सृजन कर्म होता है सार्थक
इक्कीस लेखक लेखिकाएं सम्मानित
आठ साहित्यकार आज होंगे सम्मानित
भोपाल 16 अक्टूबर 2022/न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने रचनाकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जो रचनाएं पुरस्कृत होती हैं या जो भी रचनाकार पुरस्कृत होते हैं यह उनके सृजनशीलता होने का प्रमाण होता है और समाज को उसका लाभ भी मिलता है। इस तरह सृजन कर्म सार्थक होता है। जस्टिस अग्रवाल हिंदी साहित्य सम्मेलन के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।मध्यप्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के तीन दिवसीय पुरस्कार एवं सम्मान समारोह का आयोजन पी एंड टी चौराहा स्थित मायाराम सुरजन सभागृह में किया गया।
समारोह के दूसरे दिन शनिवार को श्रीमती उर्मिला तिवारी स्मृति सम्मान के लिये चयनित रचनाकारों को सम्मानित किया गया। रचनाकारों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि मप्र उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने कहा कि उनका परिवार साहित्य से जुड़ा रहा है। वे एक ऐसी परंपरा से आए हैं जहां पर उनके अभिभावकों ने उन्हें हिंदी के ज्ञान से समृद्ध किया । इसीलिए वे अपने विद्यार्थी जीवन में हिंदी के अध्येता बन सके। आवश्यक है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनके माता-पिता उन्हें अपनी भाषा के प्रति समृद्धि करें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विजय बहादुर सिंह ने की।उन्होंने कहा कि साहित्यकार ऐसे अबोध बालक की तरह है जो निष्पक्ष और निरपेक्ष होकर बात कह सकता है।
दरअसल साहित्य संवेदना की वस्तु है और भाषा के ज्ञान के बिना समृद्ध साहित्य की रचना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि साहित्यकार को समाज में हो रही विषमताओं के विरुद्ध आवाज उठाना चाहिए।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि पुरस्कृत लेखक अपने लेखन में नए जोश के साथ कुछ ऐसा प्रस्तुत करेंगे जो कालांतर में उन्हें स्थापित करने का काम करेगा ।
इस अवसर पर वर्ष 2020 का माधुरी देवी अग्रवाल पुरस्कार कविता के लिए शेफली शर्मा छिंदवाड़ा, मानस भारद्वाज भोपाल, गीत गजल के लिए भाऊ राव महंत बालाघाट, कहानी उपन्यास के लिए उदिता मिश्रा भोपाल और कथेतर गद्य क्षेत्र के लिए शाम्भवी शुक्ला एवं श्री भूपेंद्र हरदेनिया सबलगढ़ को प्रदान किया गया । साल
2021 के लिए दिनेश चौधरी सागर ,श्री अभय शुक्ला भोपाल और मुदित श्रीवास्तव भोपाल को सम्मानित किया गया।
इसी तरह वर्ष 2020, 2021 और 2022 के लिए श्रीमती उर्मिला तिवारी स्मृति सप्तपर्णी सम्मान दिए गए। इनमें श्रीमती सुमन चौरे भोपाल, श्रीमती रश्मि रामानी इंदौर , श्री अशोक मनवानी भोपाल, श्री बंशीलाल परमार ,सुवासरा, डॉ के बी एल पांडे दतिया श्रीमती मीता दास भिलाई ,डॉ आरती ,भोपाल संपादक समय के साखी भोपाल, कुमार रविंद्र, शहडोल, श्री राम निहोर तिवारी उमरिया, डॉ संध्या टिकेकर बीना श्री शैलेंद्र चौहान जयपुर और संदीप राशिनकर इंदौर शामिल हैं।
इस अवसर पर सुश्री शेफाली शर्मा, मुदित श्रीवास्तव, रश्मि रामानी ,आरती और संध्या टिकेकर ने अपने विचार व्यक्त किए। जयपुर से पधारे श्री शैलेंद्र चौहान ने रेखांकित किया कि यह सम्मान लेखकों का सम्मान नहीं अपितु उन विधाओं का सम्मान है जिन पर लगातार काम करने की जरूरत है।
सम्मेलन के अध्यक्ष श्री पलाश सुरजन ने आभार व्यक्त किया।
समारोह का संचालन सम्मेलन के कार्यकारी अध्यक्ष विजय अग्रवाल ने किया। मुख्य अतिथि और अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
प्रारम्भ में दीप प्रज्वलन कर समारोह का विधिवत शुभारंभ हुआ। सम्मेलन की ओर से श्री पलाश सुरजन ने स्वागत किया।
तीन दिवसीय समारोह के आखिरी दिन रविवार,16 अक्टूबर को वागेश्वरी पुरस्कार 2021,2022 और भवभूति अलंकरण भी प्रदान किए जाएंगे
अनूठा आयोजन: मालवी निमाड़ी शोध संस्थान और इंदौर लेखिका संघ ने मनाया संजा-पर्व “16 दिन 16 गीत “