

पितृ दिवस पर विशेष –
Father of my Children: आप एक बहुत अच्छे पिता हो,मैं आपको 100 में से 100 मार्क्स दे देती हूँ.
डॉ रजनी भंडारी, इंदौर
सर्वप्रथम पंडित दीनानाथ व्यास स्मृति प्रतिष्ठा समिति को इतना बढ़िया विषय देने के लिए साधुवाद स्वयम् को लिखने से रोक नहीं पाई या अगर ये कहू सब काम छोड़ लिखने बैठ गई.
मेरे बच्चों के पिता दिलीप भंडारी जी पुलिस विभाग में अधिकारी थे. सरकारी नौकरी और वो भी पुलिस की जहाँ ख़ुद के लिए भी टाइम नहीं मिलता था न खाने का टाइम और न ही बच्चों की तरफ़ देखने का. इसीलिए उनके पिता के रूप में जितनी भी क्वालिटीज है वह सभी रिटायरमेंट के बाद ही मैंने और बच्चो ने न सिर्फ़ महसूस की वरन् उनको जब बच्चे छोटे थे तब से जोड़ने का भी प्रयत्न शुरू किया जब भी कोई आदत उन्होंने हमारे नाती -नातिन के साथ दिखाई हमे याद आया ये तो पापा तुम लोगो के साथ भी करते थे, मसलन छोटे बच्चों को अलमारी के ऊपर बैठा देते थे और ख़ुद उनके पास खड़े हो जाते।
मेरी बेटियां जब अपने पापा से सारी बाते छोटी भी घर की भी और जॉब की भी घंटों करती रहती है, तो मैं याद करती हूँ कि इन्होंने तो कभी एक भी पैरेंट टीचर मीटिंग नहीं अटेंड की, और अब देखो घंटों बेटी से बात कर रहे है जब बड़ी बेटी कहती है पापा मेरी बात जल्दी समझते है आप नहीं। तब मैं कहती हूँ तुम भाग्यशाली हो ,पापा बहुत अंडरस्टैंडिंग फादर है.
कभी भी उन्होंने बच्चों को डांटना और मारना नहीं किया। बाहर कड़क पुलिस वाले और घर में बहुत ही ज़्यादा उदार मना पिता रहे मेरे पति नारियल जैसे।
मुझे याद है जब मेरा बेटा स्कूलिंग के बाद मणिपाल गया था और हम दोनों उसे छोड़ कर आ रहे थे तब मुझसे ज़्यादा ये रोए थे तब मैंने इनके भावुक नेचर को पहली बार देखा दोनों बेटिया जब भी छुट्टियाँ बिता कर जाती है पहले इनसे गले मिलकर रोती है मुझसे बाद में
अगर एक महीना हो जाता है तो कहने लगते है रजनी चलो दिल्ली बेटे को मिल आते है
हमेशा तीनों बच्चो को अपनी जॉब की घटनाओ को सुनकर उनको समझाते रहते है मेरे पति के अंदर का पिता बार बार चाहता है बच्चो की जीवन के जितने भी गुर सीखा दु जिनसे उनकी जिंदगी में समझदारी का गुण आ जाए
मैं हमेशा ही कहती रहती हूँ Father of my Children :आप एक बहुत अच्छे पिता हो,मैं आपको 100 में से 100 मार्क्स दे देती हूँ.
मैं कह भी सकती हूँ और दावा भी कर सकती हूँ की मेरे बच्चों के पिता उन सभी विशेषताओं का मिश्रण है जिनका उल्लेख आज सभी बेटी और बेटी ने किया होगा
अंत में तीनों बच्चों के द्वारा लिखी गई लाइन्स से अपनी बात ख़त्म करती हूँ.
मेरे पापा – टीटू पापा बेस्ट पापा ऑफ़ होल वर्ल्ड