Ladli Bahna Scheme: लाड़ली बहना योजना से 3 गुना बढ़ जाएगा महिला बाल विकास का बजट

योजना के ड्राफ्ट को CM इसी हफ्ते दे सकते हैं मंजूरी, अफसरों ने CM को भेजा प्रस्ताव

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Ladli Bahna Scheme: लाड़ली बहना योजना से 3 गुना बढ़ जाएगा महिला बाल विकास का बजट

भोपाल: चुनावी साल में शिवराज सरकार की महत्वाकांक्षी लाड़ली बहना योजना महिला और बाल विकास विभाग के बजट में भारी बदलाव लाने वाली है। इस योजना के लागू होने के बाद विभाग के आगामी वित्त वर्ष के बजट में तीन गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। योजना के नियमों को लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान यह ऐलान कर चुके हैं कि एक करोड़ महिलाओं को इस योजना में सालाना 12 हजार रुपए (एक हजार रुपए प्रतिमाह) दिए जाएंगे और इसके लिए पांच मार्च से आवेदन जमा कराने का काम ग्रामीण और शहरी इलाकों में शुरू कर दिया जाएगा। सीएम चौहान ने जून माह से इस योजना की पहली किस्त की राशि मिलने की बात भी कही है। इसको लेकर विभाग के अफसरों का कहना है कि अभी योजना के नियम और शर्तों को अंतिम रूप मिलना बाकी है। मुख्यमंत्री चौहान को योजना का ड्राफ्ट भेजा गया है और माना जा रहा है कि इसी सप्ताह योजना को मंजूरी देकर इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए अगली कैबिनेट बैठक में लाया जा सकता है ताकि बजट सत्र में इसे मंजूरी दी जा सके।

*ऐसे बढ़ जाएगा बजट*
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अभी महिला और बाल विकास विभाग का वार्षिक बजट पांच हजार करोड़ से कुछ अधिक है लेकिन अकेली लाड़ली योजना में ही 12 हजार करोड़ रुपए सालाना खर्च होना प्रस्तावित है। इसलिए यह योजना लागू होने के बाद विभाग का बजट तीन गुना से अधिक बढ़ जाएगा और 17 हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। योजना लागू होने के बाद विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सुपरवाइजरों की जिम्मेदारियों में भी वृद्धि होना तय माना जा रहा है।
फिलहाल पांच साल के लिए है योजना
योजना में यह बात भी तय हो चुकी है कि जिस विवाहित और अविवाहित महिला के पास पांच एकड़ से कम जमीन है और वह आयकर दाता नहीं है, वह इस योजना में लाभ पाने की हकदार होगी। इसकी जानकारी सामने आने के बाद शहरी और ग्रामीण इलाकों में समग्र आईडी बनवाने वाले महिलाओं की भीड़ जुटने लगी है। उधर योजना के बारे में यह भी बताया जा रहा है कि अब तक तय हुई गाइडलाइन के मुताबिक इस योजना की समय अवधि पांच साल की रखी गई है। इसे आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, यह आने वाले समय में सरकारें तय करेंगी।