New Delhi : बीजेपी नेताओं का पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ कथित टिप्पणी करना भारत भारी पड़ता जा रहा है। दस इस्लामिक देशों ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार शुरू कर दिया। कुवैत में भारतीय उत्पादों के बायकॉट की मुहिम चल पड़ी है। सुपर मार्केट से भारतीय सामानों को हटाया जाने लगा। बीजेपी को लग रहा था कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल पर कार्रवाई के बाद ये विरोध शांत हो जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ! अरब देशों ने भारत को आंख दिखाने की कोशिश की।
इस बीच देशों ने पैगंबर मोहम्मद विवाद मामले में भारत पर दबाव बनाने के लिए उसके उत्पादों के बायकॉट का ऐलान कर दिया है। लीबिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, बहरीन और अफगानिस्तान ने बीजेपी नेताओं के बयान की आलोचना की है। उधर, कतर, कुवैत और ईरान ने भी बीजेपी नेताओं की आलोचना की है। उधर, मक्का और मदीना मस्जिद ने भी पैगंबर मोहम्मद के अपमान की आलोचना की है। ओमान के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भारतीय राजदूत से मिलकर कहा कि इस तरह के बयानों से लोगों का गुस्सा बढ़ता है। मालदीव ने भी कहा कि बीजेपी नेताओं के बयान से वह चिंतित है। उधर, गल्फ कूप काउंसिल के महासचिव ने भी पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयान की निंदा की है।
सोशल मीडिया पर भारतीय उत्पादों का बहिष्कार
अरब देशों में सोशल मीडिया पर भारतीय सामानों के बायकॉट की मुहिम शुरू हो गई। कुवैत के सुपरमार्केट से भारतीय उत्पादों को हटाने की भी जानकारी मिली ये भी बताया गया कि कुछ भारतीय उत्पादों को सेल्फ में ही ढंक दिया गया। इस बीच यूएई, ओमान, बहरीन और जॉर्डन ने भी भारत से कार्रवाई की मांग की। खाड़ी देशों की आलोचना पर भारत ने थोड़ा संयत रुख अपनाया, पर उसने OIC (Organization of Islamic Countries) और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया।
उधर, भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन OIC को जमकर खरी-खरी सुना दी है। यही नहीं, पाकिस्तान को भारत ने टके सा जवाब देते हुए उसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार अपराध करने वाला देश बताया है। मालदीव ने इस विवाद में भारत के प्रति थोड़ा नरम रुख दिखाया है।
मालदीव की संसद में बीजेपी नेताओं के बयान की निंदा करने वाला प्रस्ताव गिर गया है। मालदीव में विपक्षी दल के सांसद और पूर्व रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री अदम शरीफ ने संसद में बीजेपी के दो नेताओं के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ दिए गए बयान की निंदा करने वाला प्रस्ताव लाया गया था। 43 सासंदों प्रस्ताव पर वोटिंग की। 33 सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया जबकि महज 10 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। इस प्रस्ताव में राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह सरकार से बीजेपी नेताओं के बयान की निंदा करने की मांग की गई थी।