BJP’s Internal Politics: अपराध के आंकड़े जारी होने से भाजपा की अंदरूनी राजनीति गर्म

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BJP’s Internal Politics: अपराध के आंकड़े जारी होने से भाजपा की अंदरूनी राजनीति गर्म

रंजन श्रीवास्तव की खास राजनीतिक रिपोर्ट

भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष के प्रथम 7 महीनों में हुए अपराध के आंकड़े जारी किये हैं जिसके अनुसार पिछले वर्ष के प्रथम 7 महीनों की तुलना में इस वर्ष हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, लूट, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, चोरी इत्यादि के अपराधों में काफी कमी दिखाई गई है। यह आंकड़ें इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सिर्फ 9 महीने पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अतः सरकार ने यह बताने की कोशिश की है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पुलिस ने अच्छा काम किया जिसके फलस्वरूप अपराधों में भारी कमी आई है।

पिछले वर्ष चुनाव के पहले भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे जो वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री हैं। सरकार द्वारा आंकड़ों को जारी करने के पीछे संभवतः ये मंतव्य तो नहीं रहा होगा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ख़राब रोशनी में दिखाया जाए पर जब सरकार ने स्वयं पिछले वर्ष और इस वर्ष के अपराध के आंकड़ों की तुलना की है तो स्वाभाविक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री के नेत्तृत्व की तुलना भी होगी कि वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने कार्यकाल के सिर्फ 9 महीनों के अंदर वह क्या कर दिखाया जिसकी वजह से अपराध के आंकड़ों में भारी कमी दर्ज की गयी और जो कि पिछले वर्ष या वर्षों में संभव नहीं हो पाया था।
जहाँ तक पुलिस का शीर्ष नेतृत्व है उसमें पिछले ढाई वर्ष से कोई बदलाव नहीं हुआ है। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना अपने वर्तमान पद पर मार्च 2022 से हैं यानि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी लगभग 1 वर्ष 9 महीने काम किया। अतः यह नहीं कहा जा सकता है कि पुलिस विभाग में नेतृत्व परिवर्तन की वजह से अपराधों में कमी आयी है।

तो सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के पीछे यह मंतव्य जाहिर होता है कि अगर अपराध में कमी आयी है तो इसका श्रेय मुख्यमंत्री मोहन यादव को जाता है । यह किसी से छिपा हुआ तथ्य नहीं है कि भाजपा शिवराज सिंह चौहान को लेकर दो धड़ों में बंटी हुयी है। जहाँ एक धड़ा यह महसूस करता है कि भाजपा की 2023 विधान सभा चुनाव में जीत के पीछे चौहान के नेतृत्व का महती योगदान था और उनको पुनः मुख्यमंत्री नहीं बनाकर भाजपा नेत्तृत्व ने उनके साथ अन्याय किया वहीँ दूसरा धड़ा यह महसूस करता है कि चूँकि 2023 का चुनाव प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था अतः जीत में भारी योगदान उन्ही का माना जायेगा। इस धड़े का यह भी मानना है कि चौहान के कार्यकाल में पार्टी कार्यकर्ताओं में भारी असंतोष था और अगर चौहान को मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया जाता तो पार्टी का लोक सभा चुनाव में मध्य प्रदेश में 29 की 29 सीटों को जीतने का ख्वाब सिर्फ ख्वाब ही रह जाता।

खैर नेतृत्व परिवर्तन के पीछे जो भी कारण रहे हों पर अपराध के आंकड़ों के जारी होने से भाजपा के अंदर एक हलचल शुरू हो गयी है कि इसके पीछे भाजपा की अंदरूनी राजनीति कारण है या इसके पीछे का कारण है महू में दो आर्मी ऑफिसर्स और उनकी दो महिला मित्रों को बंधक बनाकर उनमें से एक महिला के साथ अपराधियों द्वारा सामूहिक दुराचार के बाद विपक्ष द्वारा सरकार पर हमला? इस घटना के पहले भाजपा नेतृत्व पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर कोलकाता में हुए ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद लगातार हमलावर थी तथा पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही थी। पर महू कि घटना और उसके पहले उत्तर प्रदेश में दो दलित लड़कियों के मृत और नग्न शरीर एक पेड़ से लटकता पाए जाने पर विपक्ष को भी भाजपा सरकार के खिलाफ हमला करने का मौका मिला। हो सकता है कि मध्य प्रदेश सरकार ने इसी दबाव में अपराध के आंकड़ों को जारी करने का फैसला किया हो पर इन आंकड़ों से भाजपा के अंदर की राजनीति भी गर्म हो गई है। जहाँ तक अपराध के आंकड़ों का मामला है वह तब तक विश्वसनीय नहीं माना जा सकता जब तक कि पुलिस और इसकी कार्यप्रणाली पर लोगों को विश्वास ना हो। यह छिपा हुआ तथ्य नहीं है कि अपराध के बहुत से मामलों में पुलिस प्रथम सुचना रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है। कई बार थानों में डकैती के मामलों में लूट की रिपोर्ट तथा अपहरण के मामलों में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने की कोशिश होती है। कई बार राजनीतिक दबाव या भ्रष्टाचार की वजह से या तो रिपोर्ट बिलकुल ही नहीं लिखी जाती है या रिपोर्ट को कमजोर धाराओं में दर्ज किया जाता है।

अपराध में कमी तभी मानी जा सकती है जब पुलिस शत प्रतिशत घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करे तथा उन्हीं धाराओं में दर्ज करे जिन धाराओं से अपराध संबंधित हों। पुलिस द्वारा अपराध की विवेचना तथा न्यायालय में दोष सिद्धि भी अन्य महत्वपूर्ण विषय हैं।