

CM of Delhi Will be Decided Today : दिल्ली की गद्दी किसे मिलेगी, आज विधायक दल की बैठक में फैसला, यह BJP का पुराना ट्रेंड!
जानिए, कौन कौनसे नेता है दिल्ली की रेस में और किस पर मोदी का भरोसा!
New Delhi : दिल्ली में सियासी बारात सज गई। बैंड, बाजा बारात सब तैयार है। घोड़ा भी आ गया, इंतजार है तो बस दूल्हे का कि घोड़े पर कौन बैठेगा! यह नई बात नहीं है, बीजेपी हमेशा ही ये करती आई है। यही वजह है कि 10 दिन बाद भी दिल्ली के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है। दिल्ली की जनता ने 8 फरवरी को अपना जनादेश दे दिया। 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता बीजेपी को सौंपी, लेकिन 10 दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम की जगह उसे चुने जाने की तारीख और समय बता रही है।
ऐसे में दिल्ली वालों को इंतजार है कि उनसे प्रधानमंत्री मोदी के जरिए किए गए वादों को दिल्ली में कौन पूरा करेगा? अब दिल्ली में बुधवार 19 फरवरी को बीजेपी विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुना जाएगा और गुरुवार को मुख्यमंत्री रामलीला मैदान में शपथ लेगा। चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में वक्त लेना बीजेपी का ट्रेडमार्क बन गया है। चाहे पहली बार साल 2014 में महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान हो या फिर योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपकर चौंकाना। बीजेपी न सिर्फ मुख्यमंत्री चुनने में वक्त लेती है। बल्कि, अपने मुख्यमंत्री से सबको हैरान भी करती रही है। इसीलिए बीजेपी विपक्ष के हमलों को तवज्जो नहीं दे रही।
दिल्ली में भी जारी बीजेपी का ट्रेंड
ओडिशा में बीजेपी ने मुख्यमंत्री का नाम बताने में 7 दिन लिए। 9वें दिन राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री पद दिए जाने पर मुहर लगी थी। इसी तरह मध्य प्रदेश में मोहन यादव का नाम तय होते-होते 8 दिन बीत गए थे। छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री चुनने में पार्टी को 7 दिन लग गए थे। लेकिन, दिल्ली में ये सारे रिकॉर्ड टूट गए और 11वें दिन मुख्यमंत्री के नाम का पता चलेगा। बड़ी बात ये है कि अभी तक सभी राज्यों में बीजेपी हाईकमान ने जितनी देर फैसला करने में लगाया, मुख्यमंत्री का नाम उतना ही चौंकाने वाला सामने आया। समझा जा रहा है कि क्या दिल्ली में भी बीजेपी ऐसा ही करेगी!
20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह
बीजेपी भले ही मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता रही हो, लेकिन उसके शपथ ग्रहण की जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जा सकता है, जो 20 फरवरी को सुबह 11.30 बजे रामलीला मैदान में शपथ लेगा। बीजेपी की तरफ से शपथ की तारीख वक्त और जगह मुकर्रर कर दी गई। रामलीला मैदान में शपथ के लिए तंबू गड़ने शुरू हो गए। लेकिन, विपक्ष मुख्यमंत्री के नाम में हो रही देरी को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है।
बुधवार को बीजेपी के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाएगी। लेकिन, आम आदमी पार्टी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने 48 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री के काबिल नजर नहीं आ रहा। मोदी राज में बीजेपी मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बनाकर रखती रही है। दिल्ली में भी इस बार भी यही हो रहा है। पार्टी हर सियासी दांवपेंच को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना चाहती है।
मुख्यमंत्री के लिए पांच नाम सबसे आगे
दिल्ली का असर सारे देश पर होता है, इसलिए बीजेपी सोच समझकर मुख्यमंत्री चुनना चाहती है। पार्टी के खेमे से 5 नाम सामने आ रहे हैं, जिसमें प्रवेश वर्मा, रेखा गुप्ता, विजेंदर गुप्ता, सतीश उपाध्याय और आशीष सूद शामिल हैं। दिल्ली में बीजेपी के जीते 48 विधायकों में से मोदी किसे मुख्यमंत्री बनाएंगे, इस पर सबकी नजर हैं। सवाल ये है कि क्या मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री को पहले ही चुन चुके हैं या फिर ये काम अभी बाकी है! क्योंकि, मामला दिल्ली का है, जहां से सारे देश में संदेश जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए 5 नाम आगे बताए जा रहे हैं, जो उम्र-तजुर्बा और पार्टी से जुड़े रहने के आधार बाकियों पर भारी हैं।
काम की प्राथमिकताएं भी तय
प्रधानमंत्री बता चुके हैं कि दिल्ली में बीजेपी की सरकार सबसे पहले यमुना का पानी स्वच्छ बनाएगी फिर रिवर फ्रंट और ग्रीन कॉरिडोर बनाएगी। वॉटर मेट्रो की संभावना से प्रधानमंत्री ने इनकार नहीं किया यानी पीएम मोदी के दिमाग में दिल्ली के विकास के ब्लू प्रिंट को लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। अब सवाल उस चेहरे को लेकर बचा है, जो राजधानी में पार्टी के इन वादों को जमीन पर उतारेगा। आखिर दिल्ली में अहमदाबाद जैसा रिवरफ्रंट बनाने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी किसके कंधों पर डालेंगे?
दिल्ली उन वादों को पूरा होते देखने को बेताब हैं, लेकिन उनकी पहली प्राथमिकता उस चेहरे को जानने की है, जिसके नेतृत्व में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनेगी। दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। इसने चुनाव हार चुकी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका दे दिया। ‘आप’ लगातार बीजेपी पर निशाना साध रही है कि पार्टी मुख्यमंत्री चुनने में इतना समय क्यों लगा रही!
सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री फेस की रेस बरकरार
पार्टी की तरफ से जो 5 नाम आगे चल रहे हैं उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा है। अगर गूगल ट्रेंड की बात करें तो इसमें रेखा गुप्ता और प्रवेश वर्मा का नाम सबसे ज्यादा सर्च किया गया है। यानी लोग इनके नाम को सबसे ज्यादा गूगल पर खोज रहे हैं। नतीजों के बाद से प्रवेश वर्मा आगे बताए जाते रहे हैं। शायद इसी बात का असर है कि X पर उनके सबसे ज्यादा 17 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स बढ़े हैं। रेखा गुप्ता और बाकी दावेदारों का नंबर इसके बाद है। लेकिन, X पर पोस्ट के आधार पर रेखा गुप्ता प्रवेश वर्मा से आगे हैं। दिल्ली में बीजेपी भले ही मुख्यमंत्री का नाम नहीं बता रही हो, लेकिन उसकी तरफ से शपथ ग्रहण के लिए रामलीला मैदान तय कर दिया गया है। साल 2013 से अरविंद केजरीवाल रामलीला मैदान में शपथ लेते रहे हैं लेकिन बीजेपी की तरफ से इसका चुना जाना, उसकी बड़ी सियासी चाल माना जा रहा है।