Free Pass Controversy : नगर निगम और MPCA विवाद का एक और सच!

इसलिए बैकफुट पर आया एमपीसीए, फिर बांटे फ्री-पास

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Indore : शहर में हुए टी-20 क्रिकेट मैच के दो-दो पास पास शहर के सभी 85 पार्षदों को एमपीसीए ने दिए थे। निगम ने जब मनोरंजन कर और संपत्ति शुल्क वसूली का दबाव बनाया था, तब एमपीसीए ने बैकफुट पर आकर यह कदम उठाया। इससे पहले तक एमपीसीए किसी प्रकार के फ्री-पास और टिकट नहीं होने की बात कहता रहा।

मैच के दिन सुबह राजस्व विभाग की उपायुक्त लता अग्रवाल टीम के साथ बकाया राशि 38 लाख रुपए लेने पहुंची, तब अधिकारी और एमपीसीए के बीच विवाद हुआ। यहां तक कि निगम ने मौके पर ही मनोरंजन कर मांग लिया था। कर नहीं चुकाने के एवज में मैच नहीं कराने की बात भी कही थी, बाद में एमपीसीए ने टैक्स की राशि जमा की। होल्कर स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पिछले मंगलवार को क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था। इसके 90 फीसदी टिकट ऑनलाइन बुक हो गए थे। एमपीसीए पर स्थानीय जनप्रतिनिधि और अफसर मैच के पास देने का दबाव बना रहे थे। दबाव में एमपीसीए ने सिरे से यह कहकर इनकार कर दिया था कि पास नहीं हैं, केवल 25 पास निगम आयुक्त प्रतिभा पाल को दिए हैं।

बनाया प्रतिष्ठा का सवाल
एमपीसीए के सदस्यों का मानना था कि निगम आयुक्त को फ्री-पास दिए हैं, तो उन्हें बकाया राशि जमा करने की मोहलत मिल सकती है। लेकिन, जब ऐसा नहीं हुआ तो एमपीसीए ने प्रतिष्ठा का प्रश्न मानकर अधिकारियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिए।

किसको कितने फ्री-पास
85 पार्षदों को 2-2 फ्री पास, 9 विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधि को 15-15 पास, प्रशासनिक अधिकारियों को 50-50 पास, पुलिस व अन्य को 25-25 पास इस तरह 500 से अधिक पास बांटे गए। जिस एमपीसीए ने स्टेडियम में सीट खाली नहीं होने, सारे टिकट ऑनलाइन बिकने का दावा किया था, उसी ने दबाव में आकर मैच के पहले जन प्रतिनिधियों को फोन लगाकर बुलाया और 2-2 पास देकर रवाना किया। इस तरह एक घंटे में ही 500 पास बांट दिए। वार्ड-35 के पार्षद पति महेश जोशी के मुताबिक, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए क्रिकेट मैच के मुझे दो फ्री पास मंगलवार सुबह मिले थे। इसके पहले कई बार प्रयास किए, मगर एमपीसीए ने इनकार कर दिया था।