Garlic Paste Off : हाई कोर्ट ने इंदौर मंडी में लहसुन की आढ़त बंद की, 7 साल की कानूनी लड़ाई के बाद फैसला!
इंदौर। इन दिनों लहसुन के भाव आसमान छू रहे हैं। खुले बाजार में लहसुन 500 से 600 रु किलो तक बिक रहा है। किसान और व्यापारी लहसुन की रखवाली के लिए बंदूकधारी तक तैनात कर रहे हैं। लहसुन की बढ़ी कीमत की देशभर में चर्चा हैं। ऐसे में मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने लहसुन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया।
हाई कोर्ट ने इंदौर की चोइथराम मंडी में लहसुन की खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। यह फैसला किसानों के हित मे हुआ और मंडी समिति और मंडी बोर्ड के निर्णय को खारिज कर दिया गया। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद मंडी समिति ने लहसुन की सरकारी खरीदी के निर्देश जारी किए , जो दो पालियों में होगी।
प्रदेश में लहसुन की खरीद-बिक्री के मामले में इंदौर मंडी में 9 साल तक आढ़त के जरिए काम हो रहा था। जबकि, अन्य मंडियों में यह काम सरकारी बोली के जरिए होता है।
इंदौर मंडी बोर्ड ने 2015 से इंदौर में आढ़त के माध्यम से खरीद-बिक्री शुरू की थी। इसके विरोध में किसानों ने 2017 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने 7 साल बाद समिति और मंडी बोर्ड के निर्णय को खारिज करते हुए इंदौर मंडी में सरकारी बोली के माध्यम से लहसुन की खरीद-बिक्री की मांग को मंजूरी दी।
इसके बाद, मंडी सचिव ने 26 फरवरी से सरकारी बोली के अनुसार इंदौर मंडी में सुबह 9 से 1 बजे और दोपहर 1.30 से 5.30 बजे तक लहसुन की खरीद-बिक्री का आदेश जारी किया।
मंडी की आय बढ़ेगी
वर्तमान में इंदौर मंडी में हर दिन लहसुन के 25 हजार कट्टे आवक हो रहे हैं, सरकारी खरीद पर बोली लगने से मंडी समिति के करों में वृद्धि का अनुमान है, साथ ही मंडी की अतिरिक्त आय भी बढ़ेगी।
किसानों को नुकसान के आसार
वर्तमान समय में लहसुन की बाजार में बिक्री दर 12 हजार से 16 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक हो रही है। यहाँ तक कि जब यह गीला है, तब भी इसकी अच्छी मांग है। सरकारी खरीद पर बोली लगने से, व्यापारियों में और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे किसानों को और अधिक लाभ होगा।