Special on 8th May Sattu Amavasya : मेरे बालपन की यादों में घुलामिला है “सत्तू”

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Special on 8th May "Sattu" Amavasya

8 मई “सत्तू” अमावस्या पर विशेष –

Special on 8th May “Sattu” Amavasya : मेरे बालपन की यादों में घुलामिला है “सत्तू”

शिशिर उपाध्याय “निमाड्या”

वैशाख महीने की अमावस्या 8 मई, दिन आज बुधवार को पड़ रही है।  वैशाख अमावस्या पर सत्तू का दान करना उत्तम माना जाता है। इसलिए इसे सतुवाई अमावस्या भी कहा जाता है। वैशाख अमावस्या के दिन सौभाग्य योग और भरणी नक्षत्र के संयोग बन रहा है।हमारा देश पर्व उत्सवों का देश है , यहां हर माह कुछ पर्व, त्यौहार उत्सव रहते हैं ,,आज सत्तू बाई अमावस्या है : सम्पूर्ण निमाड़ मालवे में यह त्यौहार वैशाख में मनाया जाता । खाद्य पदार्थो में श्रेष्ठ “सत्तू “क्षेत्र में गेहूं और चने की दाल को पहले भिगा कर फिर भाड़ में सेक कर फिर घट्टी में बारीक़ पीस कर बनाया जाता रहा है। इसमें जीरे का स्वाद अपनी अलग महक बनाता है। अब आधुनिक साधन भी आ गए हैं।

441581519 1892127574562301 149052554199272305 nRajasthani Sattu teej special | Sattu ke Laddu | Sattu ke Mithai | Sattu Sweet | #kitchenaroma - YouTube

सत्तू अपनी महक और अपनी पुरातन इंस्टैंट गुणों के कारण मिनटों में तैयार हो जाता है मेगी से भी तेज ।। गुड़ और शक्कर और पानी इसके तीन यार हैं ।। वैसे इसे सूखा भी खाया – फकाया जाता है । छाँछ के साथ नमकीन सत्तू के क्या कहने । मेरे बालपन की यादों में सत्तू घुलामिला है । यह गर्मी में अपने गुणों के कारण शीतल भोज्य पदार्थ है।बचपन में हमारी बाई लगभग २० kg सत्तू बना एक छोटी कोठी में रखती थी। ऊंढाले/ ग्रिस्म में सत्तू और देशी आम की मिजवानी चलती थी। ज्यादा हो तो कांदे के साथ सेंव/परमल, जीरावण!
जब गाँव में थे तब घरों घर सत्तू खाने का बुलावा होता था।। गीले सत्तू के साथ जीरावन का उस्करण क्या कहने । हमारे दाजी कहते थे सत्तू तीन बार मजा देता है.
खाने में ।। पचाने में ।। और जाने में ।।
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हाइली प्रोटिनियस सत्तू ।। आप भी ग्रीष्म में खाइये ;:अभी बडवाह में शुद्ध सत्तू १२० से १४० रूपये किलो है । प्रोटिनेक्स 150 ग्राम २०० /०० रूपये किलो ,तो बाजार के डिब्बे से कहीं ज्यादा उपयोगी और गुणकारी हमारा देशी प्रोटीनेक्स है सत्तू  क्योंकि सत्तू, भारतीय उपमहाद्वीप का एक लोकप्रिय व्यंजन है. इसे भूने हुए जौ, गेंहू , या चने को पीसकर बनाया जाता है. सत्तू को चूर्ण के रूप में रखा जाता है और इसे पानी में घोलकर या अन्य रूपों में खाया या पिया जाता है. सत्तू के सूखे (चूर्ण) और घोल दोनों ही रूपों को ‘सत्तू’ कहते हैं. 
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Sattu Sharbat

सत्तू में आयरन, सोडियम, फाइबर, मैंगनीज़, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, और विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं.सत्तू का शरबत पीने से पाचन में सुधार होता है.यह शरीर को एनर्जी देता है और मज़बूत बनाता है.