

Hindu-Muslim Marriage : हिंदू युवक की मुस्लिम युवती से शादी पर पुलिस सुरक्षा दे, हाईकोर्ट के निर्देश!
Gwalior : हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक अंतरधर्मीय प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने के आदेश दिए। इस जोड़े ने शादी के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा के निर्देश दिए।
मुस्लिम लॉ की धारा 259 पर भी विचार किया गया। इसके बाद पुलिस को सुरक्षा का आदेश दिया। प्रेमी जोड़ा करैरा का रहने वाला है। शादी के बाद शिवपुरी के एसपी को रोज सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान पूछा कि लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम, क्या दोनों शादी कर सकते हैं?
मामले की पैरवी कर रहे वकील अनिल मिश्रा ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का अंतर कभी धर्म के आधार पर नहीं किया जा सकता। उसे शादी करने से रोका भी नहीं जा सकता। हमारा संविधान देश के हर एक नागरिक को बतौर मौलिक अधिकार यह सुविधा देता है कि वो किसी के साथ भी विवाह कर सकता है। सुरक्षा का मुद्दा आया तो शासन की ओर से पैरवी करने वाले वकील रविंद्र दीक्षित ने कहा कि देश के हर व्यक्ति को सुरक्षित जीवन जीने का अधिकार है ऐसे में संविधान के अनुसार याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा दी जाना चाहिए।
हाई कोर्ट ने इस मामले में तर्क सुनकर शिवपुरी के एसपी को आदेश दिया कि शादी के पंजीकृत करवाने से लेकर हर एक तारीख पर याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा दी जाए। कोर्ट ने पुलिस को यह निर्देश भी दिए कि शादी के बाद कोई शिकायत मिले, तो पहले युवती के बयान लिए जाएं। याचिकाकर्ता के वकील आशीष जादौन ने बताया कि करैरा के रहने वाले प्रेमी जोड़े ने शादी करने के लिए हाईकोर्ट से सुरक्षा मांगी है। इस पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम ला की धारा 259 पर भी विमर्श किया गया।
हाई कोर्ट ने यह पाया कि हिंदू युवक और मुस्लिम युवती की शादी अमान्य नहीं हो सकती। ऐसे में वे स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 4 के तहत भी शादी कर सकते हैं और उसे पंजीकृत भी करवाया जा सकता है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अगर युवक के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की गई है या भविष्य में की जाती है, तो उसमें पहले युवती के बयान दर्ज किए जाएं।