Bhopal : पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आमने-सामने आ गए हैं। टेम और सुठालिया बांध के विस्थापन के मुद्दे पर पूर्व दिग्विजय शुक्रवार सुबह सवा 11 बजे से CM हाउस के सामने धरने पर बैठेंगे।
दिग्विजय ने इस मामले में बात करने के लिए शिवराज को पत्र लिखकर समय मांगा था। CM से मुलाकात के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की और से दिग्विजय सिंह को 21 जनवरी को सवा 11 बजे का समय तय होने की सूचना दी गई थी! लेकिन, इसे गुरुवार को निरस्त कर दिया।
दिग्विजय सिंह ने एक बयान जारी करके कहा कि CM के पास किसानों और राज्यसभा सदस्य से मिलने के लिए समय नहीं है। मैं निर्धारित समय पर ही जाऊंगा, यदि वे नहीं मिले, तो कोई ऐतराज नहीं। मैं वहीं बैठूंगा, मुझे गिरफ्तार करना है, तो कर लीजिए। लेकिन, यह बर्ताव भारी पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि राजगढ़ की सुठालिया, भोपाल और विदिशा जिले की सीमा टेम सिंचाई परियोजना से डूब में आने वाले गांव और विस्थापितों के मुआवजा को लेकर राजनीति शुरू हो गई। दोनों परियोजना से 5 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि डूब में आ रही है। इससे डेढ़ हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित होंगे। सरकार इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार मुआवजा दे रही है। जबकि, प्रभावित इसे कम बताकर इसके खिलाफ हैं।
सरकार का तर्क
383 करोड़ रुपए की लागत वाली टेम सिंचाई परियोजना से 10 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि सिंचित होगी। इसमें भोपाल के बैरसिया के आधा दर्जन गांव की 193 हेक्टेयर भूमि और लगभग 800 कच्चे-पक्के घर डूब में आ रहे हैं। इसी तरह विदिशा जिले की 450 हेक्टेयर भूमि और 550 मकान डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। गुना का अरेरा बालापुरा गांव के कुछ घर डूबेंगे।
सरकार दे रही सिर्फ ढाई लाख रुपए
इस परियोजना से मधुसूनगढ़ तहसील की करीब 10 हजार और बैरसिया तहसील में 550 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। विदिशा में दो लाख 15 हजार प्रति हेक्टेयर और बैरसिया में दो लाख 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। जबकि, खुले बाजार में इन जमीनों की कीमत से 12 से 18 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तक है। इस वजह से किसान सिंचाई परियोजना (बांध निर्माण) का विरोध कर रहे हैं।
10 लाख रुपए हेक्टेयर तय था मुआवजा
राजगढ़ जिले में ही मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के विस्थापितों को सरकार ने 2016 में 10 लाख रुपए हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया था। मकान बनाने के लिए शहरी क्षेत्र में भूखंड भी दिया गया था। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में 15 लाख रुपए हेक्टेयर की दर से मुआवजा देने और शहरी क्षेत्र में भूखंड देने के लिए नीति बनाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा था।
पार्वती नदी पर डैम
दूसरा मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा विकासखंड के बैराड़ गांव के पास पार्वती नदी पर 14 सौ करोड़ रुपए की प्रस्तावित सुठालिया परियोजना का है। इसमें राजगढ़ जिले के नौ, भोपाल जिले के पांच और गुना जिले के दो गांव डूब में आ रहे हैं। डेढ़ हजार से अधिक परिवारों को विस्थापित किया जाएगा। यहां की 4 हजार 300 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि डूब रही है। इसमें से अधिकांश भूमि पूर्व से सिंचित है।