तवा बांध बाई तट मुख्य नहर में हरदा के लिए 28 मार्च एवं सिवनी मालवा के लिए 31 मार्च को छोड़ा जाएगा पानी

कमिश्नर श्री शुक्ला की अध्यक्षता में संभाग स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक संपन्न

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तवा बांध बाई तट मुख्य नहर में हरदा के लिए 28 मार्च एवं सिवनी मालवा के लिए 31 मार्च को छोड़ा जाएगा पानी

नर्मदापुरम से ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रिपोर्ट

नर्मदापुरम। ग्रीष्मकालीन फसल मूंग की सिंचाई के संबंध में शुक्रवार को नर्मदापुरम कमिश्नर श्री श्रीमन् शुक्ला की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय में संभागीय जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर नर्मदापुरम श्री नीरज कुमार सिंह, कलेक्टर हरदा श्री ऋषि गर्ग, मुख्य अभियंता तवा परियोजना श्री शिशिर कुशवाह, उपायुक्त श्रीमती अंजलि जोसेफ, अधीक्षण यंत्री तवा परियोजना श्री आर आर मीणा, अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग बैतूल श्री ए के डेहरिया, महाप्रबंधक एमपीईबी श्री बी एस परिहार सहित समिति सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में मूंग सिंचाई के लिए तवा मुख्य नहर पानी छोड़े जाने के संबंध में विस्तृत चर्चा कर का निर्णय लिया गया कि तवा बांध बाई तट मुख्य नहर में हरदा जिले के लिए 28 मार्च से एवं नर्मदापुरम जिले अंतर्गत सिवनी मालवा में 31 मार्च तथा इटारसी के लिए 4 अप्रैल से पानी छोड़ा जाएगा। वहीं दाई तट मुख्य नहर में पिपरिया संभाग के लिए 5 अप्रैल से पानी छोड़े जाएगा । बैठक में अधीक्षण यंत्री श्री मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में तवा बांध का जल स्तर 1142.70 फीट एवं जल भराव क्षमता 851.47 मिलियन घनमीटर है। उन्हें बताया कि मूंग सिंचाई के लिए नर्मदापुरम जिले में 40000 हेक्टेयर एवं हरदा जिले में 37,760 हैक्टेयर रकबे में इस प्रकार कुल 77,760 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना प्रस्तावित की गई हैं। बैठक में कमिश्नर श्री शुक्ला ने नहरों की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक साफ-सफाई एवं मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्हीनें कहा कि नहरों से पानी का दुरुपयोग न हो सुनिश्चित करें। जल संसाधन विभाग का अमला एवं जिला प्रशासन आपसी समन्वय से किसानों से संबंधित मुद्दों का त्वरित निराकरण कराएं। सिंचाई के दौरान जल संसाधन विभाग के द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने एमपीईबी के अधिकारियों को बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई अवधि के दौरान ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में उन्हें शीघ्र बदलने की कार्यवाही की जाए। अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग बैतूल श्री डेहरिया ने बताया कि बैतूल जिले के अंतर्गत 5 मध्यम परियोजना एवं 173 लघु परियोजनाएं इस प्रकार कुल 178 सिंचाई योजना क्रियान्वित हैं। वर्तमान स्थिति में प्रमुख परियोजना जिसमें सापना मध्यम परियोजना में जीवित जल भराव क्षमता 2.42 मिली घन मीटर एवं पारसडोह मध्यम परियोजना में 39.94 मिली घनमीटर है। उन्होंने बताया कि सपना परियोजना में लाइनिंग कार्य एवं पारसडोह मध्यम परियोजना में ऑटो माईजैशन की कार्य प्रगतिरत होने के कारण जायद फसल के लिए पानी दिया ना वर्तमान में संभव नहीं हैं।