Rajya Sabha Contenders : राज्यसभा की खाली सीट पर MP से किसे मौका मिलेगा, दावेदारों के अपने तर्क!

अमित शाह का किया वादा पूरा होगा या पार्टी किसी और नेता को भेजेगी!

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Rajya Sabha Contenders : राज्यसभा की खाली सीट पर MP से किसे मौका मिलेगा, दावेदारों के अपने तर्क!

Bhopal : राज्यसभा की सीट की एक सीट पर चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई। इसके साथ ही सीट के दावेदारों की दौड़ भी तेज हो गई। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश की बदली तस्वीर के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि पार्टी राज्यसभा के लिए किसे मौका देगी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई सीट को लेकर हलचल चरम पर है।

गुना संसदीय क्षेत्र के सांसद रहे केपी यादव का टिकट काटकर इस बार भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बनाया था। चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सार्वजनिक मंच से केपी यादव को दिल्ली ले जाने का वायदा किया था। अब सवाल यह है कि क्या अमित शाह अपने वायदे को निभाएंगे या फिर किसी और को मौका मिलेगा।

राज्यसभा की यह सीट भाजपा के ही खाते में जाएगी यह तय माना जा रहा है। इस बार संभावना है कि पार्टी इस सीट पर सामान्य वर्ग के किसी नेता का नाम आगे बढ़ाएगी या ओबीसी का। क्योंकि, छह महीने पहले फरवरी 2024 में भाजपा ने दलित समाज, ओबीसी और महिला कोटे से क्रमश: एल मुरुगन, उमेश नाथ महाराज, बंशीलाल गुर्जर और माया नारोलिया को राज्यसभा भेजा था।

इस बार जातीय और सियासी समीकरण के हिसाब से ठाकुर अथवा ब्राह्मण समाज के नेता को मौका दिया जा सकता है। लेकिन, केंद्रीय मंत्री अमित शाह के वायदे पर अमल हुआ तो एक बार फिर ओबीसी प्रत्याशी को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। यह भी संभावना व्यक्त की जा रही कि पार्टी समझौते के आधार पर कांग्रेस से भाजपा में आए सुरेश पचौरी को भी भेज सकती है। भाजपा हाईकमान अभी इस मुद्दे पर विचार मंथन में जुटा है।

नरोत्तम मिश्र और पवैया भी कोशिश में लगे

इस सीट के लिए पूर्व मंत्री डाॅ नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया के साथ केपी यादव के नाम जोर-शोर से चल रहे हैं। इनके अलावा और भी कुछ नेता हाईकमान के सामने अपनी दावेदारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान नरोत्तम अपनी पारंपरिक सीट दतिया से चुनाव हार गए थे। उसके बाद से उनका पुनर्वास नहीं हो पाया लेकिन पार्टी ने ‘ऑपरेशन लोटस’ सहित कई मौकों पर उन पर भरोसा जता चुकी है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह से उनकी करीबी रिश्ते भी उच्च सदन के लिए उनकी राह आसान बना सकते हैं।

मप्र से ये हैं राज्यसभा में

उमेश नाथ महाराज, बंशीलाल गुर्जर, एल मुरुगन, माया नारोलिया सभी भाजपा और अशोक सिंह (कांग्रेस) पांचों का कार्यकाल 3 अप्रैल 2024 से 2 अप्रैल 2030 तक है। कविता पाटीदार, सुमित्रा बाल्मीकि (भाजपा) एवं कांग्रेस के विवेक तन्खा (30 जून 2022 से 29 जून 2028) तक। सुमेर सिंह सोलंकी भाजपा एवं दिग्विजय सिंह कांग्रेस (22 जून 2020 से 21 जून 2026) तक।