Film Review : ‘Mission : इम्पॉसिबल द फाइनल रेकनिंग’

टॉम क्रूज़ है तो पॉसिबल है

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Film Review : ‘Mission : इम्पॉसिबल द फाइनल रेकनिंग’

‘मिशन : इंपॉसिबल द फाइनल रेकनिंग’ दुनिया भर में अगले हफ्ते लगेगी, लेकिन भारत में यह 17 मई,शनिवार को ही रिलीज़ हो गई। कॉन के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म का विशेष प्रदर्शन किया गया और टॉम क्रूज तथा टीम को स्टैंडिंग ओवेशन दिया गया, जो बड़ा सम्मान माना जाता है। यह एक्शन, एडवेंचर, थ्रिलर फिल्म है जो दर्शकों को रोमांच के नये पायदान पर ले जाती है।

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यह फिल्म याद रखी जाएगी टॉम क्रूज़ के पनडुब्बी से लेकर आसमान छूते स्टंट और पागलपन भरे एक्शन के लिए। कहा जाता है कि वे अपने एक्शन सीन खुद ही करते हैं, बॉडी डबल का उपयोग नहीं करते। यह फिल्म हाई-ऑक्टेन एक्शन के साथ ही स्टाइलिश सिनेमैटोग्राफी और टॉम क्रूज़ जैसे करिश्माई हीरो की एक्टिंग के लिए भी याद रखी जाएगी। इसमें 2019 में आई हिन्दी फिल्म ‘वॉर’ या 2023 की ‘पठान’ से कई गुना बेहतर एक्शन हैं, लेकिन हिन्दी फिल्मों वाला भड़भड़कूटा नहीं है।

 

 

यह मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की यह आठवीं और अंतिम फिल्म है। टॉम क्रूज़ के हैरतअंगेज़ कारनामों के चाहनेवाले दुनियाभर में हैं। इस फिल्म में एक्शन तो है, पर वह जबरन ठूंसे हुए नहीं हैं। दूसरी फिल्मों की तरह इसमें भी टॉम क्रूज़ खूब दौड़ते हैं, कार दौड़ाते हैं, समंदर के भीतर बर्फीले पानी में आठ सौ फ़ीट नीचे जाकर पनडुब्बी में जानलेवा स्टंट करते हैं, हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर में जिंदगी और मौत के बीच लम्बी रेस करते हैं। वे हर जगह जाकर उस अदृश्य एआई अदृश्य दुश्मन ‘वजूद’ से लड़ते हैं, जो किसी को नज़र नहीं आता, लेकिन हर जगह सक्रिय है।

 

ईथन हंट यानी टॉम क्रूज़ यह सब करते हैं अमेरिका की महिला राष्ट्रपति के कहने पर। अज्ञात एआई दुश्मन वजूद ने दुनिया के कई देशों के परमाणु हथियारों पर कब्ज़ा कर लिया है और वह किसी भी सनक में पृथ्वी को नष्ट कर सकता है। हॉलीवुड की फिल्में हमेशा ही इस नैरेटिव को सेट करने में जुटी रहती है कि दुनिया पर अगर संकट आयेगा तो वह अमेरिकी लोग ही होंगे जो उस संकट से मुक्ति दिलाएंगे। हल करेंगे अदृश्य है लेकिन फिल्म उसका नाम रखा गया है वजूद जबकि यह कहना भी गलत नहीं होगा कि दुनिया की ज्यादातर परेशानियों की जड़ अमेरिका ही है चाहे वह पर्यावरण हो या परमाणु हथियार।

 

मिशन इम्पॉसिबल की यह आठवीं कड़ी वहीं से शुरू होती है जहां पिछली कड़ी खत्म हुई थी। पिछली फिल्म में ईथन हंट को बहुत खुफिया चाबी मिल चुकी है जिसकी उसे लंबे समय से तलाश थी। बावजूद इसके वह अभी तक इससे अनजान था इसके पीछे कौन सा छुपा हुआ है। उसे दुनिया भर के लिए खतरा बन चुके अज्ञात एआई खलनायक ‘वजूद’ से धरती को बचाने के मिशन पर जाने के लिए कहती है। एआई वजूद दुनिया भर में तबाही लाने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करके न्यूक्लियर पॉवर रखने वाले देशों के सिस्टम को हैक करके अपने कब्जे में लेता है।

 

फिल्म में रोमांचक स्टंट और हैरतअंगेज एक्शन करते हुए टॉम क्रूज़ को देखकर यह नहीं लगता है कि वे 62 साल के हो चुके हैं जिसमें से 29 साल उन्होंने मिशन इंपॉसिबल को दिए हैं। डायरेक्टर क्रिस्टोफर मैकक्वैरी की इस फिल्म में हैली एटवेल, विंग रहाम्स,साइमन पेग, एंजेला बैसेट भी हैं।यह फिल्म अंग्रेजी के अलावा हिन्दी, तमिल और तेलुगु में भी डब की गई है।

हॉलीवुड की एक्शन फिल्मों के शौक़ीन लोगों के लिए देखनीय।

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी