10% Tax on Temples Rejected : कर्नाटक के मंदिरों पर 10% टैक्स वाला विधेयक खारिज!   

बीजेपी ने राज्य सरकार पर सरकार विरोधी होने का आरोप लगाया!

536

10% Tax on Temples Rejected : कर्नाटक के मंदिरों पर 10% टैक्स वाला विधेयक खारिज!   

Bengaluru : एक करोड़ से ज्यादा चढ़ावा वाले कर्नाटक के मंदिरों से 10% कर लेने का आदेश राज्य सरकार ने वापस ले लिया। ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती संशोधन विधेयक 2024’ राज्य की विधानसभा में भी पारित कराया गया था, उसे खारिज कर दिया गया। कर्नाटक की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है।

इस विधेयक ने राज्य में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वो राज्य में एंटी-हिंदू रणनीतियां अपना रही है। कर्नाटक में विधान परिषद या उच्च सदन में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की संख्या सत्तारूढ़ सरकार से अधिक है। कांग्रेस के पास 30 एमएलसी हैं, बीजेपी के पास 35 एमएलसी हैं। आठ एमएलसी जद (एस) से हैं और एक स्वतंत्र उम्मीदवार है. परिषद में एक सीट खाली है।

IMG 20240224 WA0025

राज्य सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती संशोधन विधेयक 2024’ राज्य विधानसभा पारित किया था, जो राज्य को उन मंदिरों से 10% कर इकट्ठा करने का आदेश देता है, जिनका राजस्व 1 करोड़ रुपए से अधिक है। साथ ही उन मंदिरों से 5 प्रतिशत कर प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिनका राजस्व 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपए के बीच है।

64 SAS Officers Transfer: राज्य प्रशासनिक सेवा के 64 अधिकारियों के तबादले 

विधेयक में सरकार के संशोधनों को लेकर आलोचना के बाद, राज्य के मंत्री रामलिंगा रेड्डी और दिनेश गुंडू राव ने इस कदम का बचाव किया और इसके विरोध के लिए बीजेपी की आलोचना की। परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने आरोप लगाया कि बीजेपी ‘हिंदू विरोधी’ है। उन्होंने दावा किया कि जो पार्टी 2011 में सत्ता में थी, उसने विधेयक में संशोधन किया था।

उन्होंने कहा कि हम हिंदू विरोधी नहीं हैं। असल में बीजेपी हिंदू विरोधी है। यह एक्ट 2003 में अस्तित्व में आया था। 2011 में उन्होंने इसमें संशोधन किया उस वक्त 34,000 मंदिर थे और वो धार्मिक परिषद के लिए कुछ दिया नहीं करते थे। तक के करीब 193 ‘बी ग्रेड’ मंदिर हैं इन्हें 5% कर देना होता है। वहीं लगभग 205 मंदिर हैं उन्हें 10% कर देना होगा। उन्होंने 2011 में इसे विधानसभा में पारित किया था, अब कौन हिंदू विरोधी है।

स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि बीजेपी को यह समझना चाहिए कि यह विधेयक मंदिरों के लाभ के लिए है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सरकार छोटे मंदिरों की मदद करने की कोशिश कर रही है, तो बीजेपी गुमराह करने की कोशिश कर रही है। राज्य के निचले सदन में विधेयक के पारित होने पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने सवाल उठाया था कि केवल हिंदू मंदिरों पर ही इसे क्यों लागू किया जा रहा है और अन्य धर्मों की आय पर क्यों नहीं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बिल में संशोधनों के संबंध में आरोप लगाया है कि इसे गलत तरीके से पेश किया गया। केवल जनता को गुमराह करने के लक्ष्य से और राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करने के लिए।

64 SAS Officers Transfer: राज्य प्रशासनिक सेवा के 64 अधिकारियों के तबादले