लिए ला सकें।

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ये वस्तुएं दान की जा सकेगी
शाला के लिए पूरा भोजन, कक्षा विशेष के लिए पूरा भोजन, अतिरिक्त पोषण आहार हो सकता है। इसके अलावा पोषण आहार के लिए स्कूलों में सामग्री भी दे सकते हैं। जिसे वहां की रसोई में ही बनाकर बच्चों को परोसा जाएगा। दान-दाताओं से मिलने वाली खाने-पीने की चीजें क्षेत्र की खाने की आदतों के अनुसार होना जरूरी है। नियमित रूप से दिए जाने वाले भोजन की तरह बच्चों को दाल, सब्जी और चावल सभी दिया जाना है। फल, दूध, मिठाई, बिस्कुट, हलवा, चिक्की, अंकुरित जैसी चीजें बच्चों को पूरक पोषण सामग्री के रूप में दी जा सकती हैं।