कांग्रेस तो बैलेट पेपर में भी चुनाव हार गई!  

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कांग्रेस तो बैलेट पेपर में भी चुनाव हार गई!  

अजय कुमार चतुर्वेदी की विशेष राजनीतिक रिपोर्ट 

घटना छोटी है लेकिन राजनीतिक नज़रिये से महत्वपूर्ण है. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 23 जनवरी को स्थानीय निकायों के चुनाव हुए, परिणाम देखिये – उत्तराखंड में 11 नगर निगम हैं. इनके मेयर के लिए हुए चुनाव में 10 पर भाजपा और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता. पिछली बार कांग्रेस के दो मेयर थे. इसी तरह नगर पालिका में भी कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ख़राब रहा. नगर निगमों में कांग्रेस का लगभग सफाया ही हो गया.

कांग्रेस पार्टी अभी तक हार का ठीकरा ई वी एम पर फोड़ती आई है लेकिन मत पत्रों से हुए मतदान में भी पार्टी को बुरी हार झेलनी पड़ी. उत्तराखंड के परिणाम पर राज्य और केंद्रीय नेतृत्व ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. राज्य इकाई ने केवल इतना कहा की ‘हमें जनता का फैसला स्वीकार है.’

उत्तराखंड के ताज़ा नतीजों ने यह साफ कर दिया की राज्यों में कांग्रेस की ज़मीन खिसक चुकी है और उसके नेता केवल हवा में बातें करते है.

जानकारों का कहना है कि पार्टी हाई कमान के कुछ नेताओं के बोल भी राज्यों में पार्टी की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है. उनका यह भी कहना है कि इस दल के नेता बदलते राजनीतिक माहौल और स्थानीय करंट को समझना नहीं चाहते और पुराने मुद्दों को ही उठाते रहते हैं जिसके कारण पार्टी के स्थानीय नेता निराश है और कांग्रेस का जनाधार भी खिसकता जा रहा है.