What A Strange Decision: क्या जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत सही है? पढ़िए चोरी की भैंस पर अजब गजब फैसला!

704

What A Strange Decision: क्या जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत सही है? पढ़िए चोरी की भैंस पर अजब गजब फैसला!

जोधपुर के बनाड़ थाना क्षेत्र से एक अजब-गजब मामला सामने आया है, जिसने पुलिस के साथ-साथ शहरवासियों को भी हैरान कर दिया. रात के समय पुलिस जब अपने नियमित चेकिंग अभियान पर थी, तो एक संदिग्ध वाहन को रोका और उसकी तलाशी ली. पुलिस ने वाहन में तीन भैंसें देखी, जिनके बारे में चालक से जानकारी ली गई. लेकिन, वाहन चालक घबराया हुआ नजर आया और इस पर पुलिस को शक हुआपुलिस ने संदिग्ध वाहन को थाने ले जाकर वहां भैंसों की जांच की. इसके बाद पुलिस ने इन भैंसों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया ताकि इनके मालिक का पता चल सके. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया और वायरल होते ही इन भैंसों के असली मालिक का पता लगाने में मदद मिली. मालिक ने थाने आकर दावा किया कि ये भैंसें उसकी हैं, लेकिन पुलिस ने इस पर सवाल उठाया और पूछा कि कैसे यह साबित किया जा सकता है कि ये भैंसें उसी के हैं.

मालिक ने अपनी बात साबित करने के लिए कई फोटो और वीडियो भी पुलिस को दिखाए, लेकिन फिर भी पुलिस को यकीन नहीं हो रहा था. इस पर थाने के अधिकारी प्रेम दान रतनू ने एक खुफिया तरीका अपनाया. उन्होंने भैंसों के मालिक से कहा कि वह इन भैंसों के बच्चों को लाए, जिन्हें स्थानीय भाषा में ‘पाडिया’ कहा जाता है. पुलिस का मानना था कि अगर भैंसों के बच्चे अपनी मां के पास पहुंचकर दूध पीने लगे, तो यह साबित हो जाएगा कि ये भैंसें उस मालिक की ही हैं.

इसके बाद भैंसों का मालिक अपने भैंसों के बच्चों को लेकर थाने पहुंचा और पुलिस ने उन बच्चों को उनके मां-बाप के पास छोड़ दिया. जैसे ही बच्चों को छोड़ने पर वे भैंसों के पास पहुंचे और दूध पीने लगे, पुलिस को यकीन हो गया कि यह भैंसें वास्तव में उसी मालिक की हैं. इस पर पुलिस ने उन भैंसों को उनके मालिक के हवाले कर दिया और इस अजब-गजब मामले को सुलझा लिया.

यह मामला इसलिए भी खास था क्योंकि पुलिस को पहले इन भैंसों के मालिक का कोई भी ठोस प्रमाण नहीं मिल रहा था. लेकिन इस अनोखे तरीके से पुलिस ने मालिक को साबित करने का मौका दिया, जिससे यह मामला हल हो सका. पुलिस ने यह साबित कर दिया कि सही तरीके से जांच करने से कभी भी कोई मामला हल हो सकता है, चाहे वह कितना भी अजीब क्यों न हो.