Rain in Many Places : मौसम का पहला मावठा, इंदौर समेत संभाग के कई इलाकों में बारिश!

दोपहर में इतने घने बादल कि अंधेरे का अहसास, बादल भी गरजे!

1173

Rain in Many Places : मौसम का पहला मावठा, इंदौर समेत संभाग के कई इलाकों में बारिश!

Indore : रविवार सुबह से बादल छाए रहने और ठंड बढ़ने का अहसास होने के बाद दोपहर करीब साढ़े 3 बजे इंदौर में बारिश आई। पहले शहर के पश्चिमी इलाके महू नाका और अन्नपूर्णा में बारिश शुरू हुई, बाद में पूर्वी इलाके बंगाली चौराहा और रोबोट चौराहा क्षेत्र में बूंदाबांदी शुरू हुई। इसे इस मौसम का पहला मावठा माना जा रहा है।
अलग-अलग स्थानों पर बनी तीन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में मौसम का मिजाज बदलने लगा है। मौसम के जानकारों के मुताबिक कहीं-कहीं जबरदस्त ओलावृष्टि भी हो सकती है। इंदौर-उज्जैन संभाग के कई इलाकों में अगले चार दिन गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। रविवार दोपहर डेढ़ बजे के बाद संभाग के झाबुआ, मंदसौर, आलीराजपुर, और धार जिले के मनावर और बदनावर में जोरदार बारिश हुई। बड़वानी के सेंधवा में भी तेज हवा के साथ पानी गिरा। माना जा रहा है कि चार दिन मौसम ऐसा ही रहेगा और कुछ जगह ओले गिर सकते हैं

WhatsApp Image 2023 11 26 at 17.01.36
वर्तमान में कच्छ के आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना है। इस चक्रवात से राजस्थान तक शक्तिशाली द्रोणिका भी बनी है। इस द्रोणिका के साथ ही विपरीत दिशा की हवाओं (पूर्वी-पश्चिमी) का संयोजन भी हो रहा है। इसके अतिरिक्त उत्तर-पूर्वी मप्र पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया। इसके प्रभाव से इंदौर-उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। साथ ही कहीं-कहीं बड़े पैमाने पर ओले भी गिर सकते हैं। सोमवार को नर्मदापुरम एवं जबलपुर संभाग के जिलों में भी वर्षा होगी। मौसम के इस बदलाव से रात के तापमान में गिरावट आने के आसार जताए गए हैं।

WhatsApp Image 2023 11 26 at 17.01.37

चार दिन मौसम ऐसा ही रहेगा
मौसम विभाग ने सप्ताह भर पहले ही मौसम के इस बदलाव का संकेत दिया था। कहा गया था कि 26 से 29 नवंबर तक चार दिन बारिश होगी। विशेषज्ञों ने इंदौर और उज्जैन संभाग के साथ भोपाल-नर्मदापुरम के कुछ जिलों में इस विक्षोभ का सबसे ज्यादा असर होने का अनुमान जताया है। 28-29 नवंबर को यह सिस्टम पूर्वी हिस्से यानी जबलपुर और आसपास के जिलों में बारिश कराएगा। प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस, ट्रफ लाइन और चक्रवाती हवाओं के घेरे से बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो गया। इसका ज्यादा असर पश्चिमी हिस्से में रहेगा।

मौसम का पहला मावठा पूरे प्रदेश में
सीजन का पहला मावठा गिरने का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग में रहेगा। इसके अलावा भोपाल संभाग के दक्षिणी हिस्से के साथ नर्मदापुरम संभाग में भी अधिक प्रभाव दिखाई देगा। यह असर दो दिन रहेगा, इसके बाद सिस्टम पूर्वी हिस्से में शिफ्ट होगा। 29 नवंबर तक प्रदेश भर में बारिश का अनुमान लगाया गया है।
अनुमान लगाया गया था कि रविवार 26 नवंबर को उज्जैन, रतलाम, इंदौर, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, देवास और धार में तेज बारिश होगी और ये अनुमान सही भी निकला। भोपाल, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, सीहोर, राजगढ़, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, जबलपुर, रायसेन, विदिशा, गुना, अशोकनगर, श्योपुर, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, सागर, दमोह, कटनी, पन्ना, निवाड़ी और टीकमगढ़ में हल्की बारिश का अनुमान था, इनमें से अधिकांश जगह मावठा गिरा। जबकि, छतरपुर, उमरिया, भिंड, दतिया और सिवनी में गरज-चमक की संभावना जताई थी जिसका असर दिखाई भी दिया।
सोमवार 27 नवंबर को इंदौर के साथ भोपाल, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, शाजापुर, देवास, सीहोर, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, बैतूल, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, कटनी, दमोह, पन्ना, उमरिया, मंडला, बालाघाट, अनूपपुर, शहडोल में कहीं-कहीं हल्की बारिश के आसार मौसम विभाग ने जताए हैं। जबकि, सागर में गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
मंगलवार 28 नवंबर को भी इंदौर में बारिश के आसार जताए गए हैं। इसके अलावा भोपाल, खरगोन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, शाजापुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, दमोह, कटनी, डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया में हल्की बारिश हो सकती है। जबकि, सागर और पन्ना में गरज-चमक के साथ छींटे पड़ेंगे।
बुधवार 29 नवंबर को खरगोन, खंडवा देवास, सागर, बड़वानी, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, कटनी, मंडला, सतना, रीवा, सीधी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर और डिंडोरी में हल्की बारिश होगी। वहीं, बालाघाट, अलीराजपुर, धार, इंदौर, शाजापुर, सीहोर, विदिशा, रायसेन और टीकमगढ़ में गरज-चमक के साथ छींटे पड़ सकते हैं।