Strange Incident: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंच साझा कर BJP के लिए मांगे वोट और दूसरे दिन पूर्व MLA कांग्रेस के हो गए

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Strange Incident: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मंच साझा कर BJP के लिए मांगे वोट और दूसरे दिन पूर्व MLA कांग्रेस के हो गए

 

  • ग्वालियर: ग्वालियर में कल हुई एक विचित्र राजनीतिक घटना की चर्चा चौतरफा हो रही है। ग्वालियर से भाजपा के पूर्व विधायक मदन कुशवाहा ने भाजपा को जो झटका दिया है उसे देखकर राजनीतिक गलियारों में आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है और लोग अवाक रह गए हैं।

दरअसल ग्वालियर के बसपा के पूर्व विधायक मदन कुशवाहा ने एक दिन पहले केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सभा में बीजेपी के लिए वोट मांगे और उसके अगले ही दिन में राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने उनकी सभा में कांग्रेस में शामिल हो गए।

मदन मूलतः ओबीसी से हैं और कांग्रेस इस चुनाव में इस जाति के किसी बड़ी चेहरे की कमी को महसूस कर रही थी। माना जा रहा है कि मदन के आने से कांग्रेस पार्टी में इस कमी की शायद पूर्ति हो जाए।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्वालियर क्षेत्र में मदन कुशवाहा बदलाव की बयार के बड़े चेहरे बनकर उभरे हैं। ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के हाथी खाना में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा लेने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ ग्वालियर आए थे तब मदन उनके साथ मंच पर आसीन थे और उन्होंने भाजपा के लिए वोट मांगे। दूसरे दिन भी सुबह भाजपा प्रत्याशी भारत सिंह के साथ थे। लेकिन दोपहर में वे अचानक थाटीपुर मैदान में कांग्रेस प्रत्याशी सतीश सिंह सिकरवार के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा में पहुंचे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सामने भाजपा को छोड़ने की घोषणा कर दी और तत्काल खड़गे के हाथों कांग्रेस की सदस्यता भी ग्रहण कर ली।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मदन कुशवाहा ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट चाहते थे। उन्होंने अपनी इच्छा का इजहार सिंधिया के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को कई बार किया था लेकिन पार्टी ने दो बार के विधायक राज्य मंत्री भारत सिंह पर ही दाव लगाकर मदन की मंशा पर पानी फेर दिया। इस एपिसोड के बाद वे कांग्रेस के संपर्क में आए और अब पूरी तरह कांग्रेस के हो गए।

बहुजन समाज पार्टी के जरिए राजनीति में आए मदन का ट्रैक रिकॉर्ड हर चुनाव में दल बदलने का रहा है। वह 2008 में ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और भाजपा के महेंद्र यादव को गरीब 10000 मतों से पराजित किया। लेकिन 2013 में भाजपा के भारत सिंह कुशवाहा से चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद वे तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में आए और कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस ने 2018 के चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाया लेकिन जीत बीजेपी के भारत सिंह की हुई। 2020 में जब सिंधिया भाजपा में शामिल हुए तो मदन भी सिंधिया के साथ बीजेपी में चले गए। अब उन्होंने एक बार फिर दल बदल लिया है और फिर से कांग्रेस के पाले में चले गए हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि मदन कुशवाहा अब कांग्रेस की कितनी मदद कर पाते हैं और क्या वे भाजपा के प्रत्याशी भारत सिंह के लिए मुश्किल खड़ी करेंगे?