10 मई को राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था. इसके बाद चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित किए गए थे. जिसमें कांग्रेस ने 135 सीटें जीतकर एक-तरफा जीत हासिल की है. परिणाम सामने आने के बाद जहां राज्य में कांग्रेस का झंडा बुलंद हुआ तो कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार के बाद बीजेपी (BJP) ने राज्य अध्यक्ष नलिन कुमार कतील को हटाने का फैसला किया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
कतील के पूरे कार्यकाल में पार्टी ने उनका समर्थन किया था और यहां तक कि पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और वरिष्ठ नेताओं को भी उनके सामने घुटने टेकने पड़े थे. पार्टी ने येदियुरप्पा और उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र को कतील पर भारी पड़ने का कोई मौका नहीं दिया. इसके बावजूद हुई इस करारी हार ने पार्टी के अस्तित्व पर संकट पैदा कर दिया है.
आलकमान नाराज
सूत्रों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उनकी राह पलट दी है और आलाकमान स्थिति का आकलन नहीं कर पाने के कारण उनसे पूरी तरह खफा है. हालांकि, बीजेपी शुरुआत में मजबूती दिखा रही थी, लेकिन वह राज्य में अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने आक्रामक तरीके से लिंगायत, दलित और ओबीसी वोट बैंक पर कब्जा कर लिया और वह लोकसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार कर रही है.
पार्टी ने किया हार का विश्लेषण
परिणामों से पता चला है कि वोक्कालिगा शिवकुमार शिवकुमार के साथ हैं. अल्पसंख्यक और दलित सिद्धारमैया के साथ हैं, और लिंगायत समुदाय के लिए पार्टी की पहुंच के साथ कांग्रेस में स्थानांतरित हो गए हैं. बीजेपी अब दक्षिण भारत (south india) के इस एंट्री गेट में रफ्तार पकड़ना चाहती है. कायाकल्प की दिशा में पहले कदम के रूप में बीजेपी ने एक नया चेहरा नियुक्त करने का फैसला किया है, जो जनता से अपील कर सके.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि आलाकमान विपक्ष के नेता पर फैसला करेगा और पार्टी का नया प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त करेगा.
उन्होंने कहा कि कतील का कार्यकाल समाप्त हो गया है. चुनाव के चलते आलाकमान ने उन्हें नहीं हटाया. उन्होंने कहा कि अब नए उम्मीदवार की नियुक्ति की जाएगी.
जोशी ने कहा कि विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष पर फैसला होगा. इससे पहले पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता भी यहां आएंगे.