पांचवे चरण तक बहुत गर्म है सियासत और हवा…
दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में इन दिनों हवा भी गर्म है और राजनीति भी गर्म है। चौक-चौराहे और गली-गली में यही चर्चा है कि चार सौ पार हो पा रहा है कमल या किसकी बन रही भारत में सरकार? जहां कम मतदान हो रहा है वहां क्या स्थिति है और जहां मतदान ज्यादा है, वहां किसका पलड़ा भारी है? मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का रिकार्ड तोड़ रहे हैं या फिर भारत की राजनीति में क्या होने वाला है? खैर ऐसी हजारों बातों के बीच लोकतंत्र का पड़ाव पांचवे दौर में पहुंच गया है। शनिवार यानि 18 मई 2024 की शाम गर्मी की बयार के बीच पांचवे दौर का चुनाव प्रचार थम गया है। 20 मई 2024 को गर्म मौसम में ही मतदाता अपना प्रकट कर यह पक्का कर देंगे कि बाकी बचे दो चरणों में किसके चेहरे पर ज्यादा सुकून नजर आने वाला है। चार सौ पार में दम है या फिर इसमें सच कम और ज्यादा वहम है।
लोकसभा चुनाव 2024 का पांचवें चरण कई मायनों में काफी अहम है। इसमें आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों के लिए मतदान होना है। गर्म मौसम में मतदाता सियासी मैदान में उतरे 695 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। छह राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड और दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख की कुल 49 सीटों पर मतदाता मतदान करेंगे। पांचवें दौर में जिन सीटों पर मतदान है, उनमें उत्तर प्रदेश की 14, महाराष्ट्र की 13, पश्चिम बंगाल की सात, बिहार और ओडिशा की पांच-पांच सीटें शामिल हैं। इसके अलावा, झारखंड की तीन, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की एक-एक सीट पर भी इसी चरण में मतदान होना है। इसके साथ ही फिर एक बार चर्चा होगी कि मतदान कम क्यों हो रहा है या मतदान से क्या संकेत मिल रहे है? पांचवें चरण में जिन सीटों पर वोटिंग होनी है, वहां 2019 में कुल 62.01% मतदान दर्ज किया गया था। सबसे ज्यादा 80.13% मतदान पश्चिम बंगाल में हुआ था। वहीं 34.6% वोटिंग के साथ जम्मू-कश्मीर इस सूची में सबसे नीचे था। सबसे बड़ी बात यह है कि पांचवें चरण का मतदान पूरा होते ही देश की 543 लोकसभा सीटों में से 428 सीटों पर मतदान संपन्न हो जाएगा। देश की 78.82 फीसदी सीटों पर मतदान के साथ साफ तौर पर ईवीएम में अगली सरकार कैद हो जाएगी। चार सौ पार का फैसला भी पांचवे चरण के मतदान के बाद हो चुका होगा। 4 जून को परिणाम में हर चरण यह बताएगा कि वह कब किस दल का साथ दे रहा था। कहां मोदी के शाही अंदाज के साथ था, तो कहां मां के बेटे की हौसला अफजाई करने में तल्लीन था।
लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में चुनाव वाले सभी राज्यों में रविवार को पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। भीषण गर्मी को देखते हुए निर्वाचन आयोग मतदाताओं और मतदानकर्मियों दोनों की चिंता कर रहा है। पर संशय की गर्मी से झुलस रहे राजनीतिक दलों की चिंता कोई नहीं कर सकता है। पांचवे चरण में सबकी नजरें रायबरेली और राहुल गांधी पर हैं। खास तौर पर तबसे जब मां सोनिया ने बेटे राहुल को रायबरेली को सौंपने की बात कही है। अब देश मां की ममता और गुहार की पुकार का असर देखने को आतुर है। तो वहीं अमेठी में बहन स्मृति ईरानी पर भी सबकी निगाहें हैं कि बेटा को बेदखल करने वाली बहन पर मतदाता कितनी मेहरबानी दिखा रहे हैं?
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, स्मृति ईरानी, चिराग पासवान और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जैसे चेहरों की प्रतिष्ठा रण में है। उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट राजनाथ सिंह की वजह से चर्चित है। उनके सामने सपा ने रविदास मेहरोत्रा को अपना उम्मीदवार बनाया है। मंत्री रह चुके मेहरोत्रा फिलहाल लखनऊ मध्य विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं। बसपा ने लखनऊ में सरवर मलिक को प्रत्याशी बनाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में सीट पर भाजपा से राजनाथ सिंह जीते थे। तो रायबरेली लोकसभा सीट राहुल गांधी के चलते चर्चा में है। यह राज्य की इकलौती सीट है जहां 2019 में कांग्रेस को जीत मिली थी। तब सोनिया गांधी यहां से जीतकर लोकसभा पहुंची थीं। सोनिया अब राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो चुकी हैं। अब मां का उत्तराधिकारी रायबरेली के मतदाता तय करेंगे। भाजपा ने यहां दिनेश प्रताप सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। एमएलसी दिनेश प्रताप फिलहाल योगी सरकार में मंत्री हैं। 2019 में रायबरेली सीट पर कांग्रेस की तरफ से सोनिया गांधी ने भाजपा के दिनेश प्रताप को हराया था। केंद्रीय मंत्री और अमेठी की मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी एक बार फिर भाजपा के टिकट पर यहां से मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस ने नामांकन के आखिरी दिन गांधी परिवार के करीबी केएल शर्मा को उम्मीदवार बनाया। बसपा ने यहां नन्हे सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है। 2019 में भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी थी। बिहार में हाजीपुर लोकसभा सीट पर एनडीए की तरफ से लोजपा (आर) के चिराग पसवान चुनाव मैदान में हैं। राजद ने हाजीपुर सीट पर शिवचंद्र राम को टिकट दिया है। शिवचंद्र विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर सीट पर लोजपा से पशुपति पारस ने जीत दर्ज की थी। इस समय कश्मीर की वादियों में पहाड़ों पर भले ही बर्फ गिर रही है लेकिन यहां का सियासी पारा उतना ही गर्म है। कश्मीर की बारामुला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी से फैयाज अहमद हैं। पिछले चुनाव में यह सीट नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकबर लोन ने जीती थी।
मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य मुंबई उत्तर से पीयूष गोयल, माेहनलालगंज से कौशल किशोर, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति, दिंडोरी से डॉ. भारती प्रवीण पवार, कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी, भिवंडी से कपिल पाटिल, बनगांव से शांतनु ठाकुर के चेहरे भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। फिलहाल बात बस इतनी सी है कि मौसम की गर्मी और सियासत की गर्मी लोकतंत्र के महापर्व में एक-दूसरे को चुनौती देती नजर आ रही हैं। वक्त के साथ किसकी गर्मी बरकरार रहेगी, यह समय ही बताएगा। पांचवें चरण तक तो हवा और सियासत दोनों की गर्मी सातवें आसमान पर है…।