

New CEC’s Family : जिस परिवार में 28 डॉक्टर, कई IAS, IPS और IRS उस परिवार से जुड़े हैं नए मुख्य चुनाव आयुक्त!
Agra : देश के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए ज्ञानेश कुमार की योग्यता और प्रतिभा अद्भुत है। लेकिन, उनके परिवार में सिर्फ वे ही प्रतिभाशाली नहीं है, बल्कि उनके परिवार में डॉक्टरों और अफसरों का बड़ा जमावड़ा है। उनके पूरे परिवार में 28 लोग डॉक्टर हैं। उनकी दोनों बेटियां भी अफसर हैं और उनके पति भी। ज्ञानेश कुमार की एक बहन भोपाल में रहती है। उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं। वे मूलतः आगरा के हैं।
उनके पिता डॉ सुबोध कुमार गुप्ता मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहे। माता सत्यवती गुप्ता योग शिक्षक हैं। बड़ी बेटी मेधा रूपम कासगंज जिले की कलेक्टर है और दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी। पिता के सरकारी नौकरी में होने की वजह से उनके तबादले होते रहे और ज्ञानेश कुमार की शुरुआती पढ़ाई गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई। उनके परिवार में कई लोग पेशे से डॉक्टर हैं, पर ज्ञानेश कुमार ने अलग ही रास्ता बनाया और सिविल सेवा को चुना।
उनके पिता मूल रूप से मिढ़ाकुर के रहने वालर है, पर बाद में आगरा आकर बस गए। फिलहाल उनके माता-पिता दिल्ली में रहते हैं। उन्हें जानने वालों के मुताबिक, ज्ञानेश बचपन से ही प्रतिभाशाली रहे। वे वाराणसी के क्वींस कॉलेज के टॉपर रहे। 12वीं उन्होंने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज से की, यहां भी टॉप किया। इसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी दिल्ली से की। यहां एक साल हुडको में भी काम कया। 1988 में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएसएस अधिकारी बने। तिरुवनंतपुरम के कलेक्टर रहे। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया।
इन मामलों में भी उनकी भूमिका यादगार
गृह मंत्रालय में सचिव रहते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कमेटी के सदस्य के तौर पर काम। नए मुख्य चुनाव आयुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ज्ञानेश कुमार ने अपनी काबिलियत से केंद्र सरकार के फैसलों को लागू करने में बड़ी भूमिका निभाई। उन्हें केंद्र सरकार ने श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया था। वे बाल स्वरूप के भगवान श्रीराम की मूर्ति चयन के निर्णायक मंडल में भी रहे। ज्ञानेश पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य करते हुए रिटायर हुए थे।
अफसरों और डॉक्टरों का परिवार
उनके पिता सुबोध कुमार गुप्ता के पड़ोसी बताते है कि विजय नगर कॉलोनी में उनके परिवार के 28 सदस्य डॉक्टर है। मां सत्यवती अब भी योग सिखाती है। ज्ञानेश कुमार की बड़ी बेटी मेधा रूपम फिलहाल कासगंज जिले की कलेक्टर हैं। उनके पति मनीष बंसल भी आईएएस हैं और दोनों 2014 बैच के आईएएस हैं। उनकी दूसरी बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं। उनके बेटे अरनव पढ़ाई कर रहे हैं। ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली के पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं।
किन महत्वपूर्ण पदों पर रहे
कांग्रेस के शासनकाल (यूपीए सरकार) के दौरान 2007 से 2012 तक वे रक्षा मंत्रालय में संयुक्त रक्षा सचिव रहे। 2014 में केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिशनर बने। इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों के बीच उन्होंने 183 भारतीयों को इराक से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें इरबिल में फंसी 46 मलयाली नर्स भी शामिल थीं, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया।