आज का विचार : “निंदा दुनिया का सबसे बड़े पाप कर्म”

इस अनजाने पाप का पूरा दोष उस महिला को जाता है---

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आज का विचार : “निंदा दुनिया का सबसे बड़े पाप कर्म”

कल एक प्रेरक बोध कथा  सोशल मीडिया पर  मिली जिसने सोचने समझने का नया रास्ता दिखाया ,अनजाने में हुए पाप से कहीं  ज्यादा बड़ा पाप वह है जो जानते बुझाते आनंदित होने के लिए किया जाता है .किसी कर्तव्य निर्वाह में हुई त्रुटी क्षम्य हो सकती है परन्तु बिना वजह मजा लेने के लिए  किया गया गलत काम गलत ही है जो अक्षम्य है .आइये पढ़ते है छोटी सी कथा और उसका सार —

एक राजा ने अलग अलग गांवो से बहुत सारे ब्राह्मण को भोजन के लिए आमंत्रित किया।जब भोजन बनाने वाले रसोया खुले आसमान के नीचे भोजन बना रहे थे। उस समय आसमान में चील एक साप को पकड़कर ले जा रहा था तब साप के मुंह से जहरीली बूंदे खाने में गिरती है।उस दिन जो भी ब्राह्मण भोजन करने आये थे,उन  सभी खाना खाने के बाद उनका निधन हो जाता है।श्राद्ध पक्ष(महालय/कनागत/पितृपक्ष) में ब्राह्मण भोजन क्यों हैं आवश्यक ?? | प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com

चित्रगुप्त यमराज से कहते है कि यह बहुत बड़ा पाप है यह पाप किसके द्वारा हुआ है ? उसे हम कठोर से कठोर सजा देंगे।यमराज बहुत ही विचार करते  है फिर कहते है।भोजन बनाने वाले रसोये का इसमें कोई दोष नही है। उन्हें यह पता भी नही चला की कब जहरीली बूंदे खाने में गिरी।

  • चील का भी दोष नही है वह अपने पेट पूजा के लिए साप को पकड़ा था ना की ब्राह्मणों को मारने।
  • साप का भी दोष नही है क्योंकि वह अपनी रक्षा करने के लिए चील को काटने का प्रयास कर रहा था तब ही उसकी जहरीली बूंदे मुंह से नीचे गिरी।
  • चित्रगुप्त यमराज को दोषी को पकड़कर लाने का आदेश देता है। यमराज के लिए दोषी को ढूंढना अनिवार्य हो जाता है।यमराज की नजर एक गांव के महिला पर पड़ती है वह पूरे गांव में ढिंढोरा पीटती है की राजा ने खाने में जहर मिलाया और सभी ब्राह्मणों को मृत्युदंड दे दिया।यमराज तुरंत निर्णय लेता है कि यह पाप की सबसे बड़ी भागीदारी है ! चित्रगुप्त यमराज को कारण पूछता है की आप इसे क्यो पाप का भागीदारी बना रहे है।यमराज कहते है कि साप, चील, रसोइए यह तीनों को पता भी नही उनसे यह पाप कब हुआ और न ही आनंदित हुए और यह महिला निंदा कर कर बहुत ही आनंदित हो रही थी जो सबसे बड़ा पाप कर्म है।ऐसे में इस अनजाने पाप का पूरा दोष उस महिला को जाता है जिसने जानबूझकर मन में ईर्ष्या का भाव रखते हुए निंदा की। इसलिए मैं चाहता हु की अनजाने पाप का दंड उस महिला को ही मिले .आज का विचार इसी कहानी से उपजा है , निंदा दुनिया के सबसे बड़े पापकर्म में आता है। जो व्यक्ति बिना जांच पड़ताल किए दुनिया का हिसाब रखता है ऐसे व्यक्ति का पूरा हिसाब किताब सर्वपरी ईश्वर रखता है।इसलिए जीवन में अच्छे कर्म का घड़ा भरना है तो निंदा और ईर्ष्या से दूर ही रहिए। इसलिए जीवन में अच्छे कर्म का घड़ा भरना है तो निंदा और ईर्ष्या से दूर ही रहिए।
  • आज का विचार : एक नेत्रहीन व्यक्ति की तरह पूर्वाग्रहित होने के बजाय, जो मिला है उसकी महत्ता को समझें