Paper Leak Case : पेपर लीक मामले में आज पुलिस अक्षय बम के कॉलेज पहुंचकर सामग्री जब्त करेगी!

कॉलेज के प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध लग रही, अक्षय बम से भी पूछताछ संभव!

601

Paper Leak Case : पेपर लीक मामले में आज पुलिस अक्षय बम के कॉलेज पहुंचकर सामग्री जब्त करेगी!

Indore : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की एमबीए परीक्षा के पेपर लीक मामले में पुलिस ने अभी तक 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो छात्र और एक कॉलेज का कम्प्यूटर ऑपरेटर है। पकड़े गए आरोपियों से छोटी ग्वालटोली पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।लेकिन, अभी तक पुूुलिस को कोई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ नहीं लगी। मामले की विस्तार से जांच के लिए आज 10 जून को पुलिस अक्षय बम के कॉलेज आइडलिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट पहुंचेगी और संदिग्ध सामग्री जब्त करेगी।

डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे के मुताबिक देवी अहिल्या विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित (एमबीए प्रथम सेमेस्टर) की परीक्षा का 24 मई को पेपर लीक हुआ था। यह भी पूछा जा रहा है कि आरोपी कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रिंसिपल के रूम तक कैसे पहुंच गया। प्रिंसिपल की इसमें मिलीभगत तो नहीं थी। इस बीच कॉलेज की मान्यता रद्द करने की मांग भी जोर पकड़ने लगी। छोटी ग्वालटोली थाना प्रभारी उमेश यादव ने कहा कि मामले में जांच की जा रही है।

मुख्य आरोपी दीपक पिता सुरेश सोलंकी, जो कॉलेज में कम्प्यूटर आपरेटर है, उसने पूछताछ में बताया कि वह दिसम्बर 2021 से कॉलेज में काम कर रहा है। मैनेजमेंट मेरे काम से खुश था। फेकल्टी भी मेरे सामने अलमारी की चाबियां रखते थे। कई बार मैं कॉलेज बंद होने के बाद भी घंटों वहां रुकता था। परीक्षा पत्र कहां रखे इसकी जानकारी भी मुझे रहती थी। उसने बताया कि मेरे पास कॉलेज का छात्र गौरव आया, वह एमबीए में फेल हो चुका था। इससे वह परेशान रहता था। घटना के दो दिन पहले वह मेरे पास आया और कहा कि प्रश्न पत्र कहां रखे हैं, इसकी जानकारी तुम्हें है, मुझे एक प्रश्न पत्र चाहिए। जितने रुपए मांगोगे, देने को तैयार हूं। वह बार-बार प्रश्न पत्र देने की रिक्वेस्ट कर रहा था।

फोटो कॉपी की तो कैमरे में कैद

दीपक ने कहा कि मैं पैसे के लालच में आ गया और गौरव को 2 हजार रुपए में प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी निकालकर थमा दी। मुझे यह ध्यान नहीं रहा कि जहां से फोटो कॉपी कर रहा हूं, वहां सीसीटीवी कैमरा लगा है।

पेपरलीक का पूरा मामला

डीएवीवी की एमबीए परीक्षा के पेपर पिछले महीने लीक हो गए थे। मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने आइडिलिक कॉलेज के ऑपरेटर दीपक पिता सुरेश सोलंकी को गिरफ्तार किया। उसने कॉलेज प्रिंसिपल के रूम से पेपर के बंडल की सील लोहे की स्केल से तोड़कर पेपर निकाला और मोबाइल से फोटो खींचकर कॉलेज के एक छात्र को दो हजार रुपए में बेचा। फिर छात्र ने इसे अपने साथी को वॉट्सऐप पर भेजा। पुलिस ने स्टूडेंट धीरेंद्र नरवरिया को पकड़ा। धीरेंद्र कॉलेज में एमबीए प्रथम वर्ष का छात्र है। उससे जानकारी मिली कि उसके पास पेपर छात्र गौरव सिंह गौर के जरिए आया था।o

प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध

पुलिस अब कॉलेज की प्रिंसिपल से भी पूछताछ करेगी। मामले में प्रिंसिपल की लापरवाही सामने आई है। उन्होंने पेपर थाने नहीं भिजवाए। मामले में कॉलेज के चेयरमैन अक्षय बम से भी पुलिस पूछताछ कर सकती है। मामले में डीएवीवी की कुलपति रेणु जैन का कहना है कि पुलिस और विवि द्वारा गठित कमेटी के द्वारा जांच की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही आगे कार्रवाई करेंगे।

वाट्सएप से कड़ियां जोड़कर पुलिस कॉलेज पहुंची

एसीपी तुषारसिंह के मुताबिक पेपर लीक होने के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने जांच के दौरान आठ कॉलेजों को संदेह में रखकर जांच की। छात्रों ने कथनों में आइडलिक कॉलेज पर शक जाहिर किया। पुलिस ने करीब डेढ़ सौ छात्रों के मोबाइल की कॉल डिटेल और वाट्सएप की जांच की। आइडलिक कॉलेज के छात्रों से पूछताछ की, तो उन्होंने भी पेपर लीक होने की पुष्टि कर दी। छात्रों ने गौरव और दीपेंद्र का नाम बताया। दोनों के मोबाइल जब्त कर जांच की तो उसमें चेटिंग और पेपर मिल गया। एसीपी के मुताबिक प्रिंसिपल और कॉलेज प्रबंधन से भी पूछताछ होगी। किसी अन्य की लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।

आरोपियों ने मोबाइल फ़ॉर्मेट किया

तीनों आरोपियों के मोबाइल जब्त किए हैं। मोबाइल को फार्मेट कर दिया गया है। डेटा रिकवर करने की प्रक्रिया पुलिस ने शुरू कर दी है। डेटा सामने आने के बाद पता चलेगा कि तीनों में कितने छात्रों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए हैं।