Alcohol Smuggling : TI ,ASI और आरक्षक सस्पेंड

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Alcohol Smuggling : TI, ASI और आरक्षक सस्पेंड

शराब की बोतलों पर लगे बैच नंबर का रिकॉर्ड मांगा गया

Dhar : शराब तस्करी मामले में पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने कल कुक्षी के TI सीबी सिंह और ASI जगदीश निनामा को लाइन अटैच किया था, आज उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
इस पूरे मामले की जांच अब एडीशनल एसपी के मार्गदर्शन में SIT ने शुरू कर दी है। दो पुलिसवालों को सस्पेंड करने के साथ ही 34वीं बटालियन में पदस्थ एक आरक्षक को भी निलंबित किया गया। आरक्षक की डयूटी एसडीएम के साथ थी तथा घटना के दौरान कर्तव्यों का पालन नहीं करने व सुरक्षा नहीं देने के चलते निलंबित कर दिया गया।

दो दिन पूर्व कुक्षी के ढोल्या घाटी से अवैध शराब का परिवहन ट्रक के माध्यम से होने की सूचना 13 सितंबर को सुबह के समय SDM को मिली थी। वे नायब तहसीलदार कृणाल अवासिया को साथ में लेकर घटना स्थल पर गए और उक्त वाहन का पीछा किया। ग्राम हल्दी में ढाबे के सामने ट्रक (क्रमांक एमपी-09 एच-0112) को रोका। अधिकारी वाहन चालक से ट्रक को लेकर चर्चा कर रहे थे, तभी पीछे से शराब तस्कर सुखराम पिता वेस्ता अपने साथियों को लेकर पहुंचा व अधिकारियों के साथ मारपीट करते हुए जानलेवा हमला किया।
इस दौरान नायब तहसीलदार को बंधक बनाकर भी आरोपी लेकर गए थे अचानक हुए घटनाक्रम के बाद प्रशासन हरकत में आया व इंदौर से भी अधिकारी जांच के लिए पहुंचे थे। इस मामले में अभी 4 आरोपी फरार हैं, जिनपर 10-10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित है। एसपी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजगढ़ के थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार मालवीय को कुक्षी थाने की कमान व उनि दिलीप कुमार तडेवला को निसरपुर चौकी का प्रभारी बनाया गया है। वहीं 34वीं बटालियन की ए-कंपनी के माध्यम से कुक्षी एसडीएम के गनमैन के रूप में पदस्थ आरक्षक पुनीत पांचाल को भी एसपी ने निलंबित कर दिया है।

रिकॉर्ड मांगा गया, अब स्थिति स्पष्ट होगी

इस पूरे मामले की जांच के लिए धार से एक टीम बड़वानी पहुंची है। इस दौरान ट्रक आने वाले पूरे मार्ग का निरीक्षण किया गया। जिसके बाद जिस संबंधित दुकानों से ट्रक में शराब की पेटियां रखने की बात कही जा रही थी, उन दुकानों का आबकारी अधिकारियों के साथ निरीक्षण भी किया गया, किंतु शुरुआती अवलोकन में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।
कुक्षी पुलिस ने शराब की बोतलों पर लगे बैंच नंबर को लेकर रिकॉर्ड इंदौर आबकारी संभाग कार्यालय से मांगा हैं, जिसमें विशेषकर बड़वानी जिले को फोकस किया गया है। आबकारी विभाग अब फैक्ट्रियों के माध्यम से रिकॉर्ड चेक करने के बाद पुलिस को बता पाएगा कि उक्त बेच नंबर की पेटियां किस दुकान को आवंटित हुई व किस ठेकेदार को दी गई हैं, जिसके आधार पर पुलिस उन्हें भी आरोपी बनाएगी।