Govind Rajput Surrounded : उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा मामले में गोविंद राजपूत को घेरा! 

नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में सरकार पर सौरभ को बचाने का आरोप भी लगाया!  

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Govind Rajput Surrounded : उमंग सिंघार ने सौरभ शर्मा मामले में गोविंद राजपूत को घेरा! 

 

Bhopal : मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरटीओ के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियो की ईडी रिमांड के बीच मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को घेरा। उन्होंने सौरभ शर्मा को लेकर कई सवाल उठाए। यह भी कहा कि सरकार सौरभ को बचाने कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सौरभ के घर से मिले दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए। सौरभ मामले पर प्रेस कांफ्रेंस करके गोविंद राजपूत की भूमिका पर ऊँगली उठाई।

सिंघार ने कहा कि दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में गोविंद राजपूत ने जमीन की ख़रीदी की। एक ही इलाके में कई ख़ास और बिजनस पार्टनर ने जमीनों की ख़रीद की है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ‘सहारा’ की जमीन कम कीमत में खरीदी गई। कमलेश बघेल के नाम दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में संपत्ति की खरीदी की। उमंग सिंघार ने खरीदी संपत्ति की दस्तावेज की रजिस्ट्री भी दिखाई। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या सिंधिया जी ने गोविंद राजपूत को क्लीन चिट देकर रखी है। यदि सरकार ने निष्पक्ष जांच नहीं कराई, तो हम न्यायालय में जाएंगे। सौरभ शर्मा तो सबसे छोटी मछली है। उन्होंने यह भी कहा कि श्यामला हिल्स में सौरभ शर्मा के रुकने की व्यवस्था एक मंत्री ने कराई।

सिंघार ने यह भी कहा कि 40 दिन फरारी के दौरान वह कहां रहा, किसने उसकी मदद की इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई। यह सच सामने आना चाहिए। सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल भी अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई। कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर महीने 2 करोड़ रुपए जाते थे। सिंघार ने कहा कि जो जानकारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को लेकर सामने लाई, उसमें करीब 1250 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति का ब्योरा है। इसके रिकॉर्ड उनके पास हैं। सरकार को इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच करानी चाहिए।

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उमंग सिंघार बोले कि मंत्री गोविंद राजपूत ने पूरे रैकेट को संभाल रखा था। दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। उनके अलावा संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने गोविंद राजपूत के साथ मिलकर घोटाला किया। सिंघार ने कहा कि एक साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। हर महीने डेढ़ सौ करोड़ की कमाई की जाती थी। इसी से मंत्री गोविंद राजपूत ने साल 2019 से 2024 के बीच कई जमीनें खरीदीं। पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी भी खरीदी गई। उन्होंने यह भी कहा कि 200 करोड़ जमीनें अपनी सास और रिश्तदारों के नाम ख़रीदी। 2023 में गोविंद राजपूत ने 134 करोड़ की संपत्ति का ब्यौरा शपथ पत्र में नहीं दिया।

ज्ञान वीर समिति के नाम जमीन दान कराने का आरोप लगाते हुए उमंग सिंघार ने कहा कि मंत्री राजपूत ज्ञान वीर समिति के नाम पर जमीनें दान करा रहे हैं। इसके लिए एक समिति बनाई गई, जिसमें गोविंद सिंह ने पत्नी और बेटे को रखा। समिति को जमीन दान कराई गईं। जो जमीन दान की गई वो भी गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की हैं।