चुनावी राजनीति में सत्ता और सट्टे का खतरनाक खेल 

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चुनावी राजनीति में सत्ता और सट्टे का खतरनाक खेल 

दीपावली का त्यौहार है और समाज की धूमधाम के साथ नेताओं को भी रामायण और महाभारत के सही या गलत तथ्यों के कारण विवादों में उलझना पड़ रहा है | महाभारत काल से जुआ सबसे बड़े सत्ता के युद्ध का कारण माना गया | इसी तरह भारत में सट्टा- जुआ और शराब की अवैध अरबों रुपयों की कमाई तथा नेताओं की भागेदारी इस समय बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है | छत्तीसगढ़ में सट्टे के धंधे के तार सत्ताधारी नेताओं से जुड़े मामलों पर छापेमारी , गिरफ्तारी और गंभीर आरोपों के साथ अदालत में गुहार लग रही है | मध्य प्रदेश में एक बड़ी शराब निर्माता कंपनी पर करोड़ों के आय कर की चोरी को लेकर देश के 50 ठिकानों पर छापेमारी हुई है | इसमें भी राजनेताओं को अवैध कमाई देने , चुनाव में धन और शराब बांटने के आरोप लग रहे हैं | शराब के धंधे से अवैध कमाई के आरोप में दिल्ली की आम आदमी पार्टी के नेता पूर्व मंत्री महीनों से हिरासत में हैं और अदालत से जमानत तक नहीं मिल पा रही है |

बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि दुनिया में शराब के व्यापार में भारत तीसरे नंबर पर है | करीब तीरं अरब डालर शराब की कमाई है | भारत की शराब संपन्न विकसित देशों तक बिक रही है | लेकिन भारत में इसके ठेकों पर सरकारी अंकुश – नियमों के कारण अवैध कमाई नेताओं – अधिकारियों तक भ्रष्टाचार के रुप में जाती है | मतलब शराब , सट्टा और क्रिकेट के खेल पर भी सट्टे को लेकर अरबों का धंधा फल फूल रहा है | समय के साथ धंधे में आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रभाव भी आ गया है | भारत में घुड़दौड़ और लॉटरी कानूनी हैं। घुड़दौड़ में कुछ पूर्व कौशल शामिल हैं, इसलिए यह जुआ के बारे में नहीं है | कई भारतीय राज्यों ने लॉटरी को वैध कर दिया है। ये गोवा, केरल, अरुणाचल प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, मिज़ोरम, मणिपुर, मेघालय, पंजाब, नागालैंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम हैं |ऑनलाइन जुआ और भूमि-आधारित कैसीनो को गोवा, सिक्किम, नागालैंड और दमन में सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1976 के तहत वैध किया जाता है | महाराष्ट्र ने जुआ को प्रतिबंधित कर दिया है और जुआ खेलने के बॉम्बे रोकथाम के तहत जुआ को अवैध मानते हैं | ई-गेमिंग (चांस के खेल) को सिक्किम और नागालैंड में वैध किया गया है |तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश कौशल के खेल को तेलंगाना राज्य गेमिंग अधिनियम, 1974 के अनुसार अवैध मानते हैं |अखिल भारतीय गेमिंग फेडरेशन, रम्मी फेडरेशन और फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स ने अपने सभी विज्ञापनों के लिए एक स्व-विनियमन कोड अपनाया है। भारत में जुआ सट्टा खेलना दंडनीय अपराध है। विडंबना यह है कि फिर भी इस देश में करोड़ों अरबों का जुआ सट्टा चलता है।

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केंद्र सरकार ने पिछले दिनों महादेव बेटिंग ऐप समेत 22 अवैध बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है | इसमें ‘महादेव बुक ऑनलाइन’ और ‘रेड्डीयान्ना प्रेस्टोप्रो’ प्लेटफॉर्म शामिल है | सरकार का ये आदेश ऐसे समय आया है जब इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) महादेव ऐप के खिलाफ जांच कर रही है | इस मामले ने चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ की राजनीति गर्माई हुई है | राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पर इस बेटिंग ऐप को स्थापित करने में मदद करने के आरोप लगे हैं | महादेव सट्टा एप मामले में भारतीय प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 14 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में अपराधिक परिवाद को पेश किया है। ईडी का यह अपराधिक परिवाद करीब दस हजार पन्नों का है। ईडी ने महादेव सट्टा एप मामले को 6 हजार करोड़ का बताया है।महादेव सट्टा एप मामले में भारतीय प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 14 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में अपराधिक परिवाद को पेश किया है। ईडी का यह अपराधिक परिवाद करीब दस हजार पन्नों का है। ईडी ने महादेव सट्टा एप मामले को 6 हजार करोड़ का बताया है। ईडी ने कोर्ट को बताया है कि प्रारंभिक तौर पर 41 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। महादेव सट्टा एप मामले में ईडी ने अदालत में 9084 पन्ने का परिवाद पेश किया है। इनमें अपराधिक परिवाद 197 पन्नों का जबकि इससे संबंधित अभिलेख 8887 पन्नों का है। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।

महादेव ऐप का फाउंडर सौरभ चंद्राकर बेहद सामान्य परिवार से है | 2018 से पहले वह भिलाई में रहता था और ‘महादेव जूस सेंटर’ चलाता था. उस समय उसे ऑनलाइन ऐप्स पर सट्टा खेलने का शौक लग गया और इसी बीच 10 से 15 लाख रुपए का घाटा कर लिया | महादेप ऐप का को-फाउंडर रवि उप्पल भी सौरभ का पुराना दोस्त है |फिर आया वो दौर जब दोनों पर पैसे की बारिश हुई. दोनों दुबई गए और किसी तरह पैसे जुटाने में सफल रहे. इसके बाद दोनों ने मिलकर खोली ‘महादेव बुक ऐप’. सौरभ चंद्राकर ने इसका नाम अपने छत्तीसगढ़ के भिलाई वाले जूस सेंटर के नाम पर ही रखा | इस ऐप को डेवलप करने का काम भारतीय और यूरोपीय कोडर्स ने किया. इसे 2020 में लॉन्च किया गया. फिर दोनों ने मिलकर इस ऐप के 2,000 से ज्यादा सेंटर खोले |सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने ‘महादेव ऐप’ का कारोबार फैलाने के लिए कमीशन मॉडल अपनाया. जो भी लोग ऐप पर सट्टा खिलाने का सेंटर चलाते, उन्हें कलेक्शन के हिसाब से कमीशन मिलता. ईडी की जांच में कहा गया है कि सेंटर्स पर भारी संख्या में कलेक्ट होने वाला कैश हवाला नेटवर्क के माध्यम से दुबई भेजा जाता था. इसमें दाऊद इब्राहीम की गैंग के आदमी उनकी मदद करते थे |महादेव बुक ऐप पर कई तरह के गेम्स लोगों को ऑफर किए जाते. इसमें पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट शामिल है.

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खेलों के आनलाइन गेमिंग एप महादेव के खिलाफ कई शिकायतें मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने जब शिकंजा कसा तो ये पता लग रहा है कि इस एप के जरिए बड़े स्तर पर खेलों की अवैध सट्टेबाजी का धंधा भी चल रहा था | भारत में क्रिकेट का सट्टाबाजार इतना बड़ा और इतनी मोटी रकम का है कि जानकर हैरानी हो सकती है | ऐसा लगता है कि कई गेमिंग एप भी इस काले कारोबार का हिस्सा बन रहे हैं. सारी कोशिश के बाद भी सट्टेबाजी पर कभी शिकंजा नहीं कसा जा सका. है | भारत का सट्टा बाजार करीब तीन लाख करोड़ या इससे अधिक रकम का है | ये लगातार तेजी से बढ़ रहा है. ज्यादातर सट्टेबाजी अंडरवर्ल्ड के माफिया अपराधियों द्वारा संचालित होती है | वो किसी न किसी रूप में खेल और खिलाडिय़ों दोनों को अपने तरीके से प्रभावित करने की कोशिश में लगे रहते हैं. वो अपने फायदे में मैचों को फिक्स कराना चाहते हैं. इसको लेकर खिलाडिय़ों पर फांसने की कोशिश होती है |

कई बार खिलाडिय़ों को धमकियां भी मिलती रहती हैं |पिछले कुछ बरसों में एशियाई मुल्कों में मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग की घटनाएं भी इसलिए बढ़ रही हैं | ज्यादातर मैचों पर फिक्सरों की निगाह लगी होती है. हम ये देख चुके हैं कि सट्टेबाजी पर रोकथाम की जितनी कोशिश हाल के बरसों में हुई है, इसने अपने पैर उतने ही ज्यादा फैलाए हैं | वैसे नई तकनीक ने सट्टेबाजी के फैलाव को तेज किया है | बहुत सी इंटरनेशनल गैम्बल वेबसाइट्स भारतीय नागरिकों को आनलाइन जुआ खेलने या सट्टेबाजी करने का निमंत्रण देती हैं | इसमें भी भारत से करीब दस हजार करोड़ रुपये से ऊपर की रकम का सट्टा लगाया जाता है | क्रिकेट में सट्टेबाजी की निगरानी आसान नहीं है | ये काला धन अवैध सट्टेबाजी के संचालकों के जरिए उन हाथों तक पहुंचता है, जो देश में सुरक्षा औऱ प्रगति में सेंध लगा रहे हैं | कुछ समय पहले काले धन पर गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम यानि एसआईटी ने भी क्रिकेट में सट्टेबाजी और काले धन के रिश्तों की बात कही थी |बहुत हद तक सट्टेबाजी में लगने वाला धन आपराधिक जगत की तमाम गतिविधियों का हिस्सा भी बनता है | भारत जैसे देश में भी खेलों की सट्टेबाजी पर लगने वाले धन से सबसे ज्यादा फायदे में अंडरवर्ल्ड और माफिया रहते हैं |

क्रिकेट में सट्टेबाजी का धंधा हर मैच पर करीब दो अरब डालर (दो सौ करोड़ रुपए) का है. (हालांकि अघोषित तौर पर ये आंकड़ा हर मैच में सात सौ करोड़ रुपए का बताया जाता है). सट्टेबाजी के गैरकानूनी माफिया सिंडिकेट, आधुनिक मैच फिक्सर्स यहां पैर जमा चुके हैं. कारोबार इतने सुव्यवस्थित तरीके से फैला है कि सोचा भी नहीं जा सकता |टी20 और एक दिवसीय मैचों में सट्टा का बाजार अपने चरम पर होता है. मैच शुरू होने से पहले ही भाव तय कर दिए जाते हैं | हालांकि इस दौरान भी कोडवर्ड का प्रयोग किया जाता है | अलग अलग रकम को अलग अलग कोड के तौर पर बुलाया जाता है |ग्लोबल इकोनॉमी के एशिया की ओर शिफ्ट होने के साथ खेलों में सट्टेबाजी और जुए का बड़ा व्यवसाय़ भी संगठित और संरचनात्मक ढंग से एशिया में जड़ें जमा चुका है |

भारत में आईपीएल में फिक्सिंग के आरोपों और धरपकड़ के बाद सुप्रीमकोर्ट ने जस्टिस मुकुल मुदगल कमेटी को इसकी जांच के लिए नियुक्त किया था | उन्होंने अपने रिपोर्ट में कहा कि आईपीएल में फिक्सिंग और सट्टेबाजी के तार विदेशों से जुड़े हैं | लिहाजा जो सामने नजर आ रहा है, वो बहुत छोटी मछलियां हैं | असली खिलाड़ी और बाहर मछलियां बाहर हैं और वो वाकई बहुत बड़ी हैं |दुनियाभर में बढ़ती सोशल नेटवर्किंग और मोबाइल के प्रचलन ने खेलों के अवैध कारोबार को और मजबूत किया है | ज्यादातर अपराधी टैक सेवी हैं | अंतरराष्ट्रीय तौर संगठित अपराधियों के लिए खेलों में सट्टेबाजी और फिक्सिंग मुफीद कारोबार बनता जा रहा है | चीन, दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में ये बड़े पैमाने पर फैलकर गैम्बलिंग इंडस्ट्री का रूप ले चुका है | इसलिए गैंबलिंग सट्टे को क़ानूनी इजाजत की मांग करने वाले संगठन भी सक्रिय हैं | बहरहाल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अवैध धंधों और अरबों की काली कमाई पर कठोर कार्रवाई का अभियान जारी रखे हुए हैं | दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के साथ ईमानदारी से धन मिलने और महाभारत की तरह हिंसा युद्ध नहीं होने की शुभकामनाएं दी जाएं |

Author profile
ALOK MEHTA
आलोक मेहता

आलोक मेहता एक भारतीय पत्रकार, टीवी प्रसारक और लेखक हैं। 2009 में, उन्हें भारत सरकार से पद्म श्री का नागरिक सम्मान मिला। मेहताजी के काम ने हमेशा सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।

7  सितम्बर 1952  को मध्यप्रदेश के उज्जैन में जन्में आलोक मेहता का पत्रकारिता में सक्रिय रहने का यह पांचवां दशक है। नई दूनिया, हिंदुस्तान समाचार, साप्ताहिक हिंदुस्तान, दिनमान में राजनितिक संवाददाता के रूप में कार्य करने के बाद  वौइस् ऑफ़ जर्मनी, कोलोन में रहे। भारत लौटकर  नवभारत टाइम्स, , दैनिक भास्कर, दैनिक हिंदुस्तान, आउटलुक साप्ताहिक व नै दुनिया में संपादक रहे ।

भारत सरकार के राष्ट्रीय एकता परिषद् के सदस्य, एडिटर गिल्ड ऑफ़ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष व महासचिव, रेडियो तथा टीवी चैनलों पर नियमित कार्यक्रमों का प्रसारण किया। लगभग 40 देशों की यात्रायें, अनेक प्रधानमंत्रियों, राष्ट्राध्यक्षों व नेताओं से भेंटवार्ताएं की ।

प्रमुख पुस्तकों में"Naman Narmada- Obeisance to Narmada [2], Social Reforms In India , कलम के सेनापति [3], "पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा" (2000), [4] Indian Journalism Keeping it clean [5], सफर सुहाना दुनिया का [6], चिड़िया फिर नहीं चहकी (कहानी संग्रह), Bird did not Sing Yet Again (छोटी कहानियों का संग्रह), भारत के राष्ट्रपति (राजेंद्र प्रसाद से प्रतिभा पाटिल तक), नामी चेहरे यादगार मुलाकातें ( Interviews of Prominent personalities), तब और अब, [7] स्मृतियाँ ही स्मृतियाँ (TRAVELOGUES OF INDIA AND EUROPE), [8]चरित्र और चेहरे, आस्था का आँगन, सिंहासन का न्याय, आधुनिक भारत : परम्परा और भविष्य इनकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं | उनके पुरस्कारों में पदम श्री, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट, भारतेन्दु हरिश्चंद्र पुरस्कार, गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार, पत्रकारिता भूषण पुरस्कार, हल्दीघाटी सम्मान,  राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार, राष्ट्रीय तुलसी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार आदि शामिल हैं ।