भोपाल: प्रदेश के साढ़े चार लाख कर्मचारियों का ESS (एम्प्लाई सेल्फ सर्विसेस) डेटाबेस मॉड्यूल इन दिनों आहरण संवितरण अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बना है। वित्त विभाग के IFMIS साफ्टवेयर में डेवलप किए गए माड्यूल के कारण ऐसी स्थिति बनी है और इसके कारण हजारों कर्मचारियों का वेतन अटकना तय माना जा रहा है।
वित्त विभाग ने निर्देश में कहा भी है कि आहरण संवितरण अधिकारी (डीडीओ) इस काम को 28 फरवरी तक पूरा नहीं कराएंगे तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा। उधर डीडीओ ने भी कर्मचारियों को फरमान जारी कर दिया है कि अगर किसी कर्मचारी ने अपना डेटाबेस इस माह अगले 15 दिन के भीतर जमा नहीं किया तो वे कर्मचारी और अधीनस्थ स्टाफ का वेतन रोक देंगे।
वित्त विभाग के फरमान के बाद जिलों में विभिन्न विभागों और उपक्रमों में इसको लेकर खासी खींचतान भी चल रही है। दूरस्थ इलाकों में पदस्थ कर्मचारी जहां एक ओर अब तक इसकी सूचना से ही अनभिज्ञ हैं वहीं ऐसे भी कर्मचारी हैं जो इस व्यवस्था का इसलिए विरोध कर रहे हैं कि जब सरकार के पास और विभाग के पास पहले से ही यह सभी जानकारी आनलाइन और दस्तावेज के रूप में मौजूद है तो कर्मचारियों से इसे फिर से भरने के लिए क्यों कहा जा रहा है? इस कारण कई विभागों और जिलों में कर्मचारी जानकारी भरकर देने में भी आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने इसके लिए कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी है कि इसे समय पर पूरा कराएं ताकि कर्मचारियों के वेतन रुकने की स्थिति न बने।
सर्विस बुक से संबंधित हर छोटी जानकारी देना होगी-
ESS डेटाबेस माड्यूल में कर्मचारियों को अपनी जानकारी खुद भरकर देने के लिए कहा गया है। इसमें कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में दर्ज जानकारी तथा ईएसएस प्रोफाइल डाटाबेस में दर्ज आॅनलाइन जानकारी में एकरूपता होना भी सबसे जरूरी है अन्यथा एकरूपता की स्थिति नहीं बनने तक वेतन रुका रहेगा।
ऐसे करना है अपडेट-
इस अपडेशन को लेकर दिए गए निर्देश में कहा गया है कि सभी अधिकारी तथा कर्मचारी स्वयं के लॉगिन पासवर्ड से डॉटाबेस में दर्ज जानकारी का अवलोकन कर सकते हैं। यदि इसमें किसी तरह की सुधार की आवश्यकता है तो कार्यालय प्रमुख के लॉगिन से उसमें सुधार करा सकेंगे। कर्मचारी भविष्यनिधि भुगतान के लिए नामित व्यक्ति की जानकारी भी डाटाबेस में दर्ज कराएंगे जिससे शासकीय सेवक के सेवानिवृत्त होते समय पेंशन प्रकरण तैयार करने में किसी तरह की कठिनाई न हो।