Stampede Incidents : महाकुंभ जैसी भगदड़ की घटनाएं कब-कब हुई, जिनमें कई लोगों की जान गई!

जानिए, कब ऐसे दर्दनाक हादसे हुए और उसके कारण क्या रहे!

560

Stampede Incidents : महाकुंभ जैसी भगदड़ की घटनाएं कब-कब हुई, जिनमें कई लोगों की जान गई!

New Delhi : बीती रात प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान से पहले हुई भगदड़ की घटना में कई लोगों की जान गई और कई घायल हुए। इसके पीछे कारण जो भी हों, पर कहीं न कहीं व्यवस्था की खामी और भीड़ का अनियंत्रित होना ही सबसे बड़ा कारण होता है। धार्मिक समारोहों में बार-बार होने वाली ये त्रासदी को कई खामियों को उजागर करती है। पुरानी घटनाएं बताती है कि इससे पहले भी भीड़भाड़ वाले धार्मिक उत्सवों में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है।

IMG 20250129 WA0013

पिछली घटनाओं में मंदिरों में, समारोहों के दौरान और बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के जमावड़े के दौरान हुए भगदड़ शामिल हैं। कुछ दिन पहले जनवरी 2025 में आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में हुई भगदड़ में 6 लोग मारे गए थे। इससे पहले जुलाई 2024 में उत्तर प्रदेश में एक बाबा को देखने के लिए उमड़ी भीड़ में भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान गई थी।

IMG 20250129 WA0014

कब-कब हुई भगदड़ की घटनाएं

● जनवरी 2025 : आंध्र प्रदेश में भारत के सबसे व्यस्त और सबसे अमीर मंदिरों में से एक के पास भगदड़ में कम से कम 6 लोग मारे गए और 35 घायल हो गए। ये घटना उस वक्त हुई, जब हजारों श्रद्धालु निःशुल्क यात्रा पास प्राप्त करने के लिए वहां एकत्र हुए थे।

● जुलाई 2024 : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक हिंदू उपदेशक की नज़दीकी झलक पाने के लिए हजारों भक्तों की भीड़ में लगभग 121 लोगों की मौत हो गई।

● जनवरी 2022 : जम्मू-कश्मीर में वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ के संकीर्ण मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश के बाद मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और अधिक घायल हो गए।

● नवंबर 2013 : मध्य प्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ के बाद लगभग 115 लोग मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। यह घटना तब हुई, जब 1,50,000 से अधिक लोग देवी दुर्गा का नौ दिवसीय त्योहार, नवरात्रि मनाने के लिए एकत्र हुए थे।

● फरवरी 2013 : उत्तर प्रदेश में कुंभ मेले के सबसे व्यस्त दिन पर भगदड़ में कम से कम 36 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मृतकों में से 27 महिलाएं थीं, जिनमें एक आठ साल की लड़की भी शामिल थी।

● मार्च 2010 : उत्तर प्रदेश में एक हिंदू मंदिर में मुफ्त भोजन और कपड़ों के लिए भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 63 लोग मारे गए, जिनमें आधे से अधिक बच्चे थे।

● सितंबर 2008 : राजस्थान के चामुंडागर मंदिर में जब श्रद्धालु नवरात्रि मनाने के लिए एकत्र हुए थे। इनमें करीब 250 लोगों की मौत हो गई थी।

● अगस्त 2008 : हिमाचल प्रदेश में पहाड़ की चोटी पर स्थित नैना देवी मंदिर में भूस्खलन की अफवाह के कारण भगदड़ मचने से लगभग 145 तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी।

● जनवरी 2005 : महाराष्ट्र के वाई शहर में मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ के बाद 265 से अधिक श्रद्धालु मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हो गए थे। यह भगदड़ मंदिर की ओर जाने वाली फिसलन भरी सीढ़ियों के कारण हुई थी।