Himalayan Samarpan Meditation Day to be celebrated in New Jersey : श्रीलंका संसद द्वारा एंबेसेडर ऑफ ग्लोबल पीस एंड ह्यूमानिटी से सम्मानित किये गए श्री शिवकृपानन्द स्वामीजी।

45

Himalayan Samarpan Meditation Day to be celebrated in New Jersey : श्रीलंका संसद द्वारा एंबेसेडर ऑफ ग्लोबल पीस एंड ह्यूमानिटी से सम्मानित किये गए श्री शिवकृपानन्द स्वामीजी।

हिमालय समर्पण ध्यानयोग के प्रणेता श्री शिवकृपानंद स्वामीजी को विगत दि.28/8/2024 को श्रीलंका संसद द्वारा एंबेसेडर ऑफ ग्लोबल पीस एंड ह्यूमैनिटी से सम्मानित किया गया है। वे भारत से सर्व प्रथम संत है जिन्हें UK की संसद के द्वारा ग्लोबल पीस एंड वेलनेस एंबेसेडर से सम्मानित किया गया था। बाद में उन्हें जर्मनी की संसद में भी हिमालयन ध्यानयोग शिविर के लिए आमंत्रित किया गया था। उनके सम्मान में अमरीका में न्यू जर्सी के मेयर स्टीवन फुलोप ने हिमालयन समर्पण मेडिटेशन डे उनके जन्मदिन के पावन अवसर पर मनाने की घोषणा की है।

WhatsApp Image 2024 09 07 at 23.32.07WhatsApp Image 2024 09 07 at 23.25.28

वसुधैव कुटुंबकम् उनका मुख्य संदेश है जो ध्यानयोग के द्वारा ही संभव है। श्रीलंका में उन्हें बौद्ध संतो ने भी ध्यान शिबीर के लिए आमंत्रित किया और उनसे ध्यान सीखा एवं उनका सम्मान किया । बौद्ध प्रमुख संत श्री…. का मानना था कि श्री शिवकृपानंद स्वामीजी का ओरा भगवान बुद्ध के ओरा के समान है।

हिमालयन संत श्री शिवकृपानंद स्वामीजी ने उनकी शिविरों में समझाया कि योग केवल योगासन नहीं है,योग के द्वारा अंतर्मुखी यात्रा संभव है योगासन से नहीं । योग के परिणाम स्वरूप चित्त की शुद्धि होती है जिसके परिणाम स्वरूप आभामंडल – AURA का विकास होता है और सर्वांगीण प्रगति होती है ।

आंतरिक शांति केवल ध्यानयोग के द्वारा ही संभव है। प्राचीन सनातन संस्कृति हमें वसुधैव कुटुंबकम् की भावना सिखाती है। ध्यानयोग के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति में आत्मभाव विकसित होने से जाति, धर्म, देश, भाषा के शरीर स्तर के भेदभाव दूर होते हैं और मनुष्य मनुष्य से आत्मिक स्तर पर जुड़ता है। इस प्रकार योग के द्वारा वसुधैव कुटुंबकम् की भावना साकार हो सकती है। परम पूज्य स्वामीजी ने बताया कि योग यानि योगासन या शारीरिक व्यायाम नहीं है।

योगासन से आपका शरीर या स्नायु सुदृढ़ हो सकते हैं लेकिन चित्त तो कमजोर ही रहेगा । परमात्मा आत्मा के रूप में हमारे भीतर ही है । मैं एक पवित्र आत्मा हूं, मैं एक शुद्ध आत्मा हूं – इस एहसास से चित्त भीतर जाएगा और अंतर्मुखी यात्रा प्रारंभ होगी ।

इस अभ्यास से चित्त सशक्त होगा जिसके द्वारा सकारात्मक आभामंडल AURA का निर्माण होगा और जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन होगा । आत्म शांति से विश्व शांति के लिए विश्व के ७० देशों में जाति, धर्म, देश, भाषा के भेदभाव के बिना नि:शुल्क हिमालयन ध्यान योग से कई लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

download 3

अहमदाबाद से डॉ हेतल आचार्य की विशेष रिपोर्ट 

CM Dr Mohan Yadav’s Big Announcement: MP में पूर्व IAS मनोज श्रीवास्तव की अध्यक्षता में परिसीमन आयोग गठित, जिलों और संभागों की सीमाओं का नए सिरे से होगा पुनर्निर्धारण! 

Supreme Court granted bail to Bibhav Kumar in Swati Maliwal case: केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वाति मालीवाल मामले में दी जमानत