

Action on Illegal Colony Stuck : अवैध कॉलोनी काटने वालों पर FIR 4 महीने से अटकी!
Neemuch : जावद तहसील में चार महीने से एक आदेश कागजों में ही अटका है। इस आदेश में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी काटने वाले 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का उल्लेख है। इस मामले में जनपद सीईओ आकाश धार्वे और पटवारी की भूमिका संदिग्ध है। पटवारी ने एक ही जमीन की दो बार जांच की और दोनों बार अधिकारियों को अलग-अलग रिपोर्ट पेश की। पटवारी की भूमिका संदिग्ध
इस पूरे मामले में पटवारी योगेंद्र श्रीवास्तव की भूमिका भी सवालों में है। उन्होंने एक ही मामले में दो अलग-अलग प्रतिवेदन दिए। इससे वरिष्ठ अधिकारियों को भी गुमराह किया गया। पहले प्रतिवेदन में 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात थी। बाद में दूसरा प्रतिवेदन पेश किया उसमें मौके पर खेती होना बताया।
जबकि, एसडीएम के आदेश के बावजूद जनपद सीईओ आकाश धुर्वे के ऑफिस में 4 माह से एफआईआर की जांच अटकी है। इसे लेकर एक बार फिर जनपद सीईओ सुर्खियों में है। ये वही सीईओ हैं, जिनका प्रेम प्रसंग के चलते कुछ दिन पहले एक तहसीलदार सहित 5 पटवारी व अन्य लोगों ने अपहरण कर लिया था।
यह है पूरा मामला
जावद तहसील के बावल गांव में अवैध कॉलोनी काटने का मामला सामने आया था। एसडीएम ने इस पर कार्रवाई करते हुए 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। जनपद पंचायत सीईओ आकाश धार्वे को पत्र लिखकर इस बारे में निर्देशित भी किया था। जिन लोगों पर मामला दर्ज करने को कहा गया, उनमें विजय शर्मा, महेंद्र सिंह राजपूत, सूचित सोनी, पराग पालोड़, दिनेश बैरागी, रितेश गर्ग, सर्वेद्र सिंह राजपूत और एक अन्य व्यक्ति व महिला शामिल हैं।
एफआईआर चार महीने बाद भी नहीं हुई
इस मामले को चार महीने हो गए, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इनमें से कई लोग सत्ता पक्ष से जुड़े हैं। एक तो नगर परिषद जावद में उपाध्यक्ष के पद पर हैं। इसके अलावा अन्य लोग भी किसी न किसी तरीके से राजनीति से जुड़े है। माना जा रहा है कि इस वजह से यह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। हालांकि, वर्तमान में अधिकारियों के तबादले के बाद फिर से इसमें नए सिरे से कार्रवाई करने का आश्वासन अधिकारियों ने दिया है।
एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे
इस देरी के लिए अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। तत्कालीन एसडीएम ने जनपद सीईओ को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। जबकि, वर्तमान में तहसीलदार मयूरी जोक का कहना है कि उन्हें अब तक जनपद पंचायत से कोई पत्र नहीं मिला। वहीं इस मामले में जनपद सीईओ आकाश धार्वे का कहना है कि उन्होंने एसडीएम का पत्र मिलने के 20 दिन बाद ही प्रतिवेदन बनाकर भेज दिया था। इस तरह दोनों ही अधिकारी आदेश पर टालमटोल कर रहे हैं। आशय यह कि अवैध कॉलोनी काटने के मामले पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।