Mandsaur News: सम्मान ना दे सको तो चलेगा लेकिन जीवन में किसी का अपमान मत करना- आचार्य श्री रामानुजजी
अग्रवाल समाज एवं धनोतिया परिवार द्वारा एक कन्या विवाह की स्वीकृति दी
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मन्दसौर। श्री हरिकथा आयोजन समिति के तत्वावधान में रुद्राक्ष माहेश्वरी सभागार में जारी श्रीरामकथा में अंतरराष्ट्रीय कथा प्रवक्ता एवं मानस मर्मज्ञ आचार्यश्री रामानुजजी ने 21 कन्याओं के निःशुल्क सामुहिक विवाह के पवित्र संकल्प के लिये सहयोग की अपील की और इस अनुष्ठान को पूर्ण करने का आव्हान किया।
रामकथा में व्यास पीठ से आचार्यश्री रामानुजजी ने कहा कि मनोकामना पूरी करते करते-करते सद्गुरु मन को राम की और लगा देते हैं। गुरु की करुणा जीवन की सभी समस्याओं का समाधान कर देती है केवल शिष्य में श्रद्धा होनी चाहिए क्योकि शिष्य की श्रद्धा गुरु की चेतना को करुणा में परिवर्तित करती है। परन्तु यदि अधूरा विश्वास लेकर चावल के चंद दानों से भगवान को खरीदने निकलोगे तो भगवान नही मिलेगा लेकिन विश्वास के साथ पत्थर में भी भगवान मिल जाएंगे।
आचार्य श्री ने रामकथा में माता सीता और भगवान राम के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि एक पुरुष के लिए जीवन की परीक्षा का नाम है अपनी बेटी की बिदाई। संकल्प लेना किं किसी का सन्मान ना कर सको तो कोई बात नही लेकिन किसी का अपमान मत करना जिस व्यक्ति का अपमान करोगे वह तो हो सकता है माफ कर दे लेकिन उसकी बेटी कभी माफ नही करेगी। कथा सुनने के बाद भी यदि संस्कार नही आए तो कथा श्रवण करना बेकार है। 21 कन्याओं के विवाह के संकल्प में अग्रवाल समाज एवं राजेन्द्र धनोतिया परिवार द्वारा एक कन्या के विवाह की स्वीकृति प्रदान की।
आचार्य श्री ने कहा कि इस संसार मे हर व्यक्ति बहुमुल्य है लेकिन अधर्म के साथ रहकर राजसत्ता का सुख प्राप्त करोगे तो पूरी प्रजा अधर्म पर चलेगी। प्रेम और करुणा का धागा रक्षा करने का संकल्प लेता है गठान माया और मोह में लगती है आप खींचो तो धागा टूटेगा लेकिन कोई एक हाथ छोड़ दे तो विवाद समाप्त हो जाता है।
आचार्यश्री ने कहा कि जिस दिन सद्कर्म करने का संकल्प जगे समझना आपको स्वयं प्रभु राम ने मुहूर्त दे दिया है। जब लड़ने के लिए कोई महुर्त नही निकलवाया तो सद्कर्म के लिए मुहूर्त का इंतजार क्यो करना, जब मन हो जाये राम को याद कर लो,उनके गीत गा लेना चाहिए, सद्कर्म कर लेना चाहिए। विरोध को दबाकर नहीं विरोध सुलझाकर रामराज्य आता है।
श्री हरिकथा आयोजन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र अग्रवाल ने 21 कन्याओ के निःशुल्क विवाह के संकल्प में अपनी भागीदारी करने का आव्हान किया और कहा कि 6 कन्याओ के विवाह की स्वीकृति समिति को मिल चुकी है। विवाह के लिये 12 धर्म माता पिता यजमान के रूप में अपनी स्वीकृति मिली है। हर व्यक्ति इस पुनीत संकल्प में अपने भाव समाहित करें। संचालन ब्रजेश जोशी, लोकेश पालीवाल ने किया।
कथा यजमान सूरजमल गर्ग, सुशीला महेंद्र गर्ग, ममता सुभाष गर्ग, पूजा मुकेश गर्ग, आस्था प्रिंस गर्ग, शुभी अमन गर्ग, अग्रवाल समाज अध्यक्ष आशीष गुप्ता, कल्याणमल अग्रवाल चौधरी परिवार, डॉ प्रवीण भोज, डॉ मिशिका भोज कैलाशचंद्र प्यारचंद्र सोमानी, विजय सुराणा, डॉ प्रदीप चेलावत, राजेन्द्र पोरवाल, रत्नेश कुदार, शिवप्रताप सिंह राणावत परिवार, जगदीश गर्ग अशोक अग्रवाल, विनोद मांदलिया, ओम सेठिया, डॉ प्रितिपालसिंह राणा, अशोक त्रिपाठी, जय माता दी ग्रुप, श्री तलाइवाले बालाजी मंदिर ट्रस्ट, श्री चारभुजा नाथ पंच माहेश्वरीयान ट्रस्ट, माहेश्वरी समाज, अग्रवाल समाज, सांवरिया मित्र मंडल, दशपुर लाफ्टर क्लब, दशपुर जाग्रति संगठन, याराना ग्रुप, दवाई वाले बालाजी मित्र मंडल, स्वदेसी जागरण मंच, नीमा समाज समेत विभिन्न समाज गणमान्य जनों ने पोथीजी का पूजन, आरती का लाभ लिया।
♦️ आचार्य श्री ने व्यास पीठ से अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर की प्रतिष्ठा को एक वर्ष पूर्ण होने और मन्दसौर में तलाई वाले बालाजी मंदिर के शिखर पर स्वर्णकलश आरोहण के प्रथम पाटोत्सव की भी बधाई दी।