

Israel Iran War: ईरान दे रहा धमकी,भारत चिंतित,दिल्ली में बुलाई हाई प्रोफाइल मीटिंग!
इजराइल और ईरान के बीच चल रहा युद्ध काफी खतरनाक रुख ले सकता है. ईरान ने दुनिया को धमकी दे डाली है. ये एक ऐसी धमकी है जिससे पूरी आधी से ज्यादा दुनिया की सांसे अटक जाएगी. इस धमकी के बाद भारत में एक हाई प्रोफाइल मीटिंग हुई है. जिसमें इस धमकी को लेकर गहन चर्चा और विचार विमर्श किया गया है. उसका कारण भी है. अगर ईरान अपनी धमकी को मूर्त रूप देता है तो भारत के काफी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. जिसका असर देश की इकोनॉमी पर भी देखने को मिलेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ईरान ने क्या धमकी दी है, जिसकी वजह से भारत की घबराहट बढ़ गई है और उसे हाई प्रोफाइल मीटिंग बुलानी पड़ी।
इजराइल ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में दुनिया के कई देश नेतन्याहू के सपोर्ट में आ गए हैं. अमेरिका यूरोप और एशिया के कई देशों ने इजराइल को अपना समर्थन दे दिया है. जिसकी वजह से ईरान ने एक ऐसी धमकी दे डाली है जिससे आधी से ज्यादा दुनिया घबरा गई है. ईरान ने धमकी दी है कि वो होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर देगा. जोकि दुनिया को कच्चे तेल सप्लाई करने वाला काफी संकरा रास्ता है. खास बात तो ये है कि इस रास्ते से आधी से ज्यादा दुनिया का तेल सप्लाई होता है. अगर ये रास्ता बंद होता है तो आधी से ज्यादा दुनिया की तेल सप्लाई रुक जाएगी. जिसके बाद कच्चे तेल की कीमतों में आसमान फाड़ इजाफा देखने को मिलेगा. कुछ दिन पहले इराक ने भी इस बात पर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया था. जिसमें उन्होंने कहा कि था अगर ईरान रास्ते को बंद कर देता है तो कच्चे तेल की कीमतें 200 से 300 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती हैं. अब आप समझते हैं कि से धमकी कितनी बड़ी है.
भारत में हुई मीटिंग
भारत में हाई प्रोफाइल मीटिंग इस धमकी के बाद भारत में एक हाई प्रोफाइल मीटिंग हुई. जिसमें ईरान-इजराइल संघर्ष के प्रभाव का आकलन किया गया. जानकारी के अनुसार वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को भारत के विदेशी व्यापार पर ईरान-इजराइल संघर्ष के प्रभाव का आकलन करने और संबंधित मुद्दों का समाधान निकालने के लिए पोत परिवहन, निर्यातकों, कंटेनर कंपनियों और अन्य विभागों सहित विभिन्न पक्षों के साथ बैठक की. बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने की. प्रतिभागियों ने बताया कि होर्मुज जलडमरूमध्य में स्थिति फिलहाल स्थिर है और किसी भी घटना की निगरानी के लिए एक जहाज सूचना प्रणाली लागू है.
अधिकारी ने कहा कि माल ढुलाई और बीमा दरों पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि वाणिज्य सचिव ने उभरते हालात और भारतीय व्यापार पर इसके प्रभाव का आकलन करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने हालात के मुताबिक सभी संभावित विकल्पों पर विचार करने के बारे में भी बताया. निर्यातकों ने कहा कि अगर युद्ध और बढ़ता है तो इससे विश्व व्यापार पर असर पड़ेगा और हवाई तथा समुद्री माल ढुलाई की दरें बढ़ेंगी.
भारत के लिए क्यों अहम है होर्मुज?
उन्होंने आशंका जताई कि इस संघर्ष से होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर से व्यापारिक जहाजों की आवाजाही प्रभावित हो सकती है. भारत का लगभग दो-तिहाई कच्चा तेल और उसका आधा एलएनजी आयात होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है. इसे अब ईरान ने बंद करने की धमकी दी है. यह जलमार्ग अपने सबसे संकरे स्थान पर केवल 21 मील चौड़ा है, और वैश्विक तेल व्यापार का लगभग पांचवां हिस्सा संभालता है, तथा यह भारत के लिए बहुत जरूरी है. इस बीच, यमन में हूतियों पर 14-15 जून को इजराइल के हमले से लाल सागर क्षेत्र में भी तनाव बढ़ गया है. लाल सागर क्षेत्र पर हूती विद्रोही पहले ही वाणिज्यिक जहाजों पर हमला कर चुके हैं.
कम हुआ ईरान और इजराइल से ट्रेड?
भारत का इजराइल को निर्यात 2023-24 में 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2024-25 में 2.1 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. पिछले वित्त वर्ष में इजराइल से आयात 2023-24 में 2.0 अरब डॉलर से घटकर 1.6 अरब डॉलर रह गया. इसी तरह, ईरान को निर्यात भी प्रभावित हो सकता है. ईरान को निर्यात 2024-25 और 2023-24 में लगभग 1.4 अरब डॉलर पर स्थिर रहा था. वित्त वर्ष 2024-25 में ईरान से भारत का आयात 44.1 करोड़ डॉलर था, जबकि पिछले वर्ष यह 62.5 करोड़ डॉलर रहा. यह संघर्ष उस दबाव को और बढ़ाता है जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा उच्च शुल्क की घोषणा के बाद विश्व व्यापार पर पड़ा था.