freed the girl from kidnappers : बालिका को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराने वाले को एसपी ने किया सम्मानित
Ratlam : जिले के ग्राम माननखेडा में एक बालिका का अपहरण कर लें जाने वाले अपहर्ताओं के चंगुल से छुड़वाने पर गांव की कारी बाई तथा भवरसिंह को एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने सम्मानित किया।इन दोनों ने साहस का परिचय देकर अपह्रत बालिका को बदमाशों के चंगुल से छुड़वाया इसके साथ ही आरोपियों को पकड़कर पुलिस को सूचना दी।कारी बाई और दिव्यांग भंवर सिंह द्वारा एक नाबालिग बालिका को अपहरणकर्ताओं से बचाते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया।
*क्या था मामला*
गांव की बालिका सुबह 9 बजे मंदिर दर्शन के लिए जा रहीं थी।जिसे कुछ लोग जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाकर लें जाने लगें।बालिका के शोर मचाने पर पास ही मंदिर मे दर्शन कर रही कारी बाई पति गोपाल माली उम्र 45 साल निवासी माननखेडा पंहुची और स्थिति देखकर साहस का परिचय देते हुए बदमाशों से भिड़ गई और बालिका को बदमाशों से छुड़ाने का प्रयास करने लगी।साथ ही महिला ने सहायता के लिए शोर मचाया तो आवाज सुनकर कुछ ही देर मे मौके पर एक दिव्यांग व्यक्ति भंवर सिंह पिता महादेव सिंह राजपूत उम्र 61 साल निवासी माननखेड़ा के भी आ गए।कारी बाई तथा भवर सिंह दोनों ने मिलकर अपह्रत बालिका को बदमाशों के चंगुल से छुड़वाया इसके साथ ही आरोपियों को पकड़ लिया।और पुलिस को सूचना दी।तब पुलिस पंहुची और आरोपीयो को पकड़ा।कारी बाई और दिव्यांग भंवर सिंह द्वारा एक नाबालिग को अपहरणकर्ताओं से बचाते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया,जिसके कारण बालिका के साथ गंभीर घटना को होने से बच गई।नाबालिग पीड़िता की रिपोर्ट पर थाना रिंगनोद में आरोपी संतोष पिता नरवर सिंह राजपूत उम्र 23 साल निवासी ग्राम ठगाई थाना पाली जिला ललितपुर (उप्र.) व सुशील उर्फ सुनील पिता देवी सिंह लोधी उम्र 23 वर्ष निवासी झीरया तालुका चौका थाना बेगमगंज जिला रायसेन हालमुकाम 53 गली नम्बर 06 मुसाखेड़ी आलोक नगर थाना आजाद नगर इंदौर के विरूद्ध अपराध क्रमांक 131/23 धारा 363,365, 354,34 भादवि एवं 7/8 पॉक्सो एक्ट का पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से जप्त मोटरसाइकल की तलाशी लेने पर बंधी हुई जहरीली शराब से भरी एक प्लास्टिक की केन मिली जिसे पुलिस ने जप्त करते हुए धारा 49 (ए) आबकारी अधिनियम का ईजाफा किया।पुलिस अधीक्षक रतलाम सिद्धार्थ बहुगुणा द्वारा कारी बाई व दिव्यांग भंवर सिंह राजपूत के द्वारा किए गए साहस भरें कार्य हेतु असली हिरो के रूप में सम्मानित किया गया।