Investigation of Kejriwal’s Order : कस्टडी से केजरीवाल ने कैसे आदेश दिए, इस मामले की जांच होगी!
New delhi : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रिमांड में रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से जारी किए गए सरकारी आदेश को जांच एजेंसी ने गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने बताया, वह जांच कर रहे हैं कि क्या ऐसा निर्देश जारी करना पीएमएलए कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के दायरे में है? सवाल है क्या हिरासत के दौरान केजरीवाल सरकार चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज साइन कर सकते हैं? कोर्ट के आदेश के अनुसार केजरीवाल प्रतिदिन शाम 6 से 7 के बीच आधा घंटा अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सहायक बिभव कुमार से, जबकि आधा घंटा अपने वकीलों से मिल सकते हैं।
शराब घोटाले में पकड़े गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाने के अपने दावे को सच करते हुए शनिवार को ईडी की कैद से अपना पहला आदेश जारी किया। यह आदेश जल मंत्रालय से जुड़ा हुआ था। केजरीवाल ने जल मंत्री आतिशी को दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल व सीवर समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया। आतिशी ने खुद मीडिया के सामने रविवार को इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को पता चला कि दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी और सीवर की काफी समस्याएं हो रही हैं। इसे लेकर वह चिंतित हैं।
आतिशी ने कहा, सीएम का मानना है कि उनके जेल में होने के कारण लोगों को जरा भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए। गर्मियां भी आ रही हैं, इसलिए उन्होंने ईडी की हिरासत में रहते हुए शनिवार को आदेश दिया कि जहां पानी की कमी है, वहां उचित संख्या में टैंकरों का इंतजाम किया जाए। मुख्य सचिव समेत अन्य अधिकारियों को उचित आदेश दिए जाएं तााकि जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान हो। इस मामले में जरूरत पड़ने पर उपराज्यपाल की भी मदद लें।
मंगलवार को एक बार फिर अरविंद केजरीवाल ने कस्टडी से नया आदेश जारी किया। इस बार उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समस्याओं को लेकर आदेश जारी किया है। इस मसले पर सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।
गिरोह चलते हैं जेल से सरकारें नहीं
जेल से दिल्ली सरकार चलाने पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि जेल से गिरोह चलते हैं, सरकारें नहीं। तिवारी ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को एक सफर स्वराज से शराब तक करार दिया। उन्होंने केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह वीडियो में सीएम की कुर्सी पर बैठी दिखीं। इस कुर्सी पर बैठने में उन्हें कोई शर्म नहीं महसूस हुई।