वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई बड़ी खामियां मंत्री से करा दी, PWD में जिन जिलों के लिए राशि की मंजूर अब दूसरे जिलों में खर्च होगी!

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Finance Department Issued Orders

वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई बड़ी खामियां मंत्री से करा दी, PWD में जिन जिलों के लिए राशि की मंजूर अब दूसरे जिलों में खर्च होगी!

भोपाल. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से इस बार प्रदेश के बजट को मंजूरी दिलाने में वित्त विभाग ने कई गलतियां कर दी। विधानसभा में जो बजट स्वीकृत किया गया उसमें लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत जो राशियां स्वीकृत की गई वे अब उन जिलों में खर्च नहीं होंगी बल्कि दूसरे जिलों में खर्च होंगी।

यही नहीं उर्जा और नगरीय विकास विभाग के बजट में भी इस बार बड़ी गलतियां कर दी गई। इनमें अब सुधार किया गया है।

विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने राज्य का नौ महीने का बजट पेश किया था। सदन में इस पर चर्चा भी हुई और चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया। बजट मंजूर कराने में वित्त विभाग के अधिकारियों ने कई बड़ी खामियां वित्त मंत्री के हाथों करा दी।

लोक निर्माण विभाग में मुख्य बजट पुस्तिका क्रमांक 24 में मांग संख्या 24 लोक निर्माण विभाग में छह योजना क्रमांकों में जिन जिलों के लिए राशि की मंजूरी वित्त मंत्री से दिलाई गई, अब यह राशि उन जिलों में खर्च नहीं की जाएगी। बजट स्वीकृत होंने के इतने दिन बाद वित्त विभाग को अपनी गलती पकड़ में आई है। अब गलतियों को सुधार कर यह राशि दूसरे जिलों में खर्च की जाएगी।

इसी तरह उर्जा और नगरीय विकास विभाग के बजट में भी जो मंजूरी दी गई उनमें अब वित्त विभाग ने सुधार किया है।

ये हुई खामियां-

वित्त विभाग की योजना क्रमांक 2457 में रतलाम के लिए बजट दिया गया अब यह अलीराजपुर में खर्च होगा। योजना क्रमांक 5139 में छतरपुर की जगह इंदौर, इंदौर की जगह धार, धार की जगह खंडवा में राशि खर्च की जाएगी। योजना क्रमांक 6841 में खंडवा की जगह उज्जैन में राशि खर्च होगी। इसी तरह योजना क्रमांक 8041 में उज्जैन की जगह विदिशा, विदिशा की जगह खंडवा में राशि खर्च होगी। योजना क्रमांक 8042 में खंडवा की जगह मैहर, मैहर की जगह देवास, देवास की जगह इंदौर, इंदौर की जगह उज्जैन, उज्जैन की जगह सागर, सागर की जगह छतरपुर, छतरपुर की जगह दमोह, दमोह की जगह उज्जैन में राशि खर्च की जाएगी। इसी तरह योजना क्रमांक 9892 में उज्जैन, रीवा, मंदसौर, मुरैना जिलों के लिए आवंटित राशि अब दूसरी जगह खर्च की जाएगी।