Facts About Halloween: जानिए कैसे शुरू हुआ ‘डरावना त्योहार’ हैलोवीन
न्यूयॉर्क [USA] से स्वाति तिवारी की विशेष रिपोर्ट
यहाँ घूमते हुए मार्केट जाते हुए ऑरेंज कलर के बड़े बड़े कद्दू देखे, पहली बार लगा कि कद्दू यहाँ बहुत ज्यादा होता है, और खाया भी जाता होगा। खोजखबर और थोड़ी पहले से प्राप्त जानकारी से यह तो पता था कि हैलोवीन{Halloween} पर कद्दू सजाए जाते है, लेकिन जो कद्दू बाजार में है उनका व्यंजन से संबंध नहीं है वे केवल सजावट के लिए है। हाँ कद्दू से बने व्यंजन जो कि मीठे बनाए जाते हैं, या सूप के रूप में भी उपयोग होता है वे अलग किस्म के होते हैं। तब फिर इस पर्व और इन कद्दुओं मे रुचि जागी और जो जानकारी प्राप्त हुई उसकी एक रिपोर्ट आपके लिए भी प्रस्तुत है —कहते हैं कि फसल के मौसम में किसानों की मान्यता थी कि बुरी आत्माएं धरती पर आकर उनकी फसल को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए उन्हें डरा कर भगाने के लिए वे खुद डरावना रूप अख्तियार कर लेते थे। मगर आधुनिक युग में यह एक मौज-मस्ती और छुट्टी मनाने का अच्छा तरीका बन गया है। धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता भी काफी बढ़ती जा रही है।कहा जाता है कि फलों और पेड़ों की रोमन देवी पोमोना का सम्मान करने वाला दिन। पोमोना का प्रतीक सेब है, जो हैलोवीन पर सेब चुनने की प्रक्रिया कही जा सकती है।फसल और किसान से भी संबंध है, तो एक तरह से यह नए खाद्यान्न के आने और फिर तेज सर्दियों के सर्द दिनों से ठीक पहले का एक उत्सव है जो धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है, और तीसरा विज्ञान की तकनीकी की तमाम ऊँचाइयाँ हासिल कर लेने के बाद भी मनुष्य किसी भी देश धरती पर रहे बुरी आत्माओं और पराशक्तियों का भय उसकी एक सामान्य मानसिक प्रवृति है जिसके वह समाधान भूतड़ी अमावस्या, या हैलोवीन किसी न किसी रूप में करना चाहता है।चौथी बात डरावनी पोशाक एक तरह से फ़ैन्सी ड्रेस हो गई है जो आनंद देती है ओर मनोरंजन भी है, कद्दू हमारे देश में भी भूत प्रेत, तांत्रिक क्रियाओं और टोना टोटका करने मे प्रयोग होता है।कहा जा सकता है कि दुनिया में बदल फेर कर कई बातों मे समानता देखी जा सकती है। तो आइए हम आज बात करते हैं इस विचित्र से लगनेवाले पर्व की।हैलोवीन सामान्यतः आयरलैंड गणराज्य आयरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, प्यूर्टोरिका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, और ऑस्ट्रेलिया में प्रासंगिक रूप से मनाया जाता है। लेकिन इस त्यौहार की शुरुआत आयरलैंड एंड स्कॉटलैंड से हुई है।आइये जानते हैं इसके मनाने का कारण, इतिहास और इस फेस्टिवल से जुड़े रोचक तथ्य।इसे धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बच्चे घर-घर जाकर Happy Halloween की विश देते हैं और मीठा जैसे चॉकलेट्स या कैंडी लेते है, वहीं इस मौके पर घर के बड़े पूर्वजों की शांति के लिए प्रार्थना करते है। इस त्योहारों पर जहां सभी नए कपड़े पहन कर सज-संवर कर तैयार होते हैं।भारत में आमतौर पर सजाने सँवरने का अर्थ होता है सुंदर वेशभूषा और सुंदर व्यक्तित्व का दिखाना, लेकिन इस त्योहार पर भयावह दिखने की होड़ लगी होती है, लोग ज्यादा से ज्यादा भयावह कैसे दिख सकते हैं यह तैयारी की जाती है।दुनिया को बाजार की चमक दिखानेवाले पाश्चात्य देश इस दिन के लिए बड़े बड़े डेकोरेटिव कद्दू लालटेन और विचित्र वेशभूषा से सजे पड़े है, मार्केट में हैलोवीन की तैयारी बिल्कुल हमारी दीवाली की तरह की जाती है। लोग एक दूसरे को अपने विचित्र ड्रेसप से प्रभावित करते हैं। इस दौरान लोग भूत-चुड़ैल, जॉम्बीज की तरह दिखते हैं। कहा जाता है कि हैलोवीन फेस्टिवल को पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए मनाया जाता है। यह ईसाईयों का एक त्यौहार होता है, जोकि प्रतिवर्ष अक्टूबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। इस बार यह 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ईसाई धर्म में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे क्रिसमस, गुड फ्राइडे, ईस्टर और हैलोवीन।इस दिन नक्काशीदार कद्दू (pumpkin) के अंदर एक मोमबत्ती या लेंप जलाया जाता है जो आजकल इलेक्ट्रिक बल्ब या मोम के दिये जलाकर रखे जाते हैं, एक हैलोवीन के सबसे प्रमुख प्रतीकों का है और सामान्यतः इसे छलावा (jack-o’-lantern) कहा जाता है. लालटेन मूल रूप से एक से नक्काशीदार हुआ करते थे।
हैलोवीन [Halloween] का इतिहास
हैलोवीन दिवस को करीब 2000 वर्ष से पहले ‘आल सेंट्स डे’ के रूप में पूरे उत्तरी यूरोप में मनाया जाता था। वहीं कुछ इतिहासकारों का कहना है कि हैलोवीन प्राचीन सेल्टिक त्योहार जिसे सम्हैन कहा जाता है, से संबंधित है।इस दिन पर मान्यता है कि मरे हुए लोगों की आत्माएं उठती हैं और धरती पर प्रकट हो कर जीवित आत्माओं के लिए परेशानी पैदा करती हैं। इन बुरी आत्माओं से डर भगाने के लिए लोग राक्षस जैसे कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा इन्हें भगाने के लिए हर जगह आग जलाकर उसमें मरे हुए जानवरों की हड्डियां उसमें फेंकी जाती है।इरिश लोक कथाओं के अनुसार हेलोवीन पर जैक ओ-लैंटर्न बनाने का रिवाज है। लोग खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह बनाकर अंदर मोमबत्ती रखते हैं। इसके बाद इसे जमा कर दफना दिया जाता है।हैलोवीन (Halloween) पर लालटेन जलाने को लेकर पश्चिमी देशों में एक कहानी खूब सुनाई जाती है। इसके मुताबिक, कंजूस जैक और शैतान आयरिश दोस्त थे। कंजूस जैक शराबी था। एक बार उसने आयरिश को अपने घर बुलाया, लेकिन उसने आयरिश को शराब पिलाने से मना कर दिया। उसने अपने दोस्त से कहा कि वो तभी शराब पिलाएगा जब वो उसके घर में लगा हुआ कद्दू खरीदेगा। हालांकि, बाद में जैक ने आयरिश को इस बात भी इनकार कर दिया।इसके बाद उसके दोस्त ने गुस्से में आकर पंपकिन (कद्दू) की डरावनी लालटेन बनाकर अपने घर के बाहर एक पेड़ पर टांग दी। उसने पंपकिन में डरावना चेहरा बना दिया और उसमें जलते हुए कोयले भर दिए। इसके बाद बाकी लोगों ने भी सबक के तौर पर जैक-ओ-लालटेन का ट्रेंड शुरू कर दिया। मान्यता है कि ये लालटेन पूर्वजों की आत्माओं को सही रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से उन्हें बचाने का काम करती हैं।
सेल्टिक कैलेंडर का आखिरी दिन
हैलोवीन को आल हेलोस ईव, आल हेलो इवनिंग, ऑल हैलोवीन और आल सैंट्स ईव के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन सेल्टिक कैलेंडर का आखरी दिन होता है। इसे आल सेंट्स डे भी कहा जाता है जबकि 1 नवंबर को मनाया जाता है। आल सेंट्स डे से पहले आल हेलोस ईव की शाम होती है। जिसे अब हैलोवीन ईव के नाम से जाना जाता है।इस उत्सव में मूर्तियों की पूजा की जाती थी, लेकिन कुछ पोप्स ने इसे दूसरे ईसाई धर्म के साथ मिलाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप आल सेंटस डे और हैलोवीन डे एक ही दिन मनाया जाने लगा।
हैलोवीन दिवस को मनाने का तरीका
हैलोवीन दिवस को मनाने तरीका काफी अलग है। इस दिन लोग डरावने कपड़े पहनते हैं और लोगों के घर–घर जा कर कुछ कैंडी उपहार में देते हैं। इस दिन बच्चे कद्दू (Pumpkin) जैसे आकार का बैग लेकर घर–घर जाते हैं। साथ ही लोग खोखले कद्दू में आंख, नाक और मुंह की नक्काशी कर उसके अंदर मोमबत्ती रखते हैं, जिससे वह डरावना दिखे। इसके बाद इस नक्काशीदार कद्दू को एकत्र कर दफना दिया जाता है।
अलग-सा होता है ड्रेसअप
इस दिन की सबसे अलग पहचान यह है कि इस फेस्टिवल को मनाने के लिए लोग अलग–अलग प्रकार की वेशभूषाएं धारण करते हैं, जो इस त्यौहार की संस्कृति है। इस दिन लोगों के कपड़े दानव, शैतान, भूत, पिशाच, ग्रीम रीपर, मोंस्टर, ममी, कंकाल, वैम्पायर, करामाती, वेयरवोल्फ और चुड़ैलों आदि से प्रभावित होते हैं।
ट्रिक और ट्रीट की शुरुआत की थी
केल्टिक लोगों ने ट्रिक और ट्रीट की शुरुआत की थी। जिसमें वो अपने घरों के बाहर खाने पीने की वस्तुएं रखकर आत्माओं को बुलाते थे। हैलोवीन की शाम अमेरिका में काली बिल्ली का रास्ता काटना बहुत अशुभ माना जाता है। हैलोवीन को कुछ लोग रोम के पोमोना त्यौहार से प्रभावित मानते हैं। इसमें रोम की देवी की पूजा की जाती है।क्रिसमस के बाद हैलोवीन अमेरिका व यूरोपीय देशों में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। हैलोवीन के दिन अमेरिका में बच्चे ट्रिक और ट्रीट मनाते है और पड़ोसियों के घर में जाकर बोलते है ट्रिक और ट्रीट। तब पड़ोसी उन्हें ट्रीट बोलकर उन्हें खाने के लिए चॉकलेट देते हैं।इस दिन लोग हैलोवीन थीम के आकार की कैंडी, हैलोवीन केक, नोवेल्टी कैंडी का आकार जैसे खोपड़ी, कद्दू, चमगादड़ और कीड़े आदि बनाते हैं। साथ ही कद्दू पाई, कद्दू ब्रेड, पॉपकॉर्न, पौंड केक, कद्दू की प्यूरी के साथ भरा हुआ रामेकिन्स, भुने हुए कद्दू के बीज एवं स्वीट कॉर्न और आत्माओं के केक आदि भी खुब बनता हैं। पार्टी आयोजित की जाती है। ये सर्द रातों के अंधेरे के खिलाफ रोशनी का पर्व लगा मुझे तो।