
Padmashree Awarded to 5 from MP : मध्यप्रदेश की 5 विशिष्ट हस्तियों को ‘पद्मश्री सम्मान’ दिए जाने की घोषणा!
Bhopal : अलग-अलग विधाओं में पारंगत मध्यप्रदेश की 5 हस्तियों को भी पद्मश्री सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई।इनमें शैली होल्कर, जगदीश जोशीला और भेरू सिंह चौहान के नाम शामिल हैं। भेरू सिंह चौहान इंदौर जिले के महू के रहने वाले हैं। वे निर्गुण कबीर गायक हैं। शैली होलकर ने महेश्वर में एक हैंडलूम स्कूल की स्थापना की। जगदीश जोशीला निमाड़ी उपन्यासकार हैं। बुधेंद्र कुमार जैन को मेडिसिन और हरचंदन सिंह भट्टी को कला क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा घोषित देश के प्रतिष्ठित पद्म सम्मान में मध्यप्रदेश से पांच प्रबुद्धजनों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा।
श्री भेरू सिंह चौहान जी (कला),
श्री हरिचंदन सिंह भट्टी जी (कला),
श्री जगदीश…— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 25, 2025
पद्मश्री सम्मान पाने वाली 5 हस्तियां
● शैली होलकर
इन्हें रेशम और सूती महेश्वरी साड़ियां बनाने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने महेश्वर के पास गुड़ी मुड़ी के नाम से बुनकर परिवारों को बसाया। यहां की महेश्वरी साड़ी देश-विदेश में पहुंचती है। 1978 में जब बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा था, तब उन्होंने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए महेश्वरी साड़ी व सूती कपड़ों के उत्पादन के लिए रेवा सोसायटी स्थापित की और लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया। यहां 250 से ज्यादा महिला बुनकर और 110 हथकरघे है।
● भैरू सिंह चौहान
भैरू सिंह चौहान बचपन से ही पारंपरिक मालवी लोक शैली में भजन गायन से जुड़े रहे। वे भक्ति संगीत की मंडलियों में भजन गाया करते थे। संत कबीर, गोरक्षनाथ, संत दादु, संत मीराबाई, पलटुदास और अन्य संतों की वाणियों को गाया करते थे। उन्हें ये कला विरासत में मिली है। इनके पिता माधु सिंह चौहान भी लोक गायन किया करते थे।
● हरचंदन सिंह भट्टी
जनजातीय कला और संस्कृति के प्रसिद्ध चित्रकार हरचंदन सिंह भट्टी उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले हैं। उन्होंने ललित कला महाविद्यालय इंदौर से चित्रकला में स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद वे भोपाल के बहुकला केंद्र भारत भवन से जुडे़। उन्हें 2016 में मध्यप्रदेश शासन का राष्ट्रीय कालिदास सम्मान (रूपंकर कलाएं) भी मिला है। वे ऐसे एक चित्रकार हैं, जो सांस्कृतिक और कला प्रतीकों के पुनर्व्यहार की संस्कृति को विकसित करने और परंपरा और आधुनिकता के बीच कला सेतू का निर्माण करने में जुटे हैं।
● जगदीश जोशीला
निमाड़ के उपन्यासकार जगदीश जोशीला (76) गोगांवा में पांच दशक से हिंदी साहित्य व लोकभाषा निमाड़ी में सृजन कर रहे हैं। उन्होंने साहित्य की हर विधा में कलम चलाई है। उनकी 60 से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके उपन्यास देवीश्री अहिल्याबाई, जननायक टंट्या मामा, संत सिंगाजी, राणा बख्तावर सिंह, आद्यगुरु शंकराचार्य समेत कई ऐतिहासिक उपन्यास चर्चित रहे हैं। 1953 में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जगदीश विद्यार्थी, बंकिम जोशी, रमाकांत खोड़े, पद्मश्री रामनारायण उपाध्याय, बाबूलाल सेन, गौरीशंकर गौरीश के साथ अखिल निमाड़ लोक परिषद संस्था स्थापित की। जिसके देशभर में 3000 सदस्य हैं।
● डॉ बुधेंद्र कुमार जैन
सतना के डॉ बुधेंद्र कुमार जैन चित्रकूट के सदगुरु नेत्र चिकित्सालय के निदेशक हैं। वे जनरल मेडिसिन और इंटरनल मेडिसिन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखते हैं। उन्हें यह सम्मान सतना शहर के गौरव दिवस के अवसर पर मिला है। उन्होंने शासकीय वेंकट क्रमांक एक विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। उनके बेटे डॉ इलेश जैन ने कहा कि उन्हें चिकित्सा सेवा में जीवनभर की तपस्या का फल मिला है। इससे हमारे मानव सेवा के संकल्प को और ऊर्जा मिलेगी।