Journeys full of Mystery and Adventure 3: बारूदी गोलों से रक्षा करतीं खींवज माँ

419

Journeys full of Mystery and Adventure 3: बारूदी गोलों से रक्षा करती पोखरण में विराजी  खींवज माँ

दुनिया में कई तरह के अनुभव होते है ,हमने जीवन में घटित रोमांचक किस्सों पर चर्चा शुरू की तो कई मित्रों के फोन और अनुभव हमारे पार आने लगे .आज हम उन्ही में से तीसरा अनुभव आपसे साझा कर रहे है ,यहाँ  गोला बारूद को निष्क्रिय कर माता खींवज देश की रक्षा कराती हैं यह चमत्कार सालों साल से देखा जा रहा हैं आइये इस चम्तारी जगह के बारे में बता रही हैं लेखिका मंजुला भूतड़ा, इन्दौर

दिव्य शक्तियाँ वो पवित्र शक्तियाँ होती हैं जो अपने चमत्कार अवश्य दिखलाती हैं ,ये चमत्कार मनुष्य के लिए सकारात्मक होते हैं इसीलिए भारत देवभूमि कहलाता है।अनेक चमत्कार की कथाएं भी जुड़ी हुई हैं। देश के किसी मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां रोज रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण आते हैं,कहीं भगवान का प्रसाद कभी भी कम नहीं पडता। भगवान के दूध पीने और दिन भर में विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के साक्षी तो हम सभी हैं। यहां हर शहर, गांव और कस्बे में अनेकों देवस्थान हैं जिनके बारे में जानकारी सभी को नहीं होती। बस, क्षेत्र विशेष के निवासी ही अवगत होते हैं।
जब कभी ऐसी किसी जगह जाने का अवसर मिलता है तो स्थानीय लोगों से चमत्कार की कहानियां सुनकर बहुत हैरानी होती है। जब प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं तो मन नकार भी नहीं सकता।

इसी तरह का रहस्य और रोमांचक ,चमत्कारी मंदिर है  खींवज माता का है। जोधपुर से लगभग 17–18 किलोमीटर दूर,जैसलमेर के रास्ते पोखरण में स्थित है।पोखरण, जो कि परमाणु परीक्षण स्थल के लिए जाना जाता है।वहां जाने के लिए प्रायः रामदेवरा में ठहरते हैं क्योंकि वहां सब सुविधाएं हैं और बाबा रामदेव जी का विशाल मंदिर है। रामदेव जी के दर्शन का लाभ लेकर फिर माता के मंदिर हेतु प्रस्थान करते हैं।

Journeys full of Mystery and Adventure 2: गाड़ी के कांच में से देखा तो लगा दूर कोई सफेद कपड़े पहने खड़ा,सामने कब्रिस्तान था” 

खींवज माता मंदिर में माँ की एक सरीखी दो प्रतिमाएं एक साथ विराजित हैं। कहा जाता है कि माँ की मूर्ति स्वयं भू है जो लगभग बारह सौ वर्ष पूर्व मंदिर में स्थापित की गई थी।अब तो मंदिर का जीर्णोद्धार हो गया है। कहा जाता है औरंगजेब ने यहां कुछ और निर्माण करने के लिए इस मंदिर को ध्वस्त करने का प्रयास किया था। तब काम करने वाले सैंकड़ों मजदूरों की आंखों की रोशनी चली गई। उस समय औरंगजेब को स्वप्न आया कि देवी माँ की प्रतिमा के अनुरूप एक प्रतिकृति बनवा कर लगवाई जाए। औरंगजेब ने एक और मूर्ति बनवा कर लगवाई, तब सभी श्रमिकों को नेत्र ज्योति वापस मिल गई।मान्यता है कि इसीलिए माँ की दो प्रतिमाएं साथ साथ विराजित हैं।

Mystery and Thriller Story Telling Series-3:”वो सुन्दर झिरन्या और चहरे के निशान” 

पोखरण से जैसलमेर की ओर पाकिस्तान की सीमा अधिक दूर नहीं है। यहां के निवासी बताते हैं कि पाकिस्तान की ओर से कभी भी बारूदी गोले भारत की ओर फेंके जाते हैं परन्तु माँ के प्रताप के कारण वह यहां फटते नहीं हैं यानि बम-ब्लास्ट नहीं होता। निश्चित ही अदृश्य रूप में माँ हमारी रक्षा कर रही हैं।

Earth Day: धरती माता को बुखार! अरे है कोई सुनने वाला.. 

जब वहां की गाडियों में सफर करते हैं तो ड्रायवर हर जगह की जानकारी तो देते ही हैं साथ ही खींवज माता की कृपा का गुणगान करते हैं। विश्वासपूर्वक माँ के चमत्कारपूर्ण आस्तित्व से भी अवगत कराते हैं। स्वतः ही मन श्रदधा से नतमस्तक हो जाता है। विभिन्न कुलों की कुलदेवी,भक्तों की मनोकामना पूर्ण करतीं, सब की दुश्मन से रक्षा करतीं खींवज माँ को कोटिशः प्रणाम!

427255858 939041514290800 3980472182904887904 n

मंजुला भूतड़ा, इन्दौर