Srinagar : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना से इंकार किया है। कल हुई इस घटना में 15 लोगों के मारे जाने और 60 से ज्यादा लापता हो गए थे। इस हादसे के लिए बादल फटने को जिम्मेदार बताया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि वो यह नहीं मानता। IMD के मानदंड के अनुसार, एक घंटे में 100 मिमी से ज्यादा बारिश होने पर ही उसे बादल फटना कहा जाता है।
मौसम विभाग का कहना है कि यह घटना बादल नहीं था, बल्कि एक लोकल घटना थी। श्रीनगर स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र की प्रमुख सोनम लोटस ने कहा कि गुफा के ऊपर बादल था, जिससे अचानक बारिश हुई। लेकिन, यह फ्लैश फ्लड (Flash flood) नहीं था। बहुत मुमकिन है कि गुफा के ऊपर की तरफ कहीं जोरदार बारिश हुई हो, जिसका पानी नीचे बहकर आ गया हो।
IMD की तरफ से शुक्रवार को गुफा के आसपास बारिश की कोई खास चेतावनी भी जारी नहीं की गई थी। सामान्य तौर पर जिले के लिए दैनिक पूर्वानुमान में यलो अलर्ट बताया गया था, जिसका मतलब सतर्क रहना होता है।मौसम विभाग की वेबसाइट पर शुक्रवार शाम 4.07 बजे जारी पूर्वानुमान में पहलगाम और बालटाल दोनों मार्गों पर ‘आंशिक रूप से बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना’ जताई गई थी।
गुफा में लगे स्वचालित मौसम केंद्र (AWS) के आंकड़े बताते हैं कि इलाके में सुबह 8:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक कोई बारिश नहीं हुई। IMD के एक वैज्ञानिक ने बताया कि 4:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच भी सिर्फ 3 मिमी बारिश हुई। लेकिन, 5:30 से 6:30 बजे के बीच 28 मिमी बरसात हो गई। इस लिहाज से देखा जाए तो गुफा के पास कोई बादल नहीं फटा था।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि पवित्र गुफा के प्रवेश द्वार से 200-300 मीटर दूर दो चट्टानों के बीच से तेज रफ्तार में पानी और मलबा बह रहा था। संभव है कि गुफा के सामने बारिश नहीं हुई हो, लेकिन कहीं ऊपर की और हुई होगी, जिसका पानी नीचे बहकर आया होगा। पहाड़ों में बारिश का पहले से सटीक अनुमान लगाना मुश्किल होता है। अगर स्वचालित मौसम स्टेशन कोई लगाना भी चाहे तो कितने लगाएगा!