Death Sentence to 2 Child Killers : 7 साल के मासूम की हत्या करने वाले 2 को फांसी, 4 करोड़ की फिरौती के लिए वारदात!
इंदौर। 4 करोड़ की फिरौती के लिए 7 साल के बच्चे हर्ष का अपहरण करने वाले दो आरोपियों विक्रांत और ऋषिक को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई। जबकि, उनके साथी हरिओम को दोषमुक्त कर दिया। आरोपियों ने 5 जून 2023 को महू तहसील की ग्राम पंचायत पिगडंबर में वारदात को अंजाम दिया था। मृतक के पिता जितेन्द्र सिंह चौहान कांग्रेस नेता हैं।
जिला अदालत ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद मिश्रा ने सात वर्षीय हर्ष चौहान की हत्या के मामले में विक्रांत ठाकुर (25) और रितिक ठाकुर (23) को भारतीय दंड विधान की धारा 364-ए (फिरौती के लिए अपहरण), धारा 302 (हत्या) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया। सजा में नरमी बरतने को लेकर बचाव पक्ष की गुहार खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि यदि अपराध को अंजाम देने का तरीका, इसकी भयावहता और आरोपी का दुस्साहस ऐसा है जो समाज की समग्र आत्मा को आघात पहुंचाता है और मानवता की समग्र आत्मा पर कुठाराघात करता है। ऐसे मामले में आजीवन कारावास का दंडादेश अपर्याप्त महसूस होता है। विशेष न्यायाधीश ने सात वर्षीय बच्चे के हत्याकांड को विरल से भी विरलतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए दोनों मुजरिमों को मृत्युदंड सुनाया।
एडवोकेट आशीष शर्मा ने बताया कि हर्ष घर के बाहर खेल रहा था। तभी आरोपी ऋतिक उसे घुमाने का कहकर अपने साथ ले गया। देर शाम पुलिस को जैसे ही मासूम के अपहरण की सूचना मिली। पुलिस सक्रिय हो गई और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जब दोनों ही आरोपी परिचित निकले तो परिवार भी दंग रह गया। रितेश उर्फ ऋतिक और विक्की उर्फ विक्रांत ने यह साजिश रची थी।
उज्जैन से खरीदी थी सिम
पूछताछ में पता चला था कि आरोपियों ने फिरौती के लिए जिस सिम का इस्तेमाल किया था, उसे उज्जैन से खरीदी थी। सिम आगर (शाजापुर) के किसी व्यक्ति के नाम से थी। वहीं जिस कार में दोनों आरोपी मासूम को लेकर गए थे, वह विक्की की किसी रिश्तेदार की थी। विक्की ने बताया था कि पहले उन्होंने बच्चे को बातों में उलझाया और ओंकारेश्वर का बोलकर लेकर गए थे। सीसीटीवी में ऋतिक उसे (हर्ष) को ले जाते दिखाई दिया था।
दादू कहकर बुलाता था मासूम
दोनों आरोपियों के बारे में पुलिस ने बताया कि कुछ समय पहले हर्ष के पिता की कोई बड़ी डील हुई थी। ऋतिक उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में जानता था। उसने चाचा अशोक के बेटे विक्की के साथ साजिश रचना शुरू की थी। अशोक शाजापुर में सिपाही है। उसके निधन के बाद विक्की के बड़े भाई देवेश को कांस्टेबल में अनुकंपा नौकरी लग गई। वहीं, ऋतिक पीथमपुर स्थित फैक्ट्री में काम करता था और राऊ सर्कल के पास किराए से रहता था। 15 दिन से उसने हर्ष से नजदीकियां बढ़ा ली थी और उसके साथ घुमना फिरना भी शुरू कर दिया था। मृतक विक्की को दादू कहकर बुलाता था।
पिता को छुड़वाया इसलिए रंजिश पाली
पुलिस जांच में सामने आया कि ऋतिक की मां की 15 साल पहले हत्या हो गई थी। उसके पिता सुभाष ने ही उसे जलाकर मार दिया था। सुभाष कुछ समय पहले जेल से छूटा था। जितेंद्र ने ही ऋतिक के पिता सुभाष को जेल से छूटने में मदद की थी। ऋतिक को इस बात का मलाल था कि जितेंद्र ने पिता को क्यों छुड़वाया।